कागजों में बांट दिए विकलांगों को उपकरण

केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने इलाहाबाद में कोई कैंप नहीं लगाया। विकलांगों को उपकरण सिर्फ कागजों में बांटे गए। शिविर के नाम पर अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके भुगतान कराया गया। इस बीच, फर्रुखाबाद में दो विकलांगों ने मीडिया के समक्ष आकर उपकरण मिलने का दावा किया है।

इलाहाबाद में ट्रस्ट की ओर से 12 लाख के उपकरण दो बार में बांटे जाने थे। इसमें विकलांगों को ट्राई साइकिल व अन्य उपकरण वितरित करने थे, परंतु ट्रस्ट ने बिना उपकरण बांटे ही फर्जी हस्ताक्षर के भुगतान ले लिया। अपने दस्तावेज में पांच जून को कैंप लगाने की बात कही है।

इसको लेकर जिला विकलांग कल्याण अधिकारी अमित कुमार सिंह ने 28 जून, 2011 को प्रदेश के विकलांग कल्याण निदेशक को पत्र लिखकर इलाहाबाद में किसी प्रकार का कैंप न लगने की सूचना दी थी। इसके बाद उन्होंने सदर तहसील के अधिकारियों का हस्ताक्षर प्रमाणित करने के लिए जिला विकलांग अधिकारी को पत्र लिखा। जांच में पाया गया कि जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट की चेक लिस्ट व वितरण पत्र पर अंकित हस्ताक्षर उनके नहीं हैं, साथ ही मुहर भी फर्जी है। लुईस खुर्शीद के गैर सरकारी संगठन को लेकर गड़बड़ी की शिकायत इन दिनों चर्चा में है। कई जिलों में विकलांगों के कैंप लगाए जाने को लेकर गलत सूचनाएं सामने आ चुकी हैं।

error: Content is protected !!