रोगों से मुक्ति में प्रेक्षाध्यान के प्रयोग कारगर: डाॅ. भाटी

नई दिल्ली, 6 अगस्त 2021
कोरोना जैसी महामारी में मुक्ति, आध्यात्मिक विकास, निरोगिता एवं मानसिक शांति के लिए प्रेक्षाध्यान के प्रयोग विषयक वेबनार में अंतरराष्ट्रीय योग एवं ध्यान के प्रशिक्षक डाॅ. प्रदीप भाटी ने कहा कि विराट विश्व में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान ध्यान एवं साधना से न हो सके। केवल समस्याओं से मुक्ति ही नहीं, किसी भी तरह के शारीरिक रोग से मुक्ति के लिए प्रेक्षाध्यान के प्रयोग चमत्कारी हैं। कोरोना महामारी से मुक्ति की दिशा में समूची दुनिया में योग की चमत्कारपूर्ण भूमिका देखी है।
संतुलित एवं समतामय जीवन की साधना के विशिष्ट उपक्रम सामायिक क्लब द्वारा आयोजित वेबनार में वक्ताओं ने प्रेक्षाध्यान को शांति, संतुलन और स्वास्थ्य का सशक्त आधार बताया। डाॅ. प्रदीप भाटी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए योग शक्ति के माध्यम से इस पर नियंत्रण पाने के उपक्रम किये गये हैं, जिनके चमत्कारी प्रभाव देखने को मिले हैं। योग की साधना और उसके प्रभाव का इतिहास भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी योग के प्रयोगांे से गंभीर बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा रहा है।
सामायिक क्लब की संयोजिका श्रीमती मंजुला जैन ने कहा कि सामायिक जैन साधना पद्धति की एक विशिष्ट प्रक्रिया है जिसमें 48 मिनट तक साधक आत्मसाधना के साथ-साथ सुख, समृद्धि, शांति, स्वास्थ्य के लिए इस साधना में प्रवृत्त होता है। उन्होंने सामायिक क्लब को उन्नत आध्यात्मिक जीवन का सोपान बताया और विभिन्न जैन परम्पराओं में सामायिक की साधना के स्वरूप को उजागर किया। उन्होंने कहा कि सामायिक के प्रति जागरूकता पैदा करने की दिशा में सामायिक क्लब एक जनक्रांति है जिससे एक आदर्श समाज संरचना को आकार दिया जा सकता है।
प्रारंभ में सामायिक क्लब के सह संयोजक श्री ललित गर्ग ने डाॅ. प्रदीप भाटी का परिचय देते हुए कहा कि भारतीय योग को दुनिया में पहुंचाने में उनका अमूल्य योगदान है। वे जापानी आध्यात्मिक गुरु यूजी याहिरो से योग आधारित वहां की वैकल्पिक चिकित्सा ‘मैजो-शियात्सू’ का प्रशिक्षण लेकर भारत के पहले ‘मैजो-शियात्सू’ थेरेपिस्ट बने हैं। उन्होंने हाॅलैण्ड, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैण्ड, इंगलैण्ड, आयरलैण्ड, जापान में प्रेक्षाध्यान के कार्यक्रम दिए हैं। वे राजस्थान पत्रिका द्वारा संचालित जनमंगल आरोग्य संस्थान के ओकी-दो-इंडिया के प्रमुख हैं। डाॅ. सुजाता जैन आदित्य ने कार्यक्रम का संयोजन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ सामायिक गीतिका से हुआ।
प्रेषकः

(ललित गर्ग)
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