शिव सेना ने की गलती, भाजपा ने जीता विश्वास मत

devendra-fadnavisमुंबई / महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस की रणनीतिक चूक के चलते देवेंद्र फडनवीस सरकार ने विधानसभा में धवनि मत से बहुमत हासिल कर लिया। हालांकि, शिवसेना ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पास किए जाने और ‘डिविजन ऑफ वोट’ न कराए जाने को लेकर सभापति के आसन के सामने (वेल) में आकर विरोध भी किया। लेकिन स्पीकर ने साफ कर दिया कि यह प्रस्ताव नियमों के मुताबिक ही पास हुआ है।
बहुमत की प्रक्रिया से पहले एनसीपी ने ध्वनिमत से पहले सदन से वॉकआउट किया। एनसीपी के वॉकआउट करने से बीजेपी ने आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे नेता, विपक्ष होंगे। स्पीकर ने निर्णय लिया है कि विपक्षी पार्टियों में शिवसेना के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं, इसलिए विपक्ष के नेता का पद शिवसेना के शिंदे को दिया जाता है।
नियम के मुताबिक विधानसभा में मत विभाजन(वोट डिविजन) मांगने वाली पार्टी को बहुमत हासिल करने से पहले विधानसभा स्पीकर को सूचित करना होता है, लेकिन इस मामले में शिवसेना और कांग्रेस ने तब आवाज उठाई जब सरकार ने अपना बहुमत ध्वनिमत से पास करवा लिया था। विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने शिवसेना और कांग्रेस की मांग को ठुकराते हुए साफ कर कि यह बहुमत नियमों के मुताबिक पास हुआ है।
शिवसेना चाहती है कि सरकार विधानसभा में वोटिंग के जरिए अपना बहुमत साबित करे। शिवसेना एनसीपी और बीजेपी के बीच हुए अप्रत्यक्ष गठबंधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी को घेरना चाह रही है। इसलिए वह चाहती है कि जनता के बीच एनसीपी और बीजेपी के साठगांठ की बाते खुल कर सामने आ जाएं।
सूत्रों की माने तो बीजेपी पहले से ही यह चाहती थी कि उन्हें विधानसभा में बहुमत ध्वनिमत के जरिए ही मिले। इससे वह एनसीपी के समर्थन के बाद खड़े हुए सवालों से आसानी से बच सकती है। इसलिए विधानसभा में उसने पूरा गेम प्लान बनाया।

हरिभाऊ बागड़े बने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर
आज सुबह विश्वास मत की प्रक्रिया से पहले बीजेपी के हरिभाऊ बागड़े निर्विरोध महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर चुने गए। कांग्रेस और शिवसेना ने भी पद के लिए उम्मीदवार घोषित किए थे। आज सुबह दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए जिसके बाद हरिभाऊ बागड़े के स्पीकर बनने का रास्ता साफ हो गया।

एकनाथ शिंदे बने विपक्ष के नेता
विपक्ष में बैठी शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को विपक्ष का नेता चुना गया। गौरतलब है कि शिवसेना ने बुधवार सुबह को साफ कर दिया था कि वह विश्वास मत में बीजेपी का समर्थन नहीं करेगी। पार्टी विपक्ष में बैठेगी। विश्वास मत पारित होने के बाद सदन के नेता प्रतिपक्ष को चुनाव किया गया।

बीजेपी के 40 विधायक समर्थन के खिलाफ थे : रामदास कदम
शिवसेना के नेता रामदास कदम ने कहा कि बीजेपी पर धिक्कार है, बीजेपी ने जनता को धोखा दिया है। शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के 40 विधायक एनसीपी के समर्थन देने के निर्णय के खिलाफ थे।

लोकतंत्र का काला दिन है: पृथ्वीराज चव्हाण
कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह महाराष्ट्र के लोकतंत्र के लिए काला दिन है, राज्यपाल के पास जाकर फिर से विश्वास मत कराने की मांग करेंगे।

आखिरी वक्त तक की गई शिवसेना को मनाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना नेता दिवाकर रावते व रामदास कदम ने मंगलवार रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई भाजपा ने राज्य में अल्पमत की सरकार बनाई है। राकांपा पहले ही कह चुकी है कि वह फडणवीस सरकार को अस्थिर नहीं करेगी। सूत्रों के अनुसार राकांपा जरूरत पड़ने पर सदन में सरकार के पक्ष में मतदान भी करेगी।

140 विधायकों का साथ : भाजपा
मंगलवार को भाजपा नेताओं ने दावा किया कि निर्दलीय व छोटे दलों के विधायकों के साथ आने से करीब 140 विधायकों का समर्थन पार्टी के साथ है। बहुमत साबित करने के लिए 145 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। निर्दलीय विधायक रवि राणा ने कहा कि सभी सात निर्दलीय विधायक सरकार के साथ हैं। उन्होंने विश्वास जताया था कि देवेंद्र फडणवीस सरकार विश्वासमत हासिल करेगी और अपना कार्यकाल भी पूरा करेगी।

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