‘आप’ के नेता अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकर्ताओं के हिंसक रवैये पर माफी मांगी है। केजरीवाल ने भुज में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,’मुझे ऐसा पता चला है कि शांति से विरोध प्रदर्शन हो रहा था, लेकिन बीजेपी की ओर से हिंसा शुरू होने के बाद हमारी पार्टी की तरफ से भी हिंसा हुई। मैं कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे शांति बनाए रखें।’ उन्होंने कहा, ‘हमें किसी भी तरह से उत्तेजित नहीं होना चाहिए। मेरी चिंता न करें, मेरी रक्षा भगवान कर रहा है।’ उन्होंने दावा किया कि बीजेपी समर्थकों ने पहले हमला किया और ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने दो या तीन पत्थर फेंककर इसका जवाब दिया। केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे आप कार्यकर्ताओं द्वारा की गईं गलतियों के लिए खेद है। उन्हें मेरी हिरासत पर हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए था।’
केजरीवाल ने गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के कैंडिडेट नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी कार के जो शीशे तोड़े गए हैं, वह उन्हीं (नरेंद्र मोदी) के इशारे पर ही तोड़े गए हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि मेरी गुजरात यात्रा से लगता है कि राज्य सरकार घबरा गई है और ऐसे हथकंडे अपना रही है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी का प्रचार करने गुजरात यात्रा पर गए अरविंद केजरीवाल को वहां की पुलिस ने पाटन में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद रोक लिया था और उसके बाद ‘आप’ व बीजेपी के समर्थकों के बीच देश के कई जगहों पर झड़पें हुईं। इन झड़पों में न सिर्फ कार्यकर्ताओं को बल्कि कुछ सीनियर नेताओं को भी चोट लगी हैं।
आशुतोष व शाजिया से थाने में हुई पूछताछ
दिल्ली में बीजेपी दफ्तर पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के हंगामे को लेकर गुरुवार को पुलिस ने पार्टी की नेता शाजिया इल्मी और आशुतोष को थाने ले जाकर पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। पुलिस पूछताछ के बाद शाजिया इल्मी ने कहा कि जो भी हुआ उन्हें उसका अफसोस है। उन्होंने साथ ही AAP कार्यकर्ताओं पर एफआईआर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह नफरत का माहौल बना रही है। उन्होंने कहा कि हम बीजेपी दफ्तर के बाहर 15 मिनट तक थे और इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव किया था।
आप नेता आशुतोष से मंदिर मार्ग थाने में करीब साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की गई। आशुतोष रात करीब साढ़े सात बजे थाने से बाहर निकले। उन्होंने बताया कि हमने पुलिस को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दे दी है। आशुतोष ने कहा कि उन पर लगाया गया भीड़ को उकसाने का आरोप गलत है।
उन्होंने कहा, ‘दोपहर ढाई बजे पुलिस मुझे और अखिलेश को मंदिर मार्ग थाने ले गई। पहले मुझसे पूछताछ की गई। मैंने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया। मैंने पुलिस को बताया कि किस तरह हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और बीजेपी के लोगों ने गुंडागर्दी शुरू की और पत्थर फेंके। मुझ पर भी हमला किया गया। इसके बाद पुलिस ने अखिलेश से पूछताछ की। पूछताछ के बाद हमें छोड़ दिया गया।’ आशुतोष ने कहा कि हमने पुलिस से विडियो फुटेज की जांच करने की मांग की है। अगर उसमें हम कुछ गलत करते पाए जाते हैं, तो हम सजा भुगतने के लिए तैयार हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस की टीम ‘आप’ के मॉडल टाउन स्थित दफ्तर पहुंची। तीन-चार घंटे की जद्दोजहद के बाद पुलिस पार्टी के नेता आशुतोष को पूछताछ के लिए संसद मार्ग थाने ले गई। जब पुलिस आशुतोष को ले जा रही थी तो उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हंगामा न करने की अपील की। पार्टी की अन्य नेता शाजिया इल्मी को भी पुलिस थाने ले गई। जब शाजिया से पूछा गया कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता। मुझे कुछ बताया नहीं गया है।’
बुधवार को हंगामे के बाद ‘आप’ को दिल्ली चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है और 24 घंटे के भीतर पार्टी को जवाब देने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ, बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए ‘आप’ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि दिल्ली में बीजेपी दफ्तर पर दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई पत्थरबाजी और तोड़फोड़ के मामले में ‘आप’ की नेता शाजिया इल्मी, आशुतोष और प्रोफेसर आनंद कुमार समेत 17 नेता-कार्यकर्ताओं के खिलाफ संसद मार्ग थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में आप के 14 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई। गुरुवार को आशुतोष, शाजिया और आनंद कुमार की गिरफ्तारी की अटकलें उड़ती रहीं। दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर एमके मीणा ने ‘आप’ के नेताओं के उन दावों को खारिज कर दिया कि प्रफेसर आनंद कुमार गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आशुतोष ने कहा था कि आनंद कुमार गिरफ्तार किए गए हैं। हालांकि, मीणा ने कहा है कि जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर है, सभी गिरफ्तार किए जाएंगे। पुलिस ने बुधवार की घटना की रात भर की जांच के बाद ‘आप’ नेताओँ और कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी रूप से जमा होने, दंगा करने, सरकारी कर्मियों पर हमला करने, उनके काम में बाधा पहुंचाने, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करने जैसे आरोपों में केस दर्ज किया है। केस की लगभग सभी दफाएं गैरकानूनी हैं।
चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट
पुलिस ऑफिसरों का कहना है कि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी पॉलिटिकल असेंबली के लिए परमिशन जरूरी है। उनके मुताबिक, ‘आप’ के लोगों ने बीजेपी के अशोक रोड स्थित ऑफिस पर प्रदर्शन के लिए परमिशन नहीं ली थी, न ही कोई सूचना ही पहले से पुलिस को दी थी। इसलिए उनका इकट्ठा होना ही गैरकानूनी है।
बीजेपी दफ्तर पर हुए बवाल के मामले में चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। बीजेपी ने आज चुनाव आयोग से मिलकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ शिकायत की और हंगामे की सीडी सौंपी। पार्टी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘आप’ का रवैया गुंडों की तरह है और इनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी के खिलाफ आयोग से शिकायत करने का फैसला किया है। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर पत्थरबाजी के आरोप लगा रही हैं।