भोजपुरी में सार्थक फिल्‍मों का प्रतिनिधित्‍व करेगी ‘लागल रहा बताशा’

पटना 18 जनवरी 2019 : भोजपुरी फिल्‍मों में बताशा चाचा के नाम से मशहूर अभिनेता मनोज टाइगर ने आज पटना में संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान कहा कि फिल्‍म ‘लागल रहा बताशा’ भोजपुरी सिनेमा की एक सार्थक फिल्‍म है। हमसे लोग अक्‍सर पूछते थे कि क्‍या आप हिंदी की तरह भोजपुरी में कोई सार्थक फिल्‍में बनायेंगे। तो यही वजह है कि मैं आज एक बेजोड़ सिनेमा लेकर आया हूं, जो भोजपुरी के मसालों से दूर है। दावे तो सभी करते हैं, मगर मैं कहना चाहता हूं कि दर्शक मेरी फिल्‍म को देखें और प्रतिक्रिया दें। चोली घाघरे से बाहर यह फिल्‍म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है।

मनोज ने फिल्‍म ने बताया कि फ़िल्म की पटकथा गांव की नौटंकी में काम करने वाले एक आम युवक की है, जिसे नामचीन अभिनेत्री आम्रपाली दुबे से हुए प्यार हो जाता है। फ़िल्म को आलोक विसेन ने बहुत शिद्दत से बनाया है, जो एड फिल्‍मों के चर्चित डायरेक्‍टर रह चुके हैं। यह फिल्‍म लोगों से एक सार्थक संवाद भी स्थापित किया और इस बात पर जोर दिया कि भोजपुरी की अच्छी फिल्मों को दर्शक भी सराहे, तभी भोजपुरी फिल्में भी समृद्ध होंगी। फ़िल्म की कहानी में नवीनता तो है ही साथ ही फिल्मांकन में भी भव्यता देखने को मिलेगी। फिल्‍म का निर्माण वी क्लासिक मूवीज़ प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले हुई है, जिसे निरहुआ एंटरटेनमेंट बिहार में रिलीज करेगी। उन्‍होंने कहा कि फिल्‍म में आम्रपाली दुबे लीड रोल में हैं, जो आने वाले दिनों प्रमोशन के लिए बिहार भी आयेंगी।

फिल्‍म के निर्देशक आलोक विसेन ने कहा कि यह फिल्‍म भोजपुरी सिनेमा के प्रति लोगों की इमेज तो सुधारेगी ही, साथ ही नए फिल्‍म मेकरों के लिए प्रेरणा भी बनेगी। इस फिल्‍म की सबसे खास बात ये है कि इसमें सभी अभिनेता रंगमंच से जुड़े हैं। हमने अश्‍लीलता से परहेज किया है, जो फिल्‍म में देखने को भी मिलेगी। निर्माता संजीव कुशवाहा ने कहा कि हमने ‘लागल रहा बताशा’ प्रयोग के तौर पर बनाया तो है, मगर लोगों का रिस्‍पांस देखकर लग रहा है कि फिल्‍म जरूरी चलेगी और जिस मकसद के साथ हमने इसे बनाया है, वो जरूर कामयाब होगी। कई हिंदी फिल्‍मों और टीवी सिरियल्‍स में काम कर चुके अभिनेता के के गोस्‍वामी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं ऐसे किसी फिल्‍मों के प्रमोशन में नहीं आता हूं। तीन साल बाद बिहार आया हूं, फिल्‍म प्रमोशन को। इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह फिल्‍म बेहद अच्छी है और इसे हर लोगों को देखना चाहिए।

वहीं, फिल्‍म के दूसरे हीरो अविनाश द्विवेदी ने कहा कि इस फिल्‍म में मेरे किरदार का ग्राफ अच्‍छा है। मेरे किरदार में मिस्‍ट्री है। फिल्‍म साफ सुथरी है और सबसे बड़ी बात कि इसे खुद मनोज टाइगर ने लिखी है। इसलिए मैंने फिल्‍म हां कर दी। वैसे जब मुझे एक फिल्‍म के लिए कॉल आया, तब मैंने पूछा कि मैं ही क्‍यों, ‘लागल रहा बताशा’ के बाद। इस पर उन्‍होंने कहा कि हमारी फिल्‍म साफ सुथरी है। मेरी छवि एक ऐसे एक्‍टर की बन रही है, जो साफ छवि की फिल्‍म करता है। इसका श्रेय मैं ‘लागल रहा बताशा’ को दूंगा। यह फिल्‍म गांव की वैसी प्रेम कहानी है, जो 40 सालों में भी एकतरफा होती है। इसमें एक ट्राएंगल है। यह फिल्‍म आलोक विसेन और संजीव कुशवाहा के बिना संभव नहीं था। बता दें कि अविनाश महुआ के डांस संग्राम विजेता रह चुके हैं। वे अब तक नचिनया, बॉर्डर के बाद अब ‘लागल रहा बताशा’ से बड़े पर्दे पर आ रहे हैं। वे संभावना सेठ के हस्‍बैंड भी हैं। संवाददाता सम्‍मेलन में निर्माता संजीव कुशवाहा, निर्देशक आलोक विसेन, अभिनेता मनोज टाइगर, अविनाश दवेदी, के के गोस्वामी, दिलीप पांडे, आनंद मोहन, प्रचारक रंजन सिन्‍हा, उदय भगत और कुंदन कुमार भी मौजूद रहे।

मालूम हो कि फ़िल्म में आम्रपाली दुबे और मनोज टाइगर के साथ अविनाश दवेदी , प्रकाश जैस , संजय पांडे , के के गोस्वामी , आनंद मोहन , विनोद मिश्रा , महेश आचार्य , संतोष श्रीवास्तव , राहुल श्रीवास्तव , किरण यादव , धामा वर्मा , दिलीप वर्मा , लल्लन सिंह , सोनू पांडेय , जे के , सम्भावना सेठ एवं सुशील सिंह आदि हैं । फ़िल्म के संगीतकार ओम झा हैं , गीतकार हैं प्यारेलाल कवि व आज़ाद सिंह , सिनेमेटोग्राफ़र हैं फ़िरोज़ खान।

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