वृद्धाश्रम में रहती है ‘भारत-रत्न’ मालवीय की पौती

Malviya-granddaughter-Vijaya-Parikhनई दिल्ली। जिन पंडित मदन मोहन मालवीय को केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने की घोषणा की है और जिनके नाम की चर्चा चारों ओर है, उनकी सगी पोती के पास रहने का ठिकाना भी नहीं है, जो की इस समय नोएडा के एक वृद्धाश्रम में रहती हैं। यहां तक कि उन्हें पता नहीं था कि उनके दादा को भारत रत्न मिला है। मालवीय की पोती विजया पारिख ने अपने दादा को भारत रत्न मिलने की घोषणा पर कहा कि, मुझे तो कोई सूचना नहीं है।
बहुत मासूमियत से वे पूछती हैं कि यह कोई मजाक है क्या? अब तक तो एसी कोई सूचना मुझे नहीं मिली। दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-55 के एक वृद्धाश्रम में जीवन बसर कर रही विजया ने कहा कि मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है, यदि मेरे दादाजी को सरकार, ‘भारत रत्न’ दे रही है। सरकार की भारत रत्न देने में तो रूचि है लेकिन उनके परिवार वालों की दुर्दशा पर कोई ध्यान नहीं है।
वृद्धाश्रम के कर्मचारी कृष्णा का कहना है कि पिछले पांच साल से विजया यहां रह रही हैं। उनके परिजन उन्हें यहां छोड़ने आए थे। हालांकि उनका भरा-पूरा परिवार है, लेकिन उस समय विजया का कहना था कि वे किसी पर बोझ नहीं बनना चाहती, इसी कारण यहां रहने आई हैं।
सरकार की ओर से किसी प्रकार की सहायता के सवाल पर भी उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि मैं किसी की सहायता पर नहीं जीना चाहती। इस आश्रम में मेरी उम्र के लोग हैं, जो मेरे साथी हैं। बस इतना मेरे लिए काफी है, किसी की सहायता मुझे नहीं चाहिए।
पंडित मालवीय पोती विजया ने कांग्रेस सरकार में उनके दादा को भारत रत्न नहीं दिए जाने पर कहा कि कांग्रेस तो आजादी के समय तक ही थी। अब कांग्रेस कहां है, देश को आगे ले जाने की विचारधारा कभी कांग्रेस की होती थी। अब वो कांग्रेस कहां बची है। वो समय और था जब कांग्रेस के नाम पर लोग बिना कुछ सोचे-समझे मरने मिटने को चल देते थे। अब तो सिर्फ कहने के लिए कांग्रेस है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस का ये हाल है।
गर्व है अपने दादा पर
पोती विजया ने अपने दादा पंडित मालवीय पर गर्व जताते हुए कहा कि दादा को भारत रत्न मिल रहा है। इसकी खुशी मुझे है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके मिलने की वजह से मुझे उन पर गर्व है। मुझे उनकी विचारधारा के लिए उन पर गर्व है।

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