जेटली का बजट दिशाहीन: मनमोहन सिंह

manmohan singh 2013-3-12पूर्व प्रधानमंत्री व मशहूर अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने जेटली के बजट को दिशाहीन करार दिया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा न उठा सकी. मनमोहन सिंह ने महंगाई कम होने का कारण अंतर्राष्ट्रीय पर कच्चे तेल तथा अन्य वस्तुओं के दामों में गिरावट को बताया. जाहिर है कि मनमोहन सिंह वर्तमान सरकार को महंगाई कम होने का साधुवाद नहीं देना चाहते हैं. मनमोहन सिंह ने सवाल किया है 15-16 लाख करोड़ के बजट की तुलना में शुद्ध राजस्व कर वसूली में 15 हजार करोड़ रुपयों की वृद्धि को भी कम नाकाफ़ी बताया है. मनमोहन सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए आम बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसके इरादे नेक हैं, लेकिन पर्याप्त रोडमैप का अभाव है. कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार कच्चे तेल और अन्य वस्तुओं की कीमतों में आई कमी का फायदा उठाने में विफल रही है.
उन्होंने 15 हजार करोड़ रुपये के शुद्ध राजस्व कर को भी कम बताया.
उन्होंने कहा, “जेटली बेहद किस्मत वाले वित्त मंत्री हैं. उन्हें एक ऐसी अर्थव्यवस्था मिली, जो पहले से ही अच्छी स्थिति में थी. महंगाई में कमी इसलिए नहीं हुई कि हमने कुछ किया, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल व अन्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आने के कारण ऐसा हुआ.”
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे आशा थी कि जेटली अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत करने के लिए इस सुनहरे मौके का इस्तेमाल करेंगे. शुद्ध राजस्व कर में 15 हजार करोड़ की वृद्धि हुई, लेकिन जो बजट 15-16 लाख करोड़ का है, उसमें 15 हजार करोड़ की क्या हैसियत है?”
मनमोहन ने कहा कि वित्तीय घाटा कम करने और व्यापक आर्थिक स्थिरीकरण के लिए जेटली बहुत कुछ कर सकते थे.
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितनी जरूरत थी.
उन्होंने कहा, “संप्रग की सरकार में कृषि के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ, लेकिन बीते एक साल से कृषि अर्थव्यवस्था में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा. इस स्थिति से निपटने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 70 फीसदी लोगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.”
उन्होंने कहा, “बजट को लेकर मेरी यही चिंता है कि इसके इरादे तो अच्छे हैं, लेकिन इसके लिए पर्याप्त रोडमैप तैयार नहीं किया गया है, जिससे इन इरादों को हकीकत की जमीन पर उतारा जा सके.”

error: Content is protected !!