बेंगलूर। दक्षिण भारत में पहली बार भाजपा को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा के अपनी पार्टी छोड़ने के फैसले ने उनकी आंखें नम कर दी। शुक्रवार को अपनी पार्टी भाजपा को अलविदा कहते वक्त येद्दयुरप्पा काफी भावुक होते हुए नजर आए। पार्टी के साथ बिताए अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें काफी कुछ दिया हैं और उन्होंने अपना लंबा समय पार्टी को खड़ा करने में लगाया है। ऐसे में पार्टी को छोड़ कर जाने का फैसला आसान नहीं था।
उन्होंने अपने पार्टी के लोगों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अपने ही लोगों की वजह से उन्हें पार्टी छोड़ने का फैसला लेना पड़ा। उन्होंने साफ कहा, पार्टी में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो नहीं चाहते कि मैं पार्टी में रहूं। इसलिए मुझे पार्टी छोड़ कर जाना ही होगा। उन्होंने फैक्स के माध्यम से अपना इस्तीफा भेज दिया है।
इस बारे में राज्य के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टी बनाकर येद्दयुरप्पा बड़ी गलती करने जा रहे हैं। येद्दयुरप्पा 9 दिसंबर को हावेरी में अपनी नई पार्टी (कर्नाटक जनता पार्टी) गठित करने पर दृढ़ हैं।
अपने समर्थकों पर भाजपा द्वारा संभावित अनुशासनात्मक कार्रवाई को टालने के लिए येद्दयुरप्पा ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को नई पार्टी के गठन पर आयोजित समारोह से अलग रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जगदीश शेट्टार की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे। पूर्व मुख्यमंत्री का दावा है कि कम से कम 50 सांसद, विधायक और मंत्री उनकी पार्टी में आने के लिए आतुर हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री पद से पिछले साल हटाए गए येद्दयुरप्पा फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना चाहते थे, लेकिन भाजपा नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं हुआ।