अश्विनी चौबे बताएं कि उन्‍होंने बक्‍सर के लिए क्‍या किया

बक्‍सर, 30 अप्रैल। 2014 में जुमलेबाजी कर सत्ता में आयी एनडीए सरकार ने देश और संविधान के साथ खिलवाड़ करने का काम किया। लेकिन फिर भी उनके नेता अपनी आत्‍मा बेच कर पीएम मोदी की भक्ति में लगे हैं। उसमें बक्‍सर के सांसद अश्विनी चौबे भी हैं, जो मोदी की अंधभक्ति कर बक्‍सर की जनता को फिर से बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बक्‍सर की जनता उनके खेल को समझ चुकी है। इसलिए चौबे मोदी सरकार के झूठ के बजाय अपने कार्यों का जनता को हिसाब दें। वे बतायें कि बीते पांच सालों में बक्‍सर के लिए उन्‍होंने क्‍या किया? केंद्र में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हैं, कितने अस्‍पताल बक्‍सर में खुलवाये या इसमें दिलचस्‍पी ली।

उक्‍त बातें आज जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सह बक्‍सर लोकसभा सीट से प्रत्‍याशी अनिल कुमार ने जनता के बीच जाकर कही। उन्‍होंने बताया कि किस तरह अश्विनी चौबे ने बक्‍सर के जनसमर्थन को धोखा देने का काम किया है। उन्‍होंने कहा कि पांच साल सिर्फ नफरत फैलाने और भ्रष्‍टाचार के जरिये परिवार को फायदा पहुंचाने में लगे रहे और आज वे जनता के बीच हाथ जोड़ रहे हैं। ऐसे मौका परस्‍त लोगों को अब सबक सिखाने की जरूरत है।

वहीं, अनिल कुमार ने राजद प्रत्याशी जगदानंद सिंह पर जनता के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि राजद के लोग आज भी सामंती मानसिकता में जी रहे हैं और जनता के अपमान का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। तभी तो नामांकन के दिन सभा के दौरान भीषण गर्मी में खुद कुर्सी पर बैठे और बक्‍सर के जनता जनार्दन को सामने खड़ा करा दिया। उन्‍होंने कहा कि जगदानंद सिंह ने कभी बक्‍सर की आम जनता के विकास के लिए कुछ नहीं किया। जगदानंद सिंह और अश्विनी चौबे जैसे लोगों को तो आपने खूब मौका दिया, एक बार अपने बेटे और भाई को सिलाई मशीन पर बटन दबा कर काम करने का मौका दीजिए।

अनिल कुमार ने बक्‍सर के स्‍थानीय मुद्दों पर भी लोगों से चर्चा की और कहा कि बक्सर में शिक्षा चौपट है, सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर है। मध्याह्न भोजन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती की जा रही है। सरकारी स्कूलों में पठन – पाठन का कार्य न होने के कारण बक्सर की जनता अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजतें है, जहां स्कूल फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। बक्सर में एक मात्र कॉलेज है जिसकी स्थिति यह है कि पढ़ाई नही होती है। तकनीकी शिक्षा के नाम पर ना तो इंजीनियरिंग कॉलेज है, ना ही मेडिकल कॉलेज है, ना ही पोल्टेक्निक कॉलेज और ना ही कोई बीएड कॉलेज या इसके समतुल्य कोई संस्थान। पूरे बक्सर लोकसभा में महिलाओं के लिए एक भी महिला कॉलेज नही है। बक्सर के पूर्व सांसदों एवं वर्तमान सांसद द्वारा बक्सर के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसलिए लोकतंत्र के इस महापर्व में इन्‍हें सबक सिखायें और बक्‍सर के भविष्‍य के लिए जनतांत्रिक विकास पार्टी के चुनाव चिन्‍ह सिलाई मशीन छाप पर बटन दबाकर भारी संख्‍या में मतदान करें।

मंगलवार को अनिल कुमार ने कचैनिया,अमतुआ,अरराला, लखन दहरा, श्रीरामपुर, अताओं, उदेरामपुर, एकौरी, काम करहि, कुदरीअ, खैराही, दहिगना, पिरिअ, मंगुसी इत्यादि गांव में लोगो से मिलकर कहा कि हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि बक्‍सर का विकास मेरे लिए प्राथमिकता होगी।

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