बोले नीतीश गलती हो गई, अब भावुक होकर नहीं दूंगा इस्‍तीफा

nitishशुक्रवार को जीतन राम मांझी ने विश्‍वास मत से पहले ही सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नीतीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मांझी और बीजेपी पर जमकर हमला बोला प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा, ”बीजेपी का घोड़ा रेस शुरू होने से पहले ही बैठ गया। आज बिहार में अनोखी घटना घटित हुई |राज्यपाल महोदय को विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करना था | सारी तैयारी हो गई थी। जीतन राम मांझी ने सत्र बुलाया और शुरू होने से आधे घंटे पहले ही मैदान छोड़कर निकल गए। अब खिसियानी बिल्ली खंभा नोच रही है। वे लोग जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगा रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। बीजेपी जदयू को तोड़ना चाहती थी, लेकिन हमारी चट्टानी एकता के आगे वे नाकाम हो गए। इससे बीजेपी का गेम प्लान एक्सपोज हो गया है।” नीतीश के मुताबिक, अब वह राज्यपाल के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। मांझी के इस्तीफे के बाद अब स्थिति साफ है, वह कभी भी बहुमत साबित करने को तैयार हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने बिहार की जनता सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा, बिहार की जनता मुझे क्षमा करे, भावना में बहकर इस्तीफा देना मेरी गलती थी। मैं अब विश्वास दिलाना चाहता हूं कि इमोशन के आधार पर इस्तीफा नहीं दूंगा। अब मैं जनता की सेवा करूंगा। अब मैं उसी तेवर और अंदाज में काम करूंगा, जिस तरह पिछले साढ़े आठ साल सरकार चलाया था।” नीतीश कुमार ने कहा की मांझी के पास बहुमत नहीं था तो उन्हें पहले ही त्यागपत्र दे देना चाहिए था। यह सब मांझी ने बीजेपी के इशारे पर किया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि मांझी आरोप लगा रहे हैं कि सीएम रहने के दौरान उन्हें स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया गया। नीतीश बोले, ”यह आरोप सरासर गलत है। हमारी आदत है, जिस काम को छोड़ दिया उस तरफ देखते तक नहीं। मांझी भाजपा के इशारे पर जदयू को नुकसान पहुंचाने लगे थे। ”
नीतीश कुमार ने कहा, ”भाजपा बिहार में महादलित कार्ड खेल रही है। बिहार में पहले भी महादलित मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पहली बार किसी महादलित को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया है। बीजेपी जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगा रही है, क्या वह महादलित का अपमान नहीं है?”
बीजेपी पर तंज करते हुए नीतीश ने कहा, ‘कल बीजेपी मांझी के समर्थन में खुलकर आ गई. मांझी जो चाह रहे थे वो बीजेपी करा रही थी. इस्तीफे के बाद जो बात की गई वो तो और भी हास्यास्पद थी. विधानसभा अध्यक्ष पर दोषारोपण किया गया, आरोपों में कोई दम नहीं था. उन्हें मुकदमे में फंसाने की कोशिश की गई, कोर्ट का सहारा लिया गया. अंत में समझ में आया कि तिकड़म के बावजूद कोई टूटा नहीं. जो किया कम से कम ग्रेसफुली करते. मांझी को पार्टी के फैसले का सम्मान करना चाहिए था. जो हुआ सब बीजेपी के इशारे पर हुआ. सारे अनैतिक काम करवाए गए. दल बदल रोकने के लिए संविधान में व्यवस्था की गई है. दो तिहाई सदस्य चाहिए होते हैं ऐसे ही थोड़े ही सब हो जाता है.’
नीतीश ने बीजेपी के जुगाड़ शब्द पर जमकर झाड़ लगाई. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी नेता नंद किशोर यादव ने तो यहां तक कह दिया कि बहुमत का जुगाड़ उन्हें नहीं मांझी को करना था. बहुमत का जुगाड़ फेल हो गया. बिहार में जो कुछ हुआ उससे हर तरफ बीजेपी की छीछालेदर हुई है. उन्होंने सारे अनैतिक काम को प्रमोट किया. पहले दिन से हमें मालूम था कि हमारे पास बहुमत है ,JD (U ) के 111 में से 99 विधायक हमारे पक्ष में थे |
अच्छा होता कि मांझी पार्टी की इज्जत करते | महादलित शब्द का इजाद मैंने ही किया था |जाति पहचान नहीं होती, मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री होता है और राज्यपाल राज्यपाल | बीजेपी धर्म की राजनीति के बाद अब कास्ट कार्ड खेलना चाहती है | बिहार आगे बढ़ा है और इसे और आगे बढ़ाना है| देश की प्रगति में बिहार काम करेगा.
नीतीश ने कहा, ‘कांग्रेस, आरजेडी के विधायक हमारे साथ मजबूती से खड़े हुए थे. उनको शुक्रिया. इसके अलावा ममता बनर्जी और बहन मायावती को भी धन्यवाद. एनडीए में रहते हुए शिवसेना ने जैसे इस मामले में बयान दिए उसके लिए उन्हें भी धन्यवाद.’
नीतीश ने कहा, ‘सुशासन हमारा यूएसपी है. मैं बिहार की जनता से कहना चाहूंगा कि बीजेपी के चक्कर में ना पड़ें. सत्ता की भूखी है बीजेपी. बिहार को ऊंचाई पर ले जाना है. मीडिया को निष्पक्षता के लिए धन्यवाद देता हूं |
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शुक्रवार की शाम को नीतीश कुमार ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर 130 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया | खबर है कि नीतीश 22 फरवरी को बिहार के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे | राज्यपाल से मिलने के बाद नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत में इस बात की पुष्टि कर दी कि राज्यपाल ने उनके दावे को स्वीकार कर लिया है. नीतीश ने बताया कि उन्हें RJD, CPI और कांग्रेस का समर्थन है जिसकी जानकारी राज्यपाल को दे दी गई है. राज्यपाल ने नीतीश को बहुमत साबित करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है. नीतीश कुमार 22 फरवरी, शाम 5 बजे पटना के गांधी मैदान में बिहार के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे.
नीतीश कुमार के सामने अभी चुनोतियाँ बहुत हैं ,उन्हें विधानसभा चुनाव के पहले अपने सभी साथीयों एवं पार्टियों को साथ लेकर चलना है और नये साथीयों को अपने साथ मिलाना भी है , उनका मुकाबला केन्द्र के मजबूत सत्ता पक्ष से होगा | देश की समस्त धर्मनिरपेक्ष ताकतों को आपसी मतभेद भुला कर एक होना ही होगा सारे जनता परिवार को एक जुटता दिखानी होगी | सबसे पुरानी पार्टी को भी अपनी सीमित सोच से हट कर ब्रह्द मोर्चा बनाने मे पहल करनी होगी | वामपंथीयों को भी अपनी कार्य योजना को फिर नये सिरे से निर्धारित करना होगा | बिहार विधानसभा के चुनाव देश की भावी राजनीती के लिए निर्णायक होंगें |
सम्पादित-जे. के.गर्ग

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