गडकरी ने अपनी कंपनी में पैसा लगाने के लिए खुद दिया लोन

बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर ऐंड शुगर लिमिटेड (PPSL) में कंपनियों ने जो ‘मोटा माल’ लगाया वह गडकरी का ही था! हमारे सहयोगी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की जांच में मिले ताजा सबूतों से पता चलता है कि PPSL को फंड करने वाली कंपनियों को गडकरी ने लोन दिया था। यह लोन बिना गारंटी के दिया गया। अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर गडकरी के पास यह पैसा आया कहां से? क्या यह ब्लैक मनी को वाइट करने का खेल था?

इन सबूतों के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के साथ मिलकर इन कंपनियों की जांच शुरू कर दी है। इस बात के भी संकेत हैं कि अगर धोखाधड़ी के सबूत मिलते हैं और एफआईआर होती है, तो प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत मामले की जांच शुरू कर सकता है।

कंपनी रजिस्ट्रार में जमा डाक्युमेंट्स के मुताबिक पूर्ति में पैसा लगाने वाली कंपनियों को गडकरी ने ही बिना गारंटी का लोन दिया था। ‘अपडेट मर्केंटाइल’ का केस लीजिए। मुंबई के घाटकोपर में रजिस्टर्ड इस कंपनी के पूर्ति में 29 लाख शेयर हैं। ‘अपडेट मर्केंटाइल’ को 2009-10 में अलग-अलग स्रोतों से 80 लाख रुपये का बिना गारंटी का लोन मिला। इसमें से 14.5 लाख का लोन खुद गडकरी ने ही दिया।

कुछ यही गड़बड़झाला पूर्ति में पैसा लगाने वाली ‘रिजेंसी इक्विफिन’ में भी है। ईस्ट मलाड में रिजस्टर्ड इस कंपनी के पूर्ति में 43 लाख शेयर हैं। 2008-09 में गडकरी ने इस फर्म को 26 लाख रुपये का लोन दिया। 2011 में 10 लाख रुपये लौटा दिए गए। 2011 में घाटे में चल रही पूर्ति ने रिजेंसी को 95 लाख का बिना गारंटी का लोन दे दिया।

कंपनियों के इस गोलमाल से जांच कर रहे अधिकारी को शक है यह सब ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए किया गया हो सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल बोल्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) को जल्द रिपोर्ट सौंपी जाएगी। गडकरी की कंपनी में पैसा लगाने वाली कंपनियों के अधिकारियों और पतों के फर्जी मिलने के बाद अगर पुलिस धोखाधड़ी का केस दर्ज करती है तो मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत की जा सकती है। अगर ऐसा होता है गडकरी के लिए इस मामले से बचकर निकलना आसान नहीं होगा।

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