पंजाब चुनाव में राजस्थान के नेताओं की दमदार भूमिका

Gehlot_Harish_Dangi_Prime_Time-विशेष संवाददाता-
चंडीगढ़। देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो हैं, उनमें से पंजाब में कांग्रेस की स्थिति सबसे मजबूत है। कांग्रेस के इस मजबूत माहौल के लिए जिन लोगों ने पंजाब में बहुत मेहनत की है, उनमें निश्चित रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सबसे आगे हैं। लेकिन राजस्थान कांग्रेस के तीन नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस के महासचिव नीरज डांगी एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव हरीश चौधरी की पंजाब में कांग्रेस का मजबूत माहौल बनाने में बहुत दमदार भूमिका रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पंजाब में कांग्रेस की मजबूत स्थिति से काफी खुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि यहां सीधे सीधे कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है और बीजेपी व शिरोमणी अकाली दल का सफाया तय है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आदेश पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा पंजाब में विधानसभा चुनाव की कमान संभालने के बाद, उम्मीदवारी जता रहे कई मजबूत कांग्रेसियों को शांत करने में उनका मजबूत रोल रहा। आमतौर पर टिकट न मिलने से नाराज कार्यकर्ता हर जगह पार्टी के घोषित उम्मीदवारों को हराने में जुट जाते हैं। लेकिन व्यवहारकुशल राजनेता के रूप में गहलोत ने पंजाब के कांग्रेसियों पर ऐसा जादू किया कि अनुशासनहीनता की कोई बड़ी खबर ही नहीं आई। पंजाब के बड़े कांग्रेसियों में भी गहलोत का जबरदस्त असर देखा गया है। इसी तरह पंजाब में कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षक को रूप में राजस्थान युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे नीरज डांगी का भी वहां पार्टी कार्यकर्ताओं में सामंजस्य बिठाने में खासी मेहनत की। पंजाब में डांगी ने जिस तरह से स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं में तालमेल बढ़ाकर चुनाव जीतने की रणनीति को सफल बनाने की कोशिश की है, उससे पार्टी आलाकमान खुश है। डांगी का दावा है कि अकाली दल – बीजेपी गढबंधन का सफाया करते हुए पंजाब में कांग्रेस 70 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। उधर, पंजाब के प्रभारी के रूप में बाड़मेर के सांसद रहे हरीश चौधरी ने पंजाब पहुंचकर राहुल गांधी के दूत के रूप में अपना काम शुरू किया एवं वहां प्रदेश स्तर पर बड़े नेताओं के बीच सामंजस्य बिठाने के महत्वपूर्ण काम किया। तभी से पार्टी में संदेश साफ था कि पंजाब में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। पंजाब में हरीश चौधरी ने एआईसीसी के सचिव एवं प्रदेश के प्रभारी एवं एक नेता के रूप में नहीं बल्कि स्थानीय कार्यकर्ता की तरह काम किया। उनकी काम करने की अत्यंत अपनापन भरी शैली को देख पंजाब के कांग्रेसी शुरू से ही दंग थे। चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते गए, चौधरी की काम करने की शैली और उनका व्यवहार पंजाब के नेताओं व कार्यकर्ताओं का दिल जीतता रहा। धीरे धीरे चौधरी ने पूरे पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत कर ली और हर स्तर के झगड़े सुलझाकर कांग्रेस को जीत के रास्ते पर खड़ा कर दिया।

पंजाब में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं सहित कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने गहलोत, चौधरी एवं डांगी के प्रदेश के चुनाव में महत्वपूर्ण रोल की काफी तारीफ की है। आलाकमान को भी इस बारे में अच्छा संदेश गया है। राजस्थान के ये तीनों नेता शुरू से ही राहुल गांधी के विश्वसनीय रहे हैं। राजस्थान के इन तीनों नेताओं की ताजा कोशिशों से कांग्रेस में उनका कद मजबूत हुआ है। इसीलिए, पंजाब के तत्काल बाद ही गहलोत को तो राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का भार भी सौंप दिया था। माना जा रहा है कि इसी तरह की सूझबूझ के साथ काम करनेवाले भरोसेमंद और प्रभावशाली नेताओं को काम सौंपकर ही कांग्रेस अन्य प्रदेशों में भी मजबूत होगी। पंजाब से जिस तरह की रिपोर्ट दिल्ली जा रही है, उससे राहुल गांधी को भी भरोसा हो गया है कि वहां कांग्रेस जबरदस्त जीत हासिल करेगी। इस खबर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद है।

error: Content is protected !!