पैसे का नहीं, केजरीवाल को हो सकता है सत्ता का लालच: अन्ना

भ्रष्टाचार के खिलाफ कभी साथ मिलकर जंग लड़ने वाले अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल के काम करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केजरीवाल को पैसे का लालच नहीं है, लेकिन उन्हें सत्ता का लालच हो सकता है।

अन्ना ने केजरीवाल द्वारा लगातार एक के बाद एक शख्सियतों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को उजागर करने को लेकर नसीहत देते हुए कहा है कि किसी एक मामले को तार्किक फैसले तक पहुंचाए बिना दूसरे मुद्दे का उठाना ठीक नहीं है। उन्होंने अपने पुराने सहयोगी को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अधाधुंध लोगों को निशाना बनाना उल्टा भी पड़ सकता है और ये लोग एकजुट होकर पलटवार कर सकते हैं।

अन्ना ने एक चैनल से साक्षात्कार में कहा कि मैंने महाराष्ट्र के छह भ्रष्ट मंत्रियों को सत्ता से बाहर किया लेकिन एक समय में एक ही मंत्री को निशाने पर लिया। सभी को एक ही साथ निशाना बनाना ठीक नहीं। यह जरूरी है कि लोगों को निशाना बनाते समय खुद [केजरीवाल] पर नियंत्रण रखें।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन के लिए नए सिरे से टीम बनाने की कवायद में जुटे अन्ना हजारे ने कहा कि टीम अन्ना का विभाजन उनके लिए आघात नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके उलट वे नई टीम के साथ उससे कहीं ज्यादा काम कर पाएंगे जितना वे पुराने सहयोगियों के साथ कर पाते।

अन्ना ने माना कि वे जनलोकपाल के मुद्दे पर मुंबई में दिसंबर 2011 में अनशन किए जाने के खिलाफ थे क्योंकि वे पिछले अनशन के बाद से पूरी तरह स्वस्थ्य नहीं हो पाए थे, लेकिन चूंकि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य चाहते थे इसलिए उन्हें यह बात माननी पड़ी। मुंबई में तीन दिन के अनशन की योजना बनाई गई थी लेकिन ज्यादा जनसमर्थन न मिल पाने और अन्ना की तबियत बिगड़ जाने की वजह से दूसरे दिन ही अनशन समाप्त करना पड़ा था।

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