शिवसेना सांसदों की बदसलूकी पर लोकसभा में हाथापाई की नौबत

parliamentदिल्ली के महाराष्ट्र सदन में शिवसेना के कुछ सांसदों द्वारा वहां के एक रोजादार मुस्लिम कर्मचारी को जबरन चपाती खिलाने की कोशिश को लेकर संसद में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। एक समय बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी और विपक्षी सांसदों में हाथापाई की नौबत आ गई थी, लेकिन दोनों पक्षों के सीनियर नेताओं ने बीच-बचाव करके मामले को शांत कराया। कांग्रेस ने लोकसभा से वॉकआउट भी किया।
लोकसभा में शून्यकाल शुरू होने पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के एम आई शाहनवाज को यह मुद्दा उठाने की अनुमति दी। शाहनवाज ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सदन में वहां के एक कर्मचारी को शिवसेना के कुछ सांसदों ने केवल इसलिए चपाती खाने पर मजबूर किया कि क्योंकि वह उन्हें महाराष्ट्र का खाना उपलब्ध नहीं करा पाया था। कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह विषय इसलिए गंभीर है, क्योंकि यह रमजान का पवित्र महीना है और उस कर्मचारी का रोजा था। उन्होंने कहा कि इस कर्मचारी की नेमप्लेट से भी यह साफ था कि वह मुस्लिम है। इसके बावजूद रमजान के महीने में उसके साथ यह व्यवहार किया गया। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शाहनवाज द्वारा इस कर्मचारी का नाम लेने और इस विषय को उठाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन के बाहर के व्यक्ति का नाम नहीं लिया जा सकता है और साथ ही यह एक संवेदनशील मामला है और सचाई क्या है, यह मालूम नहीं, इसलिए मामला रिकॉर्ड में नहीं जाना चाहिए।
स्पीकर ने शिवसेना के अनंत गीते को उनकी बात रखने का मौका दिया। गीते ने कहा कि रमजान एक पवित्र महीना माना जाता है और सभी उसका सम्मान करते हैं और इसलिए इस पवित्र महीने में किसी को असत्य बात नहीं कहनी चाहिए। उन्होंने ऐसी कोई घटना होने से इनकार किया। इससे पहले , उन्होंने असत्य शब्द की जगह झूठ शब्द का प्रयोग किया था, जिस पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई और अध्यक्ष ने उस शब्द को कार्यवाही से निकालने की व्यवस्था दी।
इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गर्मागर्मी बढ़ती गई। बीजेपी के रमेश विधूड़ी कुछ कहते हुए आगे बढ़े, तो दूसरी ओर से आरजेडी के पप्पू यादव और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के असादुद्दीन औवेसी सहित विपक्ष के कई सदस्य विधूड़ी की ओर लपकते देखे गए। ये सदस्य एक-दूसरे को सदन से बाहर निकल कर देख लेने की धमकी देते भी देखे गए। सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ओर के वरिष्ठ सदस्यों ने बीच-बचाव करके मामले को संभाला। स्पीकर ने व्यवस्था बिगड़ते देख सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए साढ़े 12 बजे तक स्थगित कर दी। सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर नायडू ने कहा कि यह बहुत संवेदनशील मामला है। यह घटना हुई है या नहीं, यह किसी को नहीं मालूम। लेकिन मैं अपने सदस्य (विधूड़ी) के आचरण को अस्वीकार करता हूं और वह अपने इस आचरण के लिए सदन से क्षमा मांगेंगे। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि माफी मांगना ही काफी नहीं है बल्कि सदस्य के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और इस मामले को आचरण समिति को भेजा जाना चाहिए।
स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विधूड़ी से अपनी बात रखने को कहा जिस पर उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी समुदाय की भावना को आहत करना नहीं था लेकिन फिर भी सदन को अगर ऐसा लगता है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं।
ऊपरी सदन राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही सदस्यों ने इस पर हंगामा किया और इसे धार्मिक आस्था का उल्लंघन बताया। सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से कहा कि वह इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाएं। बैठक शुरू होने पर जेडी (यू) के अली अनवर अंसारी ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि यह चिंताजनक बात है। कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि हर धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए। अन्य दलों के सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि यह मुद्दा शून्यकाल में उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। अंसारी ने कहा कि वह शून्यकाल में इसकी अनुमति देंगे। उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।

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