जनसुनवाई में आई दरकते रिष्तों की दास्तान

jansunvaiरायसेन, मॉ की ऊंगली पकड़कर चलते समय बेटे का पैर थोड़ा भी फिसल जाए तो मां के माथे पर चिंता की लकीरे उभर आती हैं। उसे कहीं चोट न लगे इस डर से सारा सफर वह उसे गोद में लेकर तय करती है। लेकिन वही बेटा जब मॉं को जीवन के सफर में घर से बाहर कर दे, तो उस मांॅ के लिए इससे बड़ा दर्द कोई और नहीं हो सकता। यह आपबीति है जनसुनवाई में कुआं सांची से आई जैनब बी की। जैनब ने कलेक्टर श्री जेके जैन को बताया कि उसे घर से बाहर निकालने के लिए उसका बेटा और बहू रात दिन परेषान करते हैं।
कलेक्टर श्री जैन ने जैनब के आवेदन को गंभीरता से लेते हुए अपर कलेक्टर श्री राधेष्याम अगस्थी को माता-पिता भरण पोषण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देष दिए। कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि प्रदेष सरकार ने माता-पिता और वृद्धजनों को ससम्मान जीवन यापन के लिए माता-पिता भरण पोषण अधिनियम बनाया है।

इन्हें मिलेगी पेंषन
पंदरभाटा बेगमगंज निवासी पूना बाई ने कलेक्टर को आवेदन देते हुए बताया कि एक साल पहले पति का देहांत को गया है। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं और वह गरीब है। कलेक्टर श्री जैन ने सामाजिक न्याय उप संचालक को आवेदन भेजते हुए इस पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देष दिए। इसी तरह ग्राम दिघावन उदयपुरा निवासी पार्वती बाई ने बताया कि वह 75 साल की हो गई है और उसे पेंषन नहीं मिली है। कलेक्टर श्री जैन ने पेंषन प्रदान करने संबंधी आवष्यक कार्यवाही करने के निर्देष दिए।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनसुनवाई में जो आवेदन पत्र प्राप्त हुए उनमें सीमांकन, अवैध कब्जा, इंदिरा आवास, पेंशन, नामांतरण, बीपीएल राशन कार्ड, आर्थिक सहायता, आपसी विवाद, पट्टे की मांग आदि से संबंधित थे। इस जनसुनवाई में 260 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जिसमंे 140 आवेदन पत्र विभागों को शीघ्र कार्यवाही के लिए भेजे गए।

हरि भूमि अखबार के रायसेन अंक का विमोचन
रायसेन, वन मंत्री डॉ गौरीषंकर शेजवार ने प्रदेष से प्रकाषित होने वाले हरि भूमि अखबार के रायसेन अंक का विमोचन किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अखबार ऐसा हो कि पाठकों की पसंद बनें। अखबार में प्रकाषित सामग्री तथ्य परख और निष्पक्ष हो। उन्होंने अपने शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि अखबार जन-जन की आवाज बनें और पत्रकारिता के नए आयाम स्थापित करे। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री सुरेष पचौरी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री भंवरलाल पटेल, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मंजू कुषवाह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री रामनारायण चतुर्वेदी ने भी अपनी शुभकामनाएं दी।

अभिव्यक्ति स्वतंत्र हो- डॉ शेजवार
रायसेन, हमारे देष में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है लेकिन अभिव्यक्ति स्वतंत्र होनी चाहिए। समाचार निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होने चाहिए। यह विचार वन मंत्री डॉ गौरीषंकर शेजवार ने श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला सम्मेलन में व्यक्त किए। डॉ उन्होंने कहा कि रायसेन के पत्रकार खबर को प्रभावी बनाने में अग्रणी हैं। डॉ शेजवार ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री भंवरलाल पटेल, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मंजू कुषवाह तथा श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेष अध्यक्ष श्री सलभ भदौरिया उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ शेजवार ने कहा कि संघ बनाना आसान है लेकिन उसके उद्देष्यों की पूर्ति के लिए लगातार संघर्ष करना कठिन कार्य है। यह बिल्कुल धारा के विपरीत बहने जैसा ही होता है। उन्होंने कहा कि सन 1952 से श्रमजीवी पत्रकार संघ पत्रकारों के हितों के लिए संघर्ष कर रहा है। डॉ शेजवार ने कहा कि पत्रकार को भी जीविका के साथ-साथ सुविधा और सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेष सरकार ने श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा दी गई 21 मांगों में से 20 मांगों को पूरा कर दिया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेष श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री सलभ भदौरिया ने संघ की स्थापना से लेकर आज तक पत्रकारों केे हितों के लिए किए गए संघर्षो पर प्रकाष डाला। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मंजू कुषवाह ने भी संबोधित किया। श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष श्री सूर्यभान सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार प्रकट किया।

