गुजरात चुनाव: मोदी ने एक भी मुस्लिम को नहीं दिया टिकट

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को पार्टी का टिकट नहीं दिया है। जबकि अब तक वह 182 में से 181 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी।

गुजरात में मुस्लिमों की आबादी 9.1 फीसद है और ऐसे में नरेंद्र मोदी के सद्भावना मिशन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि पार्टी ने दावा किया है कि वह धर्म के आधार पर नहीं बल्कि जीतने की संभावना वालों को टिकट देती है।

मुस्लिम समुदाय भाजपा शासन में ही राजनीतिक रूप से शून्य हुआ है। इससे पहले उसकी आवाज उठाने के लिए कुछ मुस्लिम विधायक जरूर होते थे। 1985 में सबसे ज्यादा 11 मुस्लिम विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।

सामाजिक कार्यकर्ता हनीफ लाकड़ावाला का कहना है कि मोदी का सद्भावना का मुखौटा उतर गया है। वह चाहते तो कुछ सीटें दे सकते थे। हालांकि उन्हें पता है कि भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवारों को मुस्लिम न के बराबर वोट देंगे।

व्यवसायी जफर सरेशवाला कहते हैं कि टिकट देना और नहीं देना ज्यादा मायने नहीं रखता है। 1985 में 11 मुस्लिम विधायक थे और 1990 में दो ही थे तो क्या फर्क पड़ता है। आंकड़ा मायने नहीं रखता। मतलब इस बात से है कि सभी के साथ मुसलमानों का भी विकास हो रहा है या नहीं।

उधर, भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन कहते हैं कि हम धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते। हमने उन उम्मीदवारों को टिकट दिया जो जीत सकते हैं।

वहीं कांग्रेस सासद जगदंबिका पाल कहते हैं कि किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट न देने से भाजपा की कथनी और करनी में अंतर सबके सामने आ गया है।

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