सफाई कर्मी की लडकी राष्ट्रीय हाॅकी में चयन होने प्राचार्य का रोडा

शासन के संबधित विभाग के आदेश को हवा में उडाया
चयनित छात्र के पिता की मदद से केंप पहंुची छात्रा

डा.एल.एन.वैष्णव
दमोह/भले ही भारत सरकार के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी खेलो इंडिया के नाम से देश भर में छिपी हुई खिलाडियों की खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के प्रयास में लगे हों विश्व पटल पर भारत के खिलाडियों के खेल का जौहर दिखलाने का संकल्प ले प्रस्तुति देने प्रोत्साहित करने में लगे हों। मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चैहान लगातार खेलों और खिलाडियों को प्रोत्साहित करने में लगे हों सरकारें करोडों रूपयों का बजट खेल में उपलब्ध करा रही हो। परन्तु कुछ नकारा अधिकारियों के चलते उभरती खेल प्रतिभाओं के मार्ग में रोडा अटकाने से भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार की योजनाओं एवं उद्ेश्यों में पलिता लगते देखा जा सकता है? जी हां हम आपको एैसे ही एक वाक्ये से अवगत कराने जा रहे हैं जिसमें एक उभरती हाॅकी की नवोदित खिलाडी की राह में कांटे डालने के प्रयास किये गये?वह भी एक दलित वर्ग की छात्रा के साथ उसी के विद्यालय के प्राचार्य ने जिस प्रकार लापरवाही की तथा मध्यप्रदेश शासन के संबधित विभाग एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के आदेश को भी बलाये ताक पर रखने का पूरा प्रयास किया गया है अगर यह कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। विदित हो कि शालेय हाॅकी टूर्नामेंट के लिये दमोह नगर के निजी विद्यालय ओजस्वनी के छात्र कुणाल दास वैष्णव एवं उत्कृष्ठ विद्यालय दमोह की एक छात्रा रागनी बाल्मिकी का मध्यप्रदेश की हाॅकी टीम में राष्द्रीय स्तर की पंजाब के जालंधर होने वाली हाॅकी प्रतियोगिता के लिये किया गया था। दोनों खिलाडियों को उमरिया केंप तक पहुंचाने के लिये म.प्र.शासन के संबधित विभाग द्वारा पत्र लोक.शि.संचानालय/क/शा.शि/बी/राष्ट्रीय/26/2017.18/321/ दिनांक 25 जनवरी 2018 के द्वारा संबधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया था कि संबधित खिलाडियों को प्रदेश के उमरिया में केम्प तक पहंुचाने की व्यवस्था करें। वहीं उक्त पत्र के परिपालन में जिला शिक्षा अधिकारी दमोह द्वारा पत्र क्रं/ क्रीडा/2018/427 दिनांक 30 जनवरी 2018 को खिलाडियों को उमरिया पहुंचाने की पूरी व्यवस्था करने के लिये लिखा गया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि निजि विद्यालय ओजस्वनी द्वारा जहां आदेश का पालन किया गया तो वहीं शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय के प्राचार्य द्वारा इसमें घोर लापरवाही दिखलाने का पूरा प्रयास किया गया जिसके चलते वह होनहार छात्रा केंप में जाने के लिये भटकती रही। छात्रा रागनी बाल्मिकी के अनुसार प्राचार्य के.के.पांडे का कहना है कि उनके पास कोई फंड नहीं होता है न ही कोई पैसे मिलते हैं न ही हमारे पास कोई शिक्षक पहंुचाने के लिये है। अगर स्वयं जाना है तो जाओ हमारी कोई जबाबदारी नहीं है। बतलादें कि दमोह से उमरिया का किराया एक्सप्रेस टेªन से मात्र सत्तर रूपये एवं आरक्षण सहित एक सौ चालीस रूपया लगता है। रागनी बाल्मिकी के अनुसार वह लगातार कई दिनों तक प्राचार्य के पास गयी तो कभी फंड,शिक्षक,पत्र प्राप्त न होने जैसे बहाने बनाते रहे। विदित हो कि रागनी बाल्मिकी एक सफाई कर्मी की पुत्री है उसके माता,पिता एवं भाई सफाई कामगार हैं। विदित हो कि रागनी एवं कुणाल दमोह के हाॅकी फीडर सेंटर में कोच रियाजुद्दीन से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिन्होने दमोह का दम ग्वालियर में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता में दिखलाया था जहां इनका चयन प्रदेश की टीम में राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये किया गया था। विदित हो कि छात्रा को केंप तक जाने की व्यवस्था चयनित छात्र कुणाल दास वैष्णव ने की जिसके कारण होनहार खिलाडी केंप पहुंची।

