मुंबई, 27 जनवरी 2022: आईएफसी के टैकइमर्ज प्रोग्राम के तहत 6 आधुनिक आविष्कारकों को इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) का सहयोगी बनने के लिए चुना गया है जो किफायती और पर्यावरण के अनुकूल कूलिंग टेक्नोलॉजी को अमल में लाएंगे।
इस प्रोग्राम के अंतर्गत चुने गए आविष्कारक हैं- पहाड़पुर कूलिंग टावर्स, आईओटोमेशन ईकोटैक, ग्रीन ऐफिशियेंट सॉल्यूशंस, डेसिकैंट रोटर्स इंटरनैशनल व जे़नाटिक्स सॉल्यूशंस- ये सभी भारत से हैं और इनके अलावा इज़रायल की कंपनी ऐलग्रैसी इंजीनियरिंग सर्विसिस को भी चुना गया है। अगले 12 से 18 महीनों के दौरान सात ताज होटलों में इनके आधुनिक कूलिंग सॉल्यूशंस को अमल में लाया जाएगा और इस हेतु कुल 5 लाख डॉलर की राशि तय की गई है।
आईएफसी के टैकइमर्ज सस्टेनेबल कूलिंग इनोवेशन प्रोग्राम को युनाइटेड किंग्डम के इंटरनैशनल क्लाइमेट फाइनेंस द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। इस प्रोग्राम के जरिए आविष्कारकों को उभरते बाजारों की अग्रणी कंपनियों के साथ जोड़ा जाता है ताकी ऐसे उपायों को अपनाने की गति बढ़ाई जा सके जो शीतलन को ज्यादा वहनीय एवं ऊर्जा-दक्ष बनाते हैं और साथ ही ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम कर सकें
भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त अलेक्स ऐलिस ने कहा, “इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड और उनके आविष्कारक सहयोगियों को बधाई की वे किफायती और प्रभावी शीतलन तकनीकों को अमल में ला रहे हैं। उत्सर्जन घटाने और सीओपी 26 में सहमति जताए गए ग्लासगो क्लाइमेट पैक्ट के पालन की दिशा में यह बहुत अहम कदम है।”
आईएचसीएल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट औैर ग्लोबल हैड-ह्यूमन रिसोर्सिस गौरव पोखरियाल ने कहा, “आईएचसीएल में हमारा हमेशा प्रयास रहता है की हम अर्थपूर्ण तरीके से पर्यावरण का संरक्षण करें। आईएफसी के टैकइमर्ज प्रोग्राम और दुनिया के कुछ बेहतरीन कूलिंग इनोवेटरों के साथ हमारी सहभागिता अभूतपूर्व है, आतिथ्य उद्योग में पर्यावरण अनुकूल समाधानों के अमल के लिए यह इस प्रकार का पहला कदम है।”
भारत दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते कूलिंग बाजारों में से एक है, लेकिन परंपरागत एयर-कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन व अन्य कूलिंग ऐप्लीकेशंस बहुत ही महंगे हैं, बिजली की खपत बहुत करते हैं और ग्रीनहाउस गैसों के वैश्विक उत्सर्जन का 7 प्रतिशत उत्सर्जन इन्हीं से होता है।
आईएफसी की इंडिया कंट्री हैड वेंडी वर्नर ने कहा, “सस्टेनेबल कूलिंग कोई विलासिता का विषय नहीं है बल्कि यह एक जरूरत है जो ऊर्जा की मांग का प्रबंधन करेगी और ऊर्जा तक न्यायसंगत पहुंच प्रदान करेगी। स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि पर इसके दूरगामी परिणाम होंगे और साथ ही यह जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को भी हल करेगी। टैकइमर्ज जैसे कार्यक्रमों के जरिए आईएफसी प्राइवेट सेक्टर के आविष्कारकों को मदद देती है जिससे की मापनीय व अत्याधुनिक कूलिंग समाधानों के लिए मार्ग प्रशस्त किया जा सके और पूरे भारत व इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से निपटने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाए।”
फंडिंग मुहैया कराने के अलावा टैकइमर्ज प्रोग्राम फील्ड टैस्टिंग के दौरान परामर्श भी देता है ताकी आविष्कारकों को वित्तीय एवं परिचालनीय जोखिम कम करने, स्थानीय कंपनियों द्वारा अपनाए जाने में जोखिम घटाने तथा बाजार-प्रवेश एवं तकनीकी हस्तांतरण की सुगमता हेतु मदद दी जा सके। अगर यह पहल सफल रही तो आईएचसीएल और आविष्कारक एक कारोबारी साझेदारी करने का भी फैसला ले सकते हैं।
टैकइमर्ज कार्यक्रमों ने फाइनेंसिंग और निवेश हेतु लाखों डॉलर जुटाने, कारोबारी साझेदारी बनाने में मदद की है, प्रमुख क्षेत्रों में प्राइवेट सेक्टर की वृद्धि में सहयोग दिया है और अभिनव समाधानों को विस्तार दिया है जिनसे हर वर्ष लाखों लोगों का लाभ होना अपेक्षित है और साथ ही दुनिया की कुछ सबसे कठिन चुनौतियों का भी हल किया जा सकेगा।