हजारों ऐसे लोगों के नाम पर डिलीट की सील लगा दी

अजमेर के चुनाव विभाग ने बीएलओ की लापरवाही से बिना घर घर जांच किए ,
हजारों ऐसे लोगों के नाम पर डिलीट की सील लगा दी ,

जो 20 -25 साल से वहां आज भी रह रहे हैं ।

प्रताप यादव
बीएलओ को घर घर जाकर नाम जोड़ने थे । लेकिन हजारों नवयुवकों के नाम लिस्ट से गायब से थे । मतदाता अपना फोटो युक्त प्रमाण पत्र की आईडी लेकर घूम रहे थे । जीवित व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची से गायब थे जबकि उन्हीं के परिवार के जो लोग मर चुके हैं उनके नाम मतदाता सूची में शामिल थे । मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र लेकर निवेदन करने के बाद भी , मतदान केंद्र के बाहर बैठे बीएलओ उनकी कोई मदद नहीं कर रहे थे ।
सरकारी बीएलओ मतदान दिवस के पूर्व मतदाता सूचियां प्रत्येक मतदाता के घर नहीं पहुंचा पाए व जो पर्चियां पहुंची वह भी किसी व्यक्ति विशेष को एकमुश्त नियम विरुद्ध तरीके से दे आये । जिसने वह पर्चियां मतदाता तक पहुंची ही नहीं।
मतदान के दिन मतदान केंद्र के बाहर बैठे बी एल ओ साहिबान के पास भारी संख्या में बिना बांटी गई पर्चियां उनके थेलों में मौजूद, थैले की शोभा बढ़ा रही थी ।
उनके पास जो मतदाता आ रहे थे 90 प्रतिशत बीएलओ उन्हें भी पर्चियां ढूंढ कर देने में मदद नहीं कर रहे थे ।
अगर देश में प्रजातंत्र को जिंदा रखना है तो ईमानदारी से एक एक घर जाकर दुबारा से सही लिस्ट बननी चाहिए । जिसमें हर मतदाता का नाम हो ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके ।
प्रजातंत्र के सबसे बड़े त्यौहार मतदान दिवस पर मतदान कर्मियों का यह कार्य दुर्भाग्यपूर्ण खेल था । जिसकी ईमानदारी से न्यायिक जांच होनी चाहिए व दोषियों को कठोर दंड मिलना चाहिए अन्यथा बीएलओ की लापरवाही ऐसे ही चलती रहेगी व मतदाता अपने मताधिकार से वंचित होते रहेंगे ।
आश्चर्य की बात तो यह है कि जिन मतदाताओं के नाम पर डिलीट कि सील लगाई गई थी वह एक धर्म विशेष के लोग है ।
जो धर्मनिरपेक्ष भारत में रहते हैं, इनका नाम मतदाता सूची से हटाना भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को बिगाड़ने का भी काम करेगा ।

●प्रताप सिंह यादव ,
प्रधान संपादक ,
प्रजातंत्र का रक्षक

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