डालमिया चुने गए बीसीसीआई अध्यक्ष

dalmiyaचेन्नई, 2 मार्च (आईएएनएस)। एक दशक के बाद दिग्गज क्रिकेट प्रशासक जगमोहन डालमिया की सोमवार को एक बार फिर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद पर वापसी हुई है। डालमिया का चयन बीसीसीआई की 85वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में निर्विरोध हुआ। डालमिया के अलावा, हरियाणा क्रिकेट संघ के प्रमुख अनिरुद्ध चौधरी बोर्ड के नए कोषाध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के अनुराग ठाकुर सचिव चुने गए।
बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक इस बार पूर्व क्षेत्र के संबद्ध सदस्यों द्वारा अध्यक्ष नामांकित करने की बारी थी और बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष तथा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष डालमिया को पूर्व क्षेत्र के सभी संबद्ध सदस्यों का समर्थन एवं अनुमोदन प्राप्त था। डालमिया हालांकि बोर्ड के निर्वासित अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के दो प्रमुख गुटों से निष्पक्ष प्रत्याशी थे। पवार गुट के अनुराग ने सचिव पद का चुनाव एक मत के अंतर से जीता। वह बड़ौदा के संजय पटेल के खिलाफ खड़े थे जिन्हें श्रीनिवासन का करीबी माना जाता है। कोषाध्याक्ष पद के लिए हुए चुनाव में श्रीनिवासन गुट के अनिरुद्ध ने पूर्व बीसीसीआई उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश के राजीव शुक्ला को हराया। श्रीनिवासन गुट के ही झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को बोर्ड का संयुक्त सचिव चुना गया। अमिताभ ने पवार गुट के चेतन देसाई को हराया। बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष एवं सभापति शिवलाल यादव ने अमिताभ के पक्ष में मतदान किया। पवार गुट के ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य क्षेत्र के उपाध्यक्ष पद का चुनाव दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सी. के. खन्ना से हार गए। इसके अलावा टी. सी. मैथ्यू पश्चिम क्षेत्र के, एम. एल. नेहरू उत्तर क्षेत्र के, गौतम रॉय पूर्व क्षेत्र के तथा गंगा राजू दक्षिण क्षेत्र के उपाध्यक्ष चुने गए।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में हुए कथित स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले की सुनवाई करते हुए श्रीनिवासन को बीसीसीआई के चुनाव से दूर रहने को कहा था। सर्वोच्च न्यायालय में फिलहाल आईपीएल से जुड़े मामले की सुनवाई जारी है और न्यायालय ने श्रीनिवासन पर ‘हितों के टकराव’ का हवाला देते हुए चुनाव से दूर रहने को कहा था। श्रीनिवासन बीसीसीआई के अध्यक्ष रहते हुए आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के भी मालिक रहे जिसकी न्यायालय ने आलोचना की। पूर्व आईसीसी प्रमुख और 2005 से 2008 के बीच बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे शरद पवार की भी नजरें अध्यक्ष पर थीं लेकिन पूर्व क्षेत्र से उन्हें कोई भी प्रस्तावक या अनुमोदक नहीं मिला।

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