पीएम से मिले राहुल, अब राष्ट्रपति से मिलेंगे

कैबिनेट में होने वाले बदलाव को लेकर बुधवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकातको लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने राहुल को कैबिनेट में शामिल होने का न्योता दिया है। साथ ही, दोबारा मिलने की भी बात कही है। यूं भी उनको संगठन और कैबिनेट में बड़ी भूमिका देने की मांग उठती ही रही है। ऐसे में यह मुलाकात बेहद खास मानी जा रही है।

गौरतलब है कि मंगलवार को सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। कैबिनेट में कई साथियों के अलग हो जाने की वजह से कई मंत्रिपद खाली हैं और कुछ मंत्रियों को दूसरे मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है।

डीएमके पहले ही साफ कर चुकी है कि वह दोबारा कैबिनेट में शामिल नहीं होगी। पार्टी के ए राजा और दयानिधि मारन टू जी मामले के चक्कर में अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। माना जा रहा है कि इस बार होने वाले कैबिनेट बदलाव में ज्यादातर मंत्रिपद पाने वाले कांग्रेस के खेमे से ही होंगे। इसके अलावा कुछ नए और यंग फेस भी इस दौरान सामने आ सकते हैं। इनमें राहुल के करीब समझे जाने वाली मनिका टेगौर और मीनाक्षी नटराजन भी शामिल हैं।

बुधवार को होने वाली राहुल गांधी और राष्ट्रपति की संभावित मुलाकात पर फिलहाल कोई कुछ बोलकर राजी नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि राष्ट्रपति बनने से पहले पार्टी में संकटमोचन रहे प्रणब उन्हें इस मुलाकात में आने वाले समय के लिए कुछ खास टिप्स दे सकते हैं। वहीं सोनिया और पीएम की राष्ट्रपति से मुलाकात को कैबिनेट में होने वाले बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

संकटमोचन प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद पार्टी को अपने ऊपर आई समस्याओं के लिए खुद ही मशक्कत करनी पड़ रही है। इससे पहले प्रणब दा यह काम भलीभांति निभाते थे। लेकिन अब जब कि कांग्रेस पर वाड्रा, टूजी, कॉमनवेल्थ समेत कई तरह के घोटालों का बोझ है, तो ऐसे में उसको अपनी नैया कहीं न कहीं मझधार में फंसती दिखाई दे रही है। आगामी आम चुनाव को देखते हुए पार्टी इन सबसे जल्द से जल्द पीछा छुड़ाना चाहती है।

वहीं राहुल को कैबिनेट में लाने को लेकर भी चर्चा तेज है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री और सोनिया के बाद राहुल का राष्ट्रपति से मिलना यूं ही नहीं है बल्कि इसके पीछे बहुत कुछ बातें हैं। माना यह भी जा रहा है कि राहुल राष्ट्रपति से मिलकर अपने भविष्य को लेकर राय मशविरा करेंगे। मुमकिन है कि इस मुलाकात में पार्टी पर आए संकट और उससे बच निकलने के उपायों पर भी बातचीत होगी। पार्टी में रहते हुए पितामह की भूमिका अदा करने वाले प्रणब दा राहुल को राजनीति की कुछ नई टिप्स भी दे सकते हैं।

वहीं उत्तर प्रदेश में भी पार्टी को दोबारा खड़ा करना कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के एक बड़ी चुनौती है। हालांकि फिलहाल इस काम को प्रियंका गांधी संभाल रही हैं लेकिन राहुल भी इससे बच नहीं सकते हैं। लिहाजा राहुल गांधी को इस बाबत भी प्रणब दा के अनुभव की जरूरत होगी। गौरतलब है कि राहुल के महज एक सांसद और कांग्रेस के महासचिव होने के नाते उनका राष्ट्रपति से मिलना आम बात कहीं से नहीं कही जा सकती है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दुर्गा पूजा में अपने गांव जाना है लिहाजा कांग्रेस इससे पहले ही कैबिनेट में बदलाव भी करना चाहती है। यूं भी कैबिनेट में कई पद रिक्त हैं और कई मंत्रियों के पास अतिरिक्त मंत्रालयों का भार दिया हुआ है।

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