नई दिल्ली। नेपाल और भारत में शनिवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। भूकंप से भारत में अब तक कुल 32 लोगों की मौत हो गई है। जिसमें यूपी के 9 लोग, बिहार के 20 लोग और पश्चिम बंगाल के 3 लोग शामिल है।
बिहार में 20 की मौत
वहीं भूंकप के कारण बिहार में 20 लोगों के मारे जाने की खबरे आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के चंपारण और सीतामढ़ी में चार-चार, दरभंगा में 2 और वैशाली में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
यूपी में 9 की मौत
भारत में आए भूकंप से यूपी में 9 लोगों की मौत हो गई। यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने बताया कि प्रशासन को अलर्ट रहने का निर्देश दे दिए है। साथ ही उन्होंने मरने वालों के परिजनों को 5 लाख और घायलों को बीस हजार मुआवजा देने की घोषणा की है।
पश्चिम बंगाल में 3 की मौत
पश्चिम बंगाल में भूंकप के कहर से 3 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही सिलीगुड़ी में बिल्डिंग गिर गई है। जिसमें करीब दस लोगों के घायल होने की आशंका है। कोलकाता में भूकंप की वजह से मेट्रो टनल में दरार में पड़ गई है।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता
नेपाल में रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.5 थी। जबकि नेपाल की सीमा से पास होने के कारण यूपी और बिहार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। बिहार और यूपी में 6 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था।
भारत के अलग-अलग राज्यों में भूकम्प के क्या है हाल
नेपाल में आए भूकंप का असर भारत में भी कई जगह देखा गया. कई राज्यों में काफी देर तक भूकंप के झटके महसूस किए गए और कई जगह इमारतों को भी नुकसान हुआ है. सबसे ज़्यादा नुकसान बिहार में हुआ है जहां बीस से ज़्यादा लोग मारे गए हैं.
पटना से नीरज सहाय
बिहार की राजधानी पटना समेत समूचे राज्य में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए. सबसे पहला झटका सुबह 11:41 महसूस किया गया. इसके बाद दो और झटके आए.
इसके कारण लोगों में अफरा- तफरी का माहौल बन गया, लोग घरों के बाहर निकाल आए. कई मकानों में दरारें आ गई हैं. मौसम विभाग ने आगाह किया है कि अगले 48 घंटों में नेपाल की राजधानी काठमांडू के लगभग 300 किलोमीटर के दायरे में फिर से भूकंप के झटके आ सकते हैं.
इस परिधि में बिहार के भी कई इलाके आते हैं. सरकार के मुताबिक़ अभी तक बिहार में 23 लोगों की मौत.
उत्तराखंड की क़रीब 250 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगी हुई है. चंपावत ज़िले के वनबसा क्षेत्र से लेकर पिथौरागढ़ ज़िले के जौलजीवी तक ये सीमा फैली हुई है.
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण केंद्र के कार्यकारी निदेशक पीयूष रौतेला के मुताबिक राज्य में कहीं से भी जानमाल के नुकसान की ख़बर नहीं है. चार धाम यात्रा भी सामान्य रूप से जारी है.
पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य सिक्किम में भी भूकंप के भारी झटके महसूस किए गए. दो मिनट के दौरान भूकंप के कई झटकों की वजह से कोलकाता में लोग ऊंची इमारतों से बाहर भागने लगे.
यहां महिलाएं शंख बजाने लगीं. भूकंप के शुरूआती झटकों के बाद यहां मेट्रो रेलवे का संचालन रोक दिया गया. नेपाल से सटे होने की वजह से बंगाल के दूसरे प्रमुख शहर सिलीगुड़ी में भूकंप का असर ज्यादा महसूस किया गया.
वहां बिजली कट गई और तमाम टेलीफोन नेटवर्क और केबल नेटवर्क ठप हो गए. सिलीगुड़ी में चाय बागान के 72 वर्षीय सेवानिवृत्त मैनेजर जयराम तिवारी ने सोशल नेटवर्क साइट के जरिए बताया कि उन्होंने अपने जीवन में इत तरह का भूकंप नहीं देखा था.
इसी तरह सिक्किम में भी भूकंप का असर ज्यादा रहा. अभी कहीं से जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं मिली है.
भूकंप के हलके झटके महाराष्ट्र के मुंबई, नागपुर तथा चंद्रपुर शहरोंमें भी महसूस किए गए.
मुंबई मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सांताक्रुज, अंधेरी, विले पार्ले इलाकों में भूकंप के हलके झटके महसूस किए गए.
2001 के विनाशकारी भूकंप से रूबरू हो चुके अहमदाबाद में घरों और ऑफिस से लोग खुले मैदान और रास्ते पर आ गए.
अहमदाबाद के प्राइवेट स्कूल की टीचर कोंकना रॉय ने बताया, “जैसे ही भूकंप आया, स्कूल में सभी टीचर्स क्लास रूम से बच्चों को खुले मैदान की ओर ले गए. ऐसे मौके पर भगदड़ न मचे और बच्चे सुरक्षित रहें इस बात का ख़ास ध्यान रखा गया.”लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में सुबह 11.41 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की एक दीवार गिर गई.
गोरखपुर डिवीज़न के कमिश्नर राकेश ओझा के अनुसार गोरखपुर के एक उपनगर में दीवार गिरने से एक ढाई साल की बच्ची दब कर मर गई.
भूकंप से अमौसी एयरपोर्ट पर अफरा तफरी मच गई. यही हाल प्रदेश के सभी शहरों में रहा जहां लोग डर के घरों से निकल सड़क पर आ गए. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भूकंप के झटकों के बाद तुरंत ही छुट्टी करवा दी.
अजमेर, झुंझुनू, कोटा, बूंदी सहित अन्य स्थानों पर लोगों ने भूकंप को महसूस किया.
अजमेर में इन दिनों ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में उर्स के मौके पर हजारों जायरीन इकट्ठे हैं. वहां भूकंप से कोई अफरा-तफरी या क्षति की फिलहाल कोई सूचना नहीं है.
इसी तरह जयपुर में भी भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने आये राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली में भाग लेने हजारों लोग पहुंचे हुए हैं. शनिवार को अवकाश होने की वजह से सरकारी कार्यालय बंद थे पर जयपुर में निजी ऑफिस, स्कूलों और बहु मंजिला इमारतों के निवासी घबराहट में सीढियां उतरकर नीचे आते देखे गए.