भ्रष्टाचारी सचिव को 3 साल की कठोर कैद, 35 हजार का जुर्माना

chatarpur-logoछतरपुर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धीरेन्द्र सिंह की अदालत में 35 हजार रूपए की रिश्वत लेने वाले आरोपी सचिव को तीन साल की कठोर कैद के साथ 35 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई साथ ही इस वारदात में भागीदार आरोपी को दो साल की कठोर कैद की सजा के साथ 10 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि ग्राम पंचायत बंजारी के भूतपूर्व सरपंच मन्नी गौतम ने विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त सागर में दिनांक 26 जुलाई 2011 को इस आशय की शिकायत की थी कि वर्ष 2009 में वह ग्राम पंचायत बंजारी का सरपंच था। इस कार्यकाल के दौरान उसने ग्राम पंचायत बंजारी के तहत लुहरूख नाला पर एक चैक डेम का निर्माण कराया था। इस डेम का मूल्यांकन करने पर 113942 रूपए की राशि उसे देने के लिए स्वीकृति दी गई थी। यह राशि चैक के माध्यम से उसे अदा होनी थी। चैक देने के एवज में तत्कालीन सचिव रघुवर राजपूत ने 35 हजार रूपए बतौर रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त पुलिस ने दिनांक 2 अगस्त 2011 को शाम करीब साढ़े पांच बजे सचिव रघुवर राजपूत के चंदला स्थित मकान में जाकर मन्नी गौतम से 35 हजार रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था और इस वारदात में सचिव रघुवर राजपूत का साथ मवई निवासी राजाराम पटेल ने दिया था। जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने रघुवर और राजाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया और लोकायुक्त पुलिस के तत्कालीन डीएसपी एल.एन. तिवारी एवं निरीक्षक के.एस. ठाकुर ने विवेचना उपरांत मामला अदालत के सुपुर्द कर दिया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धीरेन्द्र सिंह की अदालत में मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी सचिव रघुवर राजपूत और राजाराम को उक्त जुर्म का दोषी करार दिया। न्यायाधीश श्री सिंह की अदालत में आरोपी सचिव रघुवर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में तीन वर्ष की कठोर कैद के साथ 10 हजार रूपए का जुर्माना, धारा 13 (1)(डी)/13(2) में तीन वर्ष की कठोर कैद के साथ 25 हजार का जुर्माना और सहयोगी आरोपी राजाराम को धारा 12 में दो वर्ष की कठोर कैद के साथ 10 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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