दो दिवसीय महिला एवं बाल विकास मंत्रियों की बैठक सम्पन्न

राज्य में जेडर बजटिंग को पूर्णतः लागू करने के लिए सॉफ्टवेयर निर्माण में केन्द्र सरकार करे मदद
राजस्थान को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजनान्तर्गत अतिरिक्त राशि दी जावें :- श्रीमती अनिता भदेल

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नई दिल्ली, 09 अक्टूबर, 2015। राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्राी (स्वतंत्रा प्रभार) श्रीमती अनीता भदेल ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि राजस्थान में सभी विभागों के स्तर पर जैंडर बजटिंग की अवधारणा लागू करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा सॉफ्टवेयर बनाने व तकनीकी उन्नयन के लिए सहायता प्रदान करनी चाहिए।
श्रीमती भदेल ने शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन यह मांग रखी। कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री राकेश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
उन्होने बताया कि हमनें केन्द्र सरकार से राज्य स्तर पर बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं’ योजना के अन्तर्गत अतिरिक्त बजट आवंटन करने का आग्रह किया है। जिस पर केन्द्र सरकार ने राज्य की अब तक की उत्साहजनक प्रगति व नवाचारों को देखते हुए अतिरिक्त बजट आवंटन की सैद्धान्तिक सहमति दी है। साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा ‘बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं’ योजनान्तर्गत राज्य के कम शिशु लिंगानुपात वाले जिलों द्वारा तैयार कार्ययोजनाओं को भी स्वीकृति दी गई।
श्रीमती भदेल ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण, भवन किराया व मानदेय में वृद्धि कर योजना को युक्तिमुक्त बनाया जावे। साथ ही पूरक पोषाहार निर्माण व आपूर्ति के लिए केन्द्र स्तर से दिशा निर्देश भी जारी किए जावें।
जैंडर बजटिंग लागू करने में राजस्थान अग्रणिय राज्य
श्रीमती भदेल ने बताया कि सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों की लैगिक भेदभाव के बिना महिलाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जेण्डर बजट की अवधारणा लागू करने वाले राज्यों में राजस्थान अग्रणी राज्य है। उन्होंने बताया कि राजस्थान जेण्डर बजट अवधारणा लागू करने की प्रक्रिया में अबतक 72 विभागों में जेण्डर बजट सेल गठित कर चुका है।
राज्य में संचालित भामाशाह योजना सहित अन्य योजनाओं को मिली सराहना
उन्होंने बताया कि राज्य मंे संचालित भामाशाह योजना व महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी में छूट जैसे नवाचारों एवं महिला विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की खूब सराहना की गई। राज्यस्तरीय समिति गठित करने, जिला स्तर पर यह अवधारणा लागू करने, बी.एफ.सी. एवं बजट तैयारी के दौरान जेण्डर मुद्दे पर विचार करने एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में लिंग आधारित समानता तय करने के लिए भी राज्य सरकार की सराहना की गई।
श्रीमती भदेल ने बताया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजनान्तर्गत राजस्थान सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। जिनके सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्राीशुभलक्ष्मीयोजना, मुख्यमंत्राी की ओर से कन्या जन्म पर बधाई संदेश, ज्योति योजना, हमारी बेटी एक्सप्रेस, जिला कलक्टर व अन्य अधिकारियों द्वारा ‘आपणी बेटी’ योजना के तहत बालिकाओं को गोद लेकर, पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार सुनिश्चित करना, प्रसिद्व महिलाओं को ‘ब्रान्ड एम्बेसेडर’ नियुक्त करना, मोबाइल वैन के माध्यम से आई.ई.सी गतिविधियां चलाना, ग्राम सभा में महिला विकास के बिन्दुओं को अनिवार्य एजेण्डा में शामिल कर पंचायत समिति प्रधानों व जिला प्रमुखों व एन.जी.ओ. की कार्यशाला, लाडली सम्मान, यशोदा पुरस्कार-सर्वश्रेष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिका/आशा को ब्लॉक स्तरीय पुरस्कार जैसे सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

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