देष के विकास के लिए बच्चों का स्वस्थ्य होना जरूरी- डॉ शेजवार
रायसेन, राष्ट्र के समग्र विकास के लिए बच्चों का स्वस्थ्य होना जरूरी है। बच्चे स्वस्थ्य होंगे तभी उनका पूर्णतः शारीरिक एवं मानसिक विकास होगा और वे अपनी कल्पनाओं के अनुरूप अपने भविष्य और देष को विकसित बना सकेंगे। यह बात वन मंत्री डॉ गौरीषंकर शेजवार ने बाल सुरक्षा माह के शुभारंभ अवसर पर कही। उल्लेखनीय है कि 24 जून से 25 जुलाई तक बाल सुरक्षा माह मनाया जा रहा है। कार्यक्रम के आरंभ में डॉ शेजवार ने बच्चों को विटामिन और एलवेन्डाजोल की खुराक पिलाकर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री भंवरलाल पटेल भी उपस्थित थे।
डॉ शेजवार ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा अनिवार्य है, इसके लिए समय-समय पर सभी टीकाकरण कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के साथ ही उसके विकास पर सतत् ध्यान देना चाहिए। उसकी ग्रोथ को मॉनिटर करना चाहिए और कहीं कोई असामान्य स्थिति नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उपचार देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि षिषु की सुरक्षा के साथ-साथ स्वस्थ्य षिषु का जन्म हो, यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण ध्यान रखा जाए, उनके स्वास्थ्य के लिए सभी अनिवार्य पोषण आहार और दवाएं दी जाएं ताकि एक स्वस्थ्य षिषु का जन्म हो सके।
डॉ शेजवार ने कहा कि देष-प्रदेष के विकास के लिए दो पहलू महत्पूर्ण हैं, जिसमें एक है अद्योसंरचना का विकास और दूसरा पहलू है मानव विकास। उन्होंने कहा कि दूसरा पहलू इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि उस पर ही भविष्य की कल्पना और निर्माण निर्भर होता है। बच्चे स्वस्थ्य और षिक्षित होंगे तो देष भी विकसित होगा। डॉ शेजवार ने कहा कि लोगों को जागरूक करें कि बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के क्या घातक परिणाम हो सकते हैं। बच्चों का कैसे ध्यान रखा जाए, इसकी जागरूकता फैलाने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास विभाग में अनुभवी लोग हैं, यह घर-घर जाकर लोगों को परामर्ष दें कि बच्चे की सेहत के लिए समय-समय पर टीकाकरण एवं विटामिन की खुराक क्यों जरूरी है।
उन्होंने कहा कि माता-पिता को इस बात की भी संपूर्ण जानकारी दी जाए कि अगर वे बच्चों के स्वास्थ्य का पूरी तरह ध्यान रखते हैं और उसके शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए सभी विटामिन्स, प्रोटीन्स और टीकाकरण कराते हैं तो इसके अच्छे परिणामों के बारे में भी उन्हें बताया जाए। इस अवसर पर भाजपा महामंत्री श्री राकेष तोमर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुराग चौधरी तथा सीएमएचओ डॉ शषि ठाकुर सहित सभी चिकित्सक एवं अधिकारी उपस्थित थे।

अभियान या कार्यक्रम की आवष्यकता न पड़े
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री जेके जैन ने कहा कि समाज में इतनी जागरूकता फैलाई जाए, लोगों को इतना जागरूक कर दिया जाए कि किसी अभियान या कार्यक्रम चलाने की आवष्यकता ही न पड़े। लोग खुद बच्चों को लेकर अस्पतालों में आए और कहें कि उन्हें आज यह टीका लगना है या यह दवाई पिलाई जानी है।
श्री जैन ने कहा कि जिस दिन हम यह कर पाए उस दिन देष का स्वास्थ्य परिदृष्य बिल्कुल बदला हुआ होगा, देष पूर्ण स्वस्थ्य होगा और किसी तरह के अभियानों का कार्यक्रम चलाए जाने की आवष्यकता नहीं पड़ेगी। श्री जैन ने कहा कि बच्चों केा स्वस्थ्य और निरोगी रखने का दायित्व हम सभी का है। उन्होंने कहा कि बाल सुरक्षा माह के अंतर्गत जिले के सभी बच्चों को सभी टीके, विटामिन आदि की खुराक दी जाए।

क्यों जरूरी है विटामिन ए और एलबेन्डाजॉल
इस कार्यक्रम में बताया गया कि 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों में विटामिन ए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे बच्चे रोगों से संक्रमित होने से सुरक्षित रहते हैं। साथ ही विटामिन ए आंखों की समस्याओं से बचाता है एवं बच्चों के विकास में सहायक होता है। इसी तरह कृमिनाषक दवाई एल्बेंडाजॉल बच्चों के पेट के कीड़े समाप्त करती है जिससे बच्चों के शरीर में पोषक तत्वों का अवषोषण ठीक प्रकार से होता है तथा बच्चा कुपोषित होने से सुरक्षित रहता हैं। कार्यषाला में यह भी बताया गया कि 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों को आयरन फोलिक ऐसिड की बाटल भी दी जाएगी।