प्राचार्य का गैर जिम्मेदाराना बयान-
उत्कृष्ठ विद्यालय के प्राचार्य के.के.पांडे से जब उक्त संबध में जानकारी चाही तो उनका कहना है कि हमारे यहां से कोई नहीं गया है। हमने जिला शिक्षा अधिकारी को बतला दिया था कि हमारी कोई व्यवस्था नहीं है आप जानो कोई आपके यहां से जाये तो पहंुचा दो। पूछंने पर कि क्या रागनी केंप गयी है वह कहते हैं गयी होगी हमें नहीं पता है सुना है वह पहुंच गयी है। पूंछने पर पहुंचने की जानकारी मिलने का माध्यम क्या है प्राचार्य पंाडे कहते हैं कि शिक्षक एैसी चर्चा कर रहे थे तो हमने सुना है। पूंछने पर अभी वह कहां है कहते हैं हम यह थोडे पता करते रहेंगे कि कहां है। पूंछने पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी खेलो इंडिया के तहत खेल प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रहे हैं। मुख्य मंत्री शिवराज सिंह खेलो को प्रोत्साहित कर रहे हैं और आप एक छात्रा को जो कि दमोह और आपके विद्यालय का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने जा रही हो को भेजने के लिये शासन प्रशासन के आदेशों को बलाये ताक पर रख रहे हैं? इसलिये तो नहीं कि वह एक दलित छात्रा है अपने को फंसता देख कहते हैं कि छात्रायें सभी बराबर हैं। बतलादें कि मध्यप्रदेश शासन के संबधित विभाग द्वारा खिलाडियों को खेलने के लिये तथा परीक्षाओं में बाद में सम्मिलित होने तक आदेश क्रमांक /शाशि./बी.खेलोइंडिया/36/2017-18/346दिनांक1/2/2018 द्वारा संबधित जिलों को भेज दिया था। जिससे सरकार की मंशा खिलाडियों एवं खेल को प्रोत्साहन देने की स्पष्ट्र दिखलायी दे रही है। जबकि योजना में पलीता लगाने की उत्कृष्ठ विद्यालय के प्रार्चाय की उक्त लापरवाही से भी स्पष्ट दिखती है?सूत्र बतलादें कि प्रदेश के कद्वार मंत्री के पुत्र से नजदीकी होने का दम प्राचार्य भरते रहते हैं मामले में कितनी सच्चाई है इस बात को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म बतलाया जाता है।
इनका कहना है-
-संबधित विद्यालयों के प्राचार्य को लिखित रूप से लोक शिक्षण संचानालय भोपाल के आदेशानुसार निर्देश भेजे गये थे। जिसकी पावती है जहां तक फंड का सबाल है तो सिर्फ केंप तक भेजने की व्यवस्था करनी थी जबकि उसके आगे तो प्रदेश सरकार द्वारा सारी व्यवस्था की है। प्राचार्य द्वारा इस संबध में लापरवाही की है।
डी.आर.राय (जिला क्रीडा अधिकारी)

-उत्कृष्ठ विद्यालय के प्राचार्य द्वारा जो किया है वह घोर आपत्ति जनक है मेरी संज्ञान में मामला आया है कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद नियम अनुसार कार्यवाही अवश्य होगी।
अजब सिंह (जिला शिक्षा अधिकारी)

-उत्कृष्ठ विद्यालय द्वारा ओछी मानसिकता के चलते दलित वर्ग की छात्रा के मार्ग में रोडा अटकाने का प्रयास किया है। में इसकी निंदा करता हंू । प्रदेश सरकार एवं संबधित विभाग में शिकायत करते हुये कार्यवाही की मांग करूंगा।
बी.डी.बाबरा (जिला अध्यक्ष अहिरवार समाज एवं जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ भाजपा)

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