महिला सहकारी समिति मब्स ने अमेज़न इंडिया के साथ साझेदारी की

सरगुजा स्‍थित एमयूबीएसएस, जिसमें आदिवासी महिलाएं शामिल हैं, Amazon.in के मार्केट प्‍लेस में अपने उत्पादों को बेचने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला सहकारी समिति बनी

· सहकारिता क्षेत्र के अति लघु उद्योगों ने पिछले दो वर्षों में 100 प्रतिशत की असाधारण वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर दर्ज की

· ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से विश्वसनीय और बड़े बाजार तक पहुंच बिक्री को बढ़ावा देगी और परिवारों के लिए आय पैदा करेगी

रायपुर, छत्तीसगढ़: स्थानीय उद्यमिता के प्रति उत्साह को लेकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, सरगुजा स्‍थित महिला कोऑपरेटिव, महिला उद्यमी बहुद्देशीय सहकारी समिति (एमयूबीएसएस) लिमिटेड, ने प्रामाणिक और ग्रामीण उत्पादों की बिक्री के लिए भारत के अग्रणी ई-कॉमर्स बाजार Amazon.in के साथ साझेदारी करने वाली एमयूबीएसएस राज्य की पहली महिला कोऑपरेटिव बन गई है। शुरुआत में सहकारी समिति बहु-उपयोगी, पर्यावरण-अनुकूल कपड़े के बैग बेचेगा और बाद में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से अपने उत्‍पादों का विस्तार करेगा। ये पर्यावरण-अनुकूल बैग आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार किये गए हैं, जो छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी से 300 किलोमीटर दूर ग्रामीण बस्तियों में रहती हैं।

अमेजन इंडिया के साथ यह अपनी तरह की पहली ऐतिहासिक साझेदारी है जो न केवल उन्हें अपने उत्पादों के लिए अखिल भारतीय बाजार तक पहुंच बनाएगी, बल्कि ग्रामीण उद्यमियों के लिए उच्च आय पैदा करेगी और प्लास्टिक के स्थायी विकल्पों के उपयोग को भी बढ़ावा देगी। बिक्री से होने वाली आय अमेजन से ऑनलाइन हस्तांतरण के जरिये सीधे सहकारी समिति के खाते में जाएगी। उपभोक्ता www.amazon.in या अमेजन ऐप पर लॉग इन करके अपने परिवार और दोस्तों के लिए बैग खरीद सकते हैं या उपहार दे सकते हैं। इस वेबसाइट पर उपभेक्‍ता ‘Surguja Udyami Stores’ को सर्च करके या केवल प्रॉडक्‍ट कोड B07VWBM5JD टाइप करके उत्‍पाद तक पहुंच सकते हैं। (https://www.amazon.in/Surguja-Udyami-Stores-Multi-UtilityShopping/dp/B07VWBM5JD/ref=sr_1_1?keywords=surguja&qid=1567580819&s=gateway&sr=8-1)

“अमेजन इंडिया के साथ यह साझेदारी धैर्य और परिश्रम की हमारी यात्रा में महत्‍वपूर्ण पड़ाव है, जो परिवारों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनने में मदद करती है,” एमयूबीएसएस की उपाध्यक्ष वेदमती उइके ने बताया।

एमयूबीएसएस ने पिछले दो वर्षों में अपने विभिन्न अति लघु उद्यमों के जरिये राजस्व में 100 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज की है, जो व्‍यापक अवसरों के होने का एक प्रमाण है और जिसे आत्मनिर्भरता और समावेशी विकास को बढ़ावा देकर साकार किया जा सकता है। अदाणी समूह की गैर-लाभकारी संस्‍था, अदाणी फाउंडेशन के तत्वावधान में स्थापित और विकसित किये गये, एमयूबीएसएस में सरगुजा जिले की 250 महिलाएं शामिल हैं, जो अपने कौशल का उपयोग करके रोजगार पैदा करने की गतिविधियों को पूरा करती हैं। इन गतिविधियों में फिनाइल निर्माण, सेनेटरी पैड बनाना और नागरिकों के लिए बेहतर स्वच्छता और पेयजल दोनों के लिए अग्रणी वाटर फिल्टर प्लांट का संचालन शामिल है। कोऑपरेटिव के सदस्य भी किसान क्लब द्वारा उगाए गए अनाज, सब्जियों और सब्जियों की खरीद के जरिये जिले में टिकाऊ उत्पादन और भोजन की खपत को बढ़ावा देते हैं, और किसानों को उनकी उपज के लिए निश्चित मुनाफा प्रदान करते हैं। एमयूबीएसएस द्वारा इन उत्पादों का उपयोग स्कूली छात्रों को पौष्टिक मिड-डे मील, ग्रामीण भारत में पोषण के मामले में सुधार लाने और स्वास्थ्य मानकों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

