निरहुआ को रोल मॉडल मानते है विनोद यादव फिल्‍म ‘गुंडा’ को लेकर एक्‍साइटेड

कहा गया है कि हुनर का सम्‍मान पूरी दुनिया करती है। यह कथन भोजपुरी फिल्‍म ‘गुंडा’ से डेब्‍यू करने वाले अभिनेता विनोद यादव के मामले में चरितार्थ होता दिख रहा है। गोरखपुर में एक किसान के घर जन्‍म लेने वाले विनोद यादव अपने हुनर और मेहनत के दम पर आज इकबाल बक्‍श की फिल्‍म ‘गुंडा’ से भोजपुरी स्‍क्रीन पर डेब्‍यू कर रहे हैं, जो जून में बॉक्‍स ऑफिस पर रिलीज होगी। दिनेशलाल यादव निरहुआ को रोल मॉडल मानने वाले विनोद को अपनी इस फिल्‍म से काफी उम्‍मीदें हैं। इसी सिलसिले में हमने उनसे बात की, तब उन्‍होंने फिल्‍म के साथ – साथ कई अहम बातें बताईं। पेश विनोद कुमार से बातचीत का हिस्‍सा –

सवाल : फिल्‍म ‘गुंडा’ कैसी फिल्‍म है और इसमें आपका किरदार क्‍या है ?

विनोद यादव : एक सीधा – सादा युवक कैसे गुंडा बन जाता है और फिर उसका हश्र किया होता है। इसी की कहानी है फिल्‍म ‘गुंडा’। इसमें मैं लीड रोल में हूं। मेरा किरदार काफी प्रभावशाली है। यह फिल्‍म आपको रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर स्‍टारर फिल्‍म ‘गुंडे’ की याद दिला सकती है। मगर हमारी फिल्‍म उसको कॉपी नहीं है। यह भोजपुरी समाज के बीच की कहानी पर बेस्‍ड है। फिल्‍म का क्‍लाइमेक्‍स बेहतरीन है, जो दर्शकों में उत्‍सुकता पैदा करेगी।

सवाल : एक छोटे जगह से फिल्‍मी दुनिया में आना कैसे हुआ, जबकि पिता किसान हैं ?

विनोद यादव : बचपन तंगहाली में गुजरी। पिता किसान हैं। लेकिन बचपन से ही मैं फिल्‍मों में आना चाहता था। अभिनय मुझे भाती थी। यही वजह है कि मैंने फिल्‍मों में अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया। इसके लिए मैंने बहुत मेहनत की। सेल्‍फ एक्टिंग की। जिसका फल मुझे सिकंदर खान के सिकंदर खान प्रोडक्‍शन हाउस से मिला। हालांकि मैंने पहले भी कोशिश की थी, लेकिन तब मुझे ऑफर होने वाला किरदार मुझे पसंद नहीं आया। मेरी सोच शुरू से रही है कि जिस फिल्‍म में लीड रोल मिलेगा, उसी में काम करूंगा।

सवाल : पहली ही फिल्‍म में इंडस्‍ट्री की दिग्‍गज कलाकार गुंजन पंत ,अंजना सिंह और अनुभवी निर्देशक इकबाल बक्‍श के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

विनोद यादव : गुंजन पंत और अंजना सिंह दोनों बेहद अच्‍छी अदाकारा हैं। पहले दिन तो मैं काफी डरा था कि उनके साथ मेरा सीन कैसे हो पायेगा। दूसरे दिन भी उनसे दूर ही रहा है, सिर्फ काम की बातें किया करता था। लेकिन तीसरे दिन मैंने सोचा की पूरी फिल्‍म उनके साथ ही करनी है। तो मैंने हिम्‍मत जुटाई और उनसे बात की। उन दोनों ने पूरी फिल्‍म के दौरान मेरा खूब सपोर्ट किया। वहीं, इकबाल बक्‍श ने तो मुझे जीरो से हीरो बनाया। कम रीटेक में उन्‍होंने मुझ जैसे नए कलाकार से फिल्‍म करवा ली। फिल्‍म की पूरी यूनिट से मैंने बहुत कुछ सीखा और उनका सपोर्ट भी मुझे जमकर मिला। फिल्‍म में सिकंदर खान बेहद काबिल तारीफ के कलाकार हैं।

सवाल : डर नहीं लगा कि भोजपुरी पर अश्‍लीलता का दाग लगता है। इससे आपके करियर पर असर पड़ सकता है ?

विनोद यादव : बिलकुल नहीं, भोजपुरी मातृ भाषी है। आज भोजपुरी सिनेमा ने दुनिया में अपना मुकाम बना लिया है। ये सच है कि कुछ लोगों ने कम समय में शोहरत पाने के लिए भोजपुरी का गलत इस्‍तेमाल किया। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सबों को अपनी भाषा – कल्‍चर का सम्‍मान करना चाहिए।

सवाल : भोजपुरी में आपके रोल मॉडल कौन हैं ?

विनोद यादव : मेरे रोल मॉडल दिनेशलाल यादव निरहुआ हैं। उनके एक गाने ने मुझे बुहत प्रभावित किया, जिसने मुझ अपने सपने के सच करने के जुनून को हवा दी है। इसके अलावा रवि किशन, मनोज तिवारी जैसे अभिनेता से काफी कुछ सीखने को मिला है। अब उनकी खेती को आगे बढ़ाने का काम करूंगा।

सवाल : फिल्‍म ‘गुंडा’ के बाद और कौन – कौन सी फिल्‍में कर रहे हैं और आपके फिल्‍म चयन का पैमाना क्‍या है?

विनोद यादव : फिल्‍म ‘गुंडा’ के बाद मेरी दो और फिल्‍में लाइन अप है, जो होली के बाद शुरू होंगी। जहां तक मेरे फिल्‍म चयन का सवाल है, तो भविष्‍य में यूथ ओरियेंटेड इंटरटेनिंग फिल्‍म को तबज्‍जो दूंगा। ताकि यूथ मनोरंजन के साथ सिनेमाघर से एक सकारात्‍मक संदेश लेकर सिनेमाघरों से बाहर जायें।

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