नरेन्द्र मोदी सिर्फ पिछडा वर्ग के मुखौटा करते कुछ नहीं-महेन्द्र सिंह

मंदिरों मठों पर बोले,मिशनरियों,दरगाहों सहित अन्य पर चुप्पी साधी
ओबीसी यूनाईटेड फ्रन्ट आॅफ इंडिया की पत्रकार वार्ता सम्पन्न

P 2डा.एल.एन.वैष्णव
दमोह/आरक्षण की मांग को लेकर पिछडा वर्ग द्वारा बिगुल फूंक दिया गया है और अपनी रणनीति के तहत वह आगे बढ रहा है। वह आगागी चुनाव में एक राजनैतिक दल बनाकर खेल बनाने और बिगाडने के लिये तैयारी करने में लगा हुआ है। इसी बात को लेकर एक निजि होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी एवं पत्रकारों के तीखे सवालों से घायल भी होते दिखे। इस अवसर आयोजन के प्रयोजन के संबध में राष्ट्रीय बौद्धिक प्रमुख बहादुर सिंह ने बात रखते सभी का परिचय एवं स्वागत शब्दों के माध्यम से किया। इस अवसर पर प्रान्ताध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने कहा कि जातिगत जनगणना के बाद भी जातियों के नाम एवं उनके प्रतिशत का उल्लेख नहीं किया जा रहा है जो कि सार्वजनिक किया जाना चाहिये। देश में 52 प्रतिशत पिछडे वर्ग की जातियां है जबकि अनुसूचित जाति,जनजाति को अगर और जोड दिया जाये तो हम और अधिक मजबूत हो जाते हैं। हमारी मांग प्रतिशत के आधार पर आरक्षण की है क्योंकि कुछ प्रतिशत वाली सर्वण जाति के लोग लगातार शोषण करने में लगे हैं। सरकार अगर हमारी बात नहीं मानती है तो हम राजनैतिक दल बनाकर अपनी शक्ति का एहसास आगामी चुनाव में करायें तथा सरकार बनायेंगे। लगातार सरकार को कोसने के बाद उन्होने किसानों की भी बात रखी। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव रामविश्वास कुशवाहा,प्रदेश उपाध्यक्ष बैजनाथ पटैल,प्रदेश सचिव के पी कूर्मवंशी,जिला संरक्षक भगवान दास यादव,जिला अध्यक्ष परम यादव एवं सुश्री लक्ष्मी ताम्रकार की उपस्थिति रही।
प्रश्नों के उत्तर में उलझे-
प्रदेश अध्यक्ष से जब पूंछा गया कि अधिकांश पदों पर पिछडा वर्ग के व्यक्ति हैं राष्ट्रपति दलित,प्रधान मंत्री ओबीसी सहित अनेक पदों का उल्लेख किया गया तो उसके उत्तर में प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने कहा कि नरेंन्द्र मोदी सिर्फ ओबीसी के मुखौटा है उनके द्वारा ओबीसी के हित में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। वह कहते हैं कि वह एक विचारधारा वाली पार्टी के लिये कार्य करते हैं। जो हमें मंजूर नहीं है। जब पूंछा गया कि आपने लगातार मंदिरों मठों का नाम लिया उनकी संपत्तियों का उल्लेख किया परन्तु क्रिश्चियन मिशनरियों,दरगाहों,की बात से परहेज क्यों? जिस पर श्री सिंह के बदलते भावों ने सब कुछ साफ कर दिया तो सफाई देते रहे लेकिन नाम लेने से बचते रहे। जब पूंछा गया कि आर्थिक आरक्षण का समर्थन करते हैं या फिर विरोध तो उन्होने कहा कि जातियों को समाप्त कर दो। जब पूंछा गया कि आप इस दुर्दशा के लिये किस पार्टी को दोषी मानते हैं तो वह कहते हैं कि सभी को परन्तु जिस पार्टी ने देश में दशकों तक राज किया उसका नाम लेने की जगह बचाते दिखे। उन्होने आरक्षण का जन्मदाता ही सर्वणों को बतला दिया।

error: Content is protected !!