हाड मांस के लोथडे को मनुष्य बनाता है शिक्षक- बहादुर सिंह

DSC_0852-5 (1)DSC_0844-7श्रीमती लक्ष्मीदेवी स्मृति अष्टम शिक्षक सम्मान से चार शिक्षक सम्मानित 
दमोह / शिक्षक हाड मांस के लोथडे रूपी शरीर को मनुष्य बनाने का कार्य करता है वह उसमें अपने ज्ञान के प्रकाश से अंधकार को दूर करता है यह बात समाजिक समरसता महाकौशल प्रांत प्रमुख एवं सेवानिवृत शिक्षक बहादुर सिंह ने कही। श्री सिंह स्थानीय कमला नेहरू महिला महाविद्यालय के सभा कक्ष में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित श्रीमती लक्ष्मीदेवी वैष्णव स्मृति अष्टम उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे। इन्होने कहा कि जहां एक ओर गुरू अंधकार को हरने वाला होता है तो वहीं प्रथम गुरू मां होती है जो मनुष्य के संसार में आते ही उसको ज्ञान एवं शिक्षा देने का कार्य करती है। आज दोनो का सामंजस्य देखने को मिल रहा है शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर उस मां जो शिक्षक भी रही हो उसकी स्मृति में शिक्षकों का सम्मान निश्चित रूप से प्रेरणादायी कहा जा सकता है। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की देवी मां वीणापाणी ,डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं श्रीमती लक्ष्मीदेवी के चित्र के समक्ष दीपप्रज्जवलन एवं माल्यापर्ण पूर्व विधायक आनंद श्रीवास्तव,बहादुर सिंह,सहायक जनसंपर्क अधिकारी वाईएस कुरैशी,प्राचार्य डा.के.पी.अहिरवार ने किया। सरस्वती वंदना एवं गुरूवंदना के साथ अतिथियों की मानवंदना पुष्पहारों से आयोजक परिवार की ओर से पं.डा.एल.एन.वैष्णव,श्रीमती हंसा वैष्णव,पं.रजत दास वैष्णव,पं.कुणालदास वैष्णव,विनोद शांडिल्य,मनोज दुबे,एचएन श्रीवास्तव ने की। ज्ञात हो कि बर्ष 2007 से प्रारंभ हुये उक्त सम्मान समारोह में जिले के कर्मठ एवं अध्यापन,खेल तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षक -शिक्षिकाओं को सम्मानित करने का क्रम जारी है। उक्त सम्मान समारोह के लिये आवेदन पत्र नहीं मांगे जाते अपितु बर्ष इससे जुडे लोग उक्त क्षेत्र में योगदान देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं का आंकलन करते रहते हैं।
किसने क्या कहा-
उक्त सम्मान समारोह के दौरान बडी संख्या में उपस्थित शिक्षकों,खिलाडियों,कलाकारों,गणमान्य नागरिकों सहित छात्राओं को संबोधित करते हुये सहायक जनसंपर्क अधिकारी वाईए कुरैशी ने कहा कि गुरूजनों का सम्मान करते रहना चाहिये क्योंकि उसके आर्शीवाद देने वाले हजार हाथ होते हैं जो न जाने किस समस्या तथा मोड पर आपको राह दिखाते हुये आपका सहयोग कर दें। आयोजन सराहनीय है इससे लोगों के लिये प्रेरणादायी है। पूर्व विधायक आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि गुरू के बिना ज्ञान के संसार में कुछ भी पाना संभव नहीं है। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षकों का सम्मान करना वह भी पिछले सात बर्षों से निश्चित रूप से सराहनीय कहा जायेगा। इन्होने भावुक होते अनेक बार गले रूंधे गले से श्रीमती लक्ष्मीदेवी को याद करते हुये उनके जीवन के अनेक संस्मरणों को याद करते हुये कहा कि वह उनको जीजी कहकर पुकारते थे। कर्मठ तथा शिक्षा के लिये उनका जीवन पूरा समर्पित रहा है। समाज के लोगों को इस प्रकार के आयोजनों से प्रेरणा लेनी चाहिये। वहीं खिलाडी एवं शिक्षक हरिशंकर यादव ने कहा कि खेल शिक्षकों को उनके उत्कृष्ठ कार्य के लिये सम्मानित करने का क्रम श्रीवैष्णव परिवार ने प्रारंभ किया है। इसकी परिणीति है कि मध्यप्रदेश शासन ने भी खेल शिक्षकों को शिक्षक मानते हुये उनको सम्मानित करने का कार्य प्रारंभ किया। इन्होने सम्पूर्ण खेल जगत की ओर से आभार व्यक्त करते हुये कहा कि आयोजन निश्चित रूप से सराहनीय कार्य कहा जायेगा। महावि़़़द्यालय के प्राचार्य डा.अहिरवार ने कहा कि गुरू शिष्य में ज्ञान रूपी प्रकाश भर उसके अंधकार को हरने का कार्य करता है। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर गत सात बर्षों से एक परिवार द्वारा आयोजन करना समाज को नई दिशा देने का कार्य करता है। श्रीमती कुसुम पाठक ने कहा शिक्षकों का सम्मान वह भी एक परिवार द्वारा लगातार इतने बर्षों से एक सराहनीय कदम कहा जायेगा।
यह हुये सम्मानित-
उक्त सम्मान समारोह में खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले रघुवर प्रसाद मोदी राष्टीय जैन उच्चतर माध्यमिक शाला के वरिष्ठ खेल शिक्षक गणेश प्रसाद शुक्ला,शासकीय कमला नेहरू महिला महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक श्रीमती कुसुम पाठक तथा जेपीबी कन्या विद्यालय के  प्रकाश कुर्मी बरिष्ठ अध्यापक को अध्यापन एवं संगीत के लिये अर्जुन लाल पटैल बरिष्ठ अध्यापक बटियागढ को मानपत्र,शाल एवं श्रीफल से सम्मानित मंचासीन अतिथियों ने किया।
उक्त समारोह के मंच का सफल संचालन श्रीमती लक्ष्मीदेवी वैष्णव स्मृति शिक्षक सम्मान समारोह के संयोजक तथा आकाशवाणी,दूरदर्शन कलाकार नवोदित निगम एवं कलाकार एवं अधिवक्ता अनुनय श्रीवास्तव ने किया जबकि आभार डा.वैष्णव ने व्यक्त किया। इस अवसर पर शिक्षकों,खिलाडियों,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र संगठन के महावि़द्यालय पदाधिकारियों,छात्राओ,पत्रकारों सहित गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।

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