बुखारी के बेटे की हिन्दू बेटी से शादी और लव जिहाद के ठेकेदारों की उस पर खामोशी दोनों की दोस्ती का ऐलान है

चौधरी मुनव्वर सलीम
चौधरी मुनव्वर सलीम
सपा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने देश के बेबाक नेता मो.आज़म खां साहब की व्यक्तिगत आलोचना करते हुए काली भेड़ जैसे बाज़ारू शब्द का इस्तेमाल कर के यह साबित कर दिया कि जामा मस्जिद की अजीमुश्शान तारीख़ अहमद बुख़ारी का व्यक्तिगत सियासी खेल जामा मस्जिद और बुख़ारी खानदान के लिए एक सवाल बन गया है !
मुनव्वर सलीम ने हिन्दुस्तान की सियासत में लव जिहाद जैसे मुद्दों को जन्म देने वाले तथा मुस्लिम नफरत के नाम पर देश और दुनिया में पहचाने जाने वाले किरदारों का तजकिरा करते हुए कहा कि जब अहमद बुखारी साहब के शहजादे शाबान बुखारी ने एक हिन्दू बेटी से शादी रचाई तब देश के तमाम फिरकापरस्त मुस्लिम दुश्मनों की खामोशी ने यह साबित कर दिया कि देश के सभी फिरकापरस्त अनासिर चाहे वह किसी धर्म व दल के हों आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं ! यह एक स्वयं सिद्ध सच है !
सलीम ने मो.आज़म खां साहब को व्यवहार का पाठ पढ़ाने वाले अहमद बुखारी से कहा कि आप शाइनिंग इण्डिया की बस में बैठकर जिस पार्टी के लिए वोट मांग रहे थे उस पार्टी के नेताओं ने देश के मुसलमानों के तज़किरे के साथ पहले पिल्ला फिर सूअर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है अगर आपने उन्ही लोगों की ज़बान बोलते हुए एक बेबाक मुस्लिम लीडर को काली भेड़ कहा है तो इस पर देश में किसी को हैरत नहीं होना चाहिए !
सपा सांसद सलीम ने देशवासियों को याद दिलाया कि जब प्रशासनिक प्रक्रिया से नाराज़ होकर रामपुर के कुछ ज़ात विशेष के लोगों ने धर्मांतरण को अपने आन्दोलन का अस्त्र बनाया तो देश भर में धर्मांतरण के आरोप में मो.आज़म खां साहब को आरोपित किया गया तब सच यह है कि आज़म खां साहब के धैर्य और सियासी सूझ बूझ ने देश को जलने से बचा लिया था ! मैंने इस बात का उल्लेख यहाँ इसलिए किया है चूंकी देश के कमज़ोर लोग यह जान सके कि उनके हक़ में बेबाक बोलने वाले लीडरान को किस तरह साज़िश के तहत अपशब्दों और आरोपों का शिकार बनया जाता है !
सलीम ने स्वयं को राज्यसभा में लिए जाने के बाद सियासत के शौक़ीन अहमद बुखारी के उन जुमलों को देशवासियों को याद दिलाया जो उस समय के सपा के इकलौते मुस्लिम सांसद के संदर्भ में देश और दुनिया के सामने बुखारी ने उस समय बोले थे और कुदरत के दिए ईनाम को अपाहिज कह कर मेरा मजाक बनाया था अहमद बुखारी का यह जुमला उनके शानदार किरदार की अक्कासी करता है ! सलीम ने बुखारी साहब को मशवरा देते हुए कहा कि उनकी भाषा शैली की वजह से उप्र विधानसभा चुनावों में उनके दामाद को बेहट विधानसभा सीट पर हरा कर अवाम और बिल्खुसूस मुसलमानों ने जो सन्देश दिया है उससे उन्हें सबक लेना चाहिए !
सपा सांसद सलीम ने मुल्क और मिल्लत के लिए इस फिरकापरस्त गठजोड़ को खतरनाक बताते हुए कहा कि दस्तारबंदी में बुखारी साहब द्वारा हिन्दुस्तान के वज़ीर ए आज़म को नज़र करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को दावत नामां और फिर लव जिहाद की कहानी लिखे जाते वक़त विवाह समारोह में इसके विपरीत आचरण किया जाना बुखारी साहब की सियासी समझ का परिचायक है जिसकी निंदा सभी वर्गों से होना चाहिए !

चौ मुनव्वर सलीम

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