बाल सुरक्षा माह 24 जून से प्रारंभ
जिले में बाल सुरक्षा माह 24 जून से 25 जुलाई तक चलेगा। जिसमें 9 माह से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन ए की खुराक तथा कृमिनाषक दवा एलबेन्डाजॉल पिलाई जाएगी।

सामाजिक बदलाव के सहभागी बनें- कलेक्टर
रायसेन समाज आज जिस स्वरूप में है, उसमें पिछली कई पीढ़ियों का योगदान है। एक गतिषील, उन्नत और सभ्य समाज के निर्माण का दायित्व अब हमारा है। यह विचार कलेक्टर श्री जेके जैन ने जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित सर्वषिक्षा मिषन की बैठक में व्यक्त किए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुराग चौधरी सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
श्री जैन ने कहा कि षिक्षा ही वह माध्यम है जिसके जरिए बदलाव संभव है और इसमें षिक्षकों की महती भूमिका है। उन्होंने आव्हान किया कि आप सब सामाजिक बदलाव में सहभागी बनें ताकि आने वाली पीढ़ियां आपको, आपके योगदान के लिए याद करें। उन्होंने षिक्षा जगत से जुड़े सभी व्यक्तियों से कहा कि वे इसे केवल एक सरकारी काम की तरह न लेकर व्यक्तिगत कार्य मानकर पूर्ण रूचि से संपन्न करें। उन्होंने कहा कि आपकी दी हुई षिक्षा के आधार पर ही बच्चों के भविष्य का निर्माण होगा।
श्री जैन ने कहा कि इसलिए हमें षिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और अध्ययन के तरीके को रूचिकर बनाना है ताकि बच्चे केवल स्कूल आने की औपचारिकता पूरी न करें बल्कि उनके मन में कुछ सीखने की ललक हो। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। इसलिए हमें सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक वातावरण बदलना होगा। इसके लिए अभिभावकों और ग्रामवासियों को भी हमें भागीदार बनाना होगा।

षिक्षकों की समय पर उपस्थिति
श्री जैन ने कहा कि स्कूलों में यदि षिक्षक समय पर उपस्थित होंगे और पूरे मनोयोग से अध्यापन कार्य करेंगे तो इसका निष्चित ही छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव होगा और वे भी षिक्षा के लिए अग्रसर रहेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में अनुषासन बेहद जरूरी है। आप स्वयं अनुषासित रहकर अपने दायित्व का निर्वाह करेंगे तो छात्र भी आपसे प्रेरणा लेकर अनुषासित बनेंगे जो उनके भविष्य निर्माण की पहली शर्त है। श्री जैन ने कहा कि हमें अभिभावकों और ग्रामवासियों को भी षिक्षा के प्रति जागरूक कर सहभागी बनाना होगा। गांव के अनुभवी व्यक्तियोें को भी प्रेरित कर शैक्षणिक कार्य के लिए उनकी सेवाएं लेनी हांेगी जिससे गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

मध्यान्ह भोजन में सहभागिता
श्री जैन ने कहा कि हमें अभिभावकों और लोगों को बताना होगा कि बच्चे देष का भविष्य हैं। उन्हें स्वस्थ्य और निरोगी रखने के लिए उनके आहार का विषेष रूप से ध्यान रखना होगा। उन्हें समय पर विटामीन तथा प्रोटीनयुक्त भरपेट भोजन मिलें, ऐसी व्यवस्था करनी होगी। इसमें भी गांव के लोगों को सहभागी बनाना होगा। उन्हें मध्यान्ह भोजन के लिए सहयोग के लिए प्रेरित करना होगा। यदि एक व्यक्ति एक दिन मध्यान्ह भोजन के अलावा अतिरिक्त खाने की व्यवस्था करें तो बच्चों को उच्च गुणवत्ता का पर्याप्त मात्रा में भोजन मिल सकता है।

पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी
श्री जैन ने कहा कि बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए षिक्षा के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। उन्हें खेलने के लिए पर्याप्त समय दें जिससे वे शारीरिक रूप से तंदरूस्त रहेंगे और बीमार नहीं पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के समय पढ़ाई और खेल के समय खेल का अवसर देना चाहिए। पुस्तकें मार्गदर्षक होती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में पढ़ने की भावना विकसित करें, उन्हें कोर्स के अलावा अन्य प्रेरणादायी पुस्तकें पढ़ने के लिए उपलब्ध कराएं।

बच्चों को मिले अच्छी षिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य श्री चौधरी
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुराग चौधरी ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी षिक्षा हमारी पहली प्राथमिकताओं मंे होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार सारे संसाधन सरकारी स्कूलों में मुहैया कराती है, इसलिए ऐसे कोई कारण नहीं है कि हम बच्चों के बेहतर भविष्य का निर्माण न कर सके।
श्री चौधरी ने कहा कि हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और हर बच्चे को ऐसी षिक्षा प्रदान करें कि उसके बल पर वह अपने भविष्य का निर्माण कर सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन-प्रषासन और जनसामान्य को मिलकर सामूहिक प्रयास करना होगा, तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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