उज्जैन : आज से प्रारम्भ होने वाले चैत्र नवरात्री में हर कोई माता की उपासना कर माता को मानाने की सम्पूर्ण कोशिश करने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाला और हो भी क्यों ना आखिर माता की भक्ति से हमें नई ऊर्जा और शक्ति जो मिलती है पर दुःख तब होता है जब एक तरफ हम माता जी की उपासना करते है और दूसरी तरफ धरती पर माता के अवतार स्वरुप मौजूद जन्म देते वाली हमारी माँ और करोडो देवी देवता जिनमे वास् करते है ऐसी गौ माता को हम नजर अंदाज कर देते है. माँ दुर्गा – माँ काली – माँ भवानी माँ के अनेको नाम, अनेको अवतार है किन्तु हर स्वरुप में माँ तो माँ ही है और माँ हर बच्चों को लड़ दुलार करने के लिए धरती पर अपना स्वरुप माँ जननी के रूप में आपको खूब सूरत तौफा के रूप में दिया है. पर हम अपने फर्ज से भटक जाते है. आपको जान कर आश्चर्य होगा धरती पर माँ और गौ माता ही दो ऐसे प्राणी है जिनका गर्भ काल ९ माह का होता है और दोनों ही अपने दूध से बच्चो को पालते पोस्ट है. हम बचपन में तो माँ के दूध का सेवन करते है पर एक समय बाद हम गौ माता के दूध पर आश्रित हो जाते है. पर हम उनके दूध का कर्ज कभी नहीं चूका सकते किन्तु उनको सम्मान देकर पूज कर हम अपने कर्मो के पाप को जरूर कम कर सकते है.
समाज सेवी गौ रक्षक व् अखिल भारतीय हिन्दू सेवा दल के सचिव विनायक अशोक लुनिया ने मीडिया के माध्यम से समाज को एक जाग्रत करने के लिए कहा की आज हिन्दू मान्यता के अनुसार नव वर्ष का प्रारम्भ है तो साथ ही माँ दुर्गा को मानाने के लिए हर हिन्दू माँ के चौखट पर नमन करने जायेगा. वहां माँ के दर्शन हो नहीं हो, माँ दुर्गा का आशीर्वाद मिले नहीं मिले यह तो किस्मत की बात है किन्तु अगर हर हिन्दू ने माँ जननी के चरणों में नमन कर गौ माता की पूजा करेगा तो उसे अवश्य ही माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होगा. क्योंकि माँ जननी और गौ माता के रूप में माँ दुर्गा साक्षात हमारे बिच सदैव हमें प्यार दुलार करने आशीर्वाद देने के लिए मौजूद है.