जिस क्षेत्र में अदाणी समूह काम करता है, उस क्षेत्र के नजदीक रहने वाले समुदायों के विकास के लिए अदाणी फाउंडेशन प्रतिबद्ध है। सरगुजा के महिला कोऑपरेटिव और अन्य सफल अति लघु उद्यमों के मॉडल को निकट भविष्य में रायगढ़ जैसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

“मुझे यह जानकार खुशी हुई कि हमारे उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर बेचे जाएंगे और हमें बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचने में सक्षम करेंगे। एमयूबीएसएस के साथ साझेदारी से समाज में सम्मान बढ़ाने में मदद मिली है और साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ाया है,” रजनी श्रीवास्तव, हेड- मार्केटिंग, एमयूबीएसएस ने कहा।

इस नई साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए, प्रणव भसीन, निदेशक, सेलर एक्‍सपीरियंस, अमेजन इंडिया ने कहा कि “जिस तरह से भारत में खरीदारी और बिक्री होती है, उसे बदलने के लिए हमारी सोच के अनुरूप, अमेजन इंडिया लगातार अधिक से अधिक विक्रेताओं को सक्षम बनाने के लिए काम कर रहा है, ताकि वे ऑनलाइन बिक्री को समझ पायें और अपने व्यवसाय का विस्तार करें। ऐसे समय में जब पर्यावरण संरक्षण वक्‍त की जरूरत बन गई है, हम उत्‍साहित हैं कि अपने ग्राहकों को महिला उद्यमी बहुद्देशीय सहकारी समिति की महिला उद्यमियों द्वारा बनाये गये पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद उपलब्‍ध कराने के साथ महिला उद्यमियों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।”

‘अमेजन कारीगर’ सबसे बड़े स्टोर्स में से एक है, जो भारतीय कारीगरों के प्रामाणिक शिल्प की विस्तृत रेंज प्रदान करता है, और ग्राहकों के लिए ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद उपलब्‍ध कराकर बुनकरों और कारीगरों को सक्षम बनाता है और इस तरह, भारत की समृद्ध विरासत को प्रमुखता से प्रस्‍तुत करता है। अमेजन ने बुनकरों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को ऑनलाइन व्‍यापार करने के लिए और Amazon.in के माध्यम से व्यापक बाजार तक पहुंच बनाने में सक्षम करने के लिए कारीगर कार्यक्रम (जिसे पहले कला-हाट के रूप में जाना जाता रहा है) लॉन्च किया। इस पहल के माध्यम से, Amazon.in ने ऑनलाइन बेचने के लिए 2400 से अधिक मास्टर बुनकरों, सहकारी समितियों, कारीगरों और एपेक्‍स बॉडीज (राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बुनकरों सहित) को शामिल किया है। कार्यक्रम ने 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 7.7 लाख से अधिक बुनकर समुदाय के लोगों के जीवन में बदलाव लाया है। Amazon.in ने शिल्प प्रेमियों को प्रामाणिक शिल्प उपलब्‍ध कराने और बाजार कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 13 सरकारी एम्पोरियम और 5 सरकारी निकायों के साथ भागीदारी की है। आज ‘कारीगर’ के पास 55,000 से अधिक उत्पाद उपलब्‍ध हैं, जिसमें 20 से अधिक राज्यों की 270 से अधिक अनूठी कलाकृतियां और शिल्प शामिल हैं, और यह बड़े स्‍तर पर ग्राहक उपलब्‍ध करा कर, बाजार में अधिक पहचान बनाने में भारतीय हस्तशिल्प और कारीगर समुदायों की मदद करता है और उनको अपने उत्पादों को बेचने तथा उत्‍पादों का उचित मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।

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