निमाड़ उत्सव में खंडवा के कलाकारों ने दी गणगौर नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां

सुहानी रात्रि में बेहद आकर्षक निमाड़ उत्सव के माँ नर्मदा तट पर बने विशाल मंच पर हजारों रसिक दर्शकों के समक्ष अनिमेष उपाध्याय के नृत्य निर्देशन में साधना उपाध्याय के निमाड़ गणगौर व लोक कला मंडल के 17 सदस्यों ने निमाड़ के भारत प्रसिद्ध गणगौर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी । गणगौर गीतों के समधुर बोल थे … धणियर थारा मंदिरमs डंको बाजs रनुबाई निवड़ा निवड़ा चालs. दुलरी घुमी गई रनुबाई की दुलरी गईरे मोरा साजना। तारा को चुड़ो म्हारा हाथमs तारो गयो गगनमs नहीं आई होली दीवाली रे डोला नहीं आई सरावन तीज म्हारा ख्यालीलाल हम तो गणागौर खेला मोकलो रे डोला। सुमधुर गीत कु. आरती बरकने ने गाए।आकर्षक नृत्य कु. रिसिका. कु. चैलसी. कु. जया सिसोदिया. कु. मनीषा सिसोदिया. कु. भावना डोंगरे. कु. उन्नति कु.नेहा कु.विधि मंडलोई ..कु. आयुशी ने प्रस्तुत किया तो वादन में पेटी पर गौरीशंकर सेन .ढ़ोल पर मनोज सावनेर. खंजरी पर अनिमेष उपाध्याय थे। रुप सज्जा का व सहनिर्देशन का काम अनुजा अनिमेष उपाध्याय ने किया। दल प्रमुख श्री अनिमेष उपाध्याय को संस्कृति मंत्री माननीया विजयलक्ष्मी साधौ ने मंच पर सम्मानित किया।

हेमंत उपाध्याय
7999749125

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