केयर्न, वेदांता ने ईएसजी की यात्रा शुरू की, साल 2050 के आते-आते शून्‍य कार्बन का लक्ष्‍य रखा

नई दिल्‍ली, 21 फरवरी 2022 : केयर्न ऑइल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड तेल एवं गैस के क्षेत्र में ईएसजी (पर्यावरणीय, सामाजिक एवं कॉर्पोरेट अभिशासन) का नेतृत्‍व कर रहा है और उसने साल 2050 के आते-आते शून्‍य कार्बन का लक्ष्‍य हासिल करने का संकल्प लिया है। कंपनी अपने उत्‍पादन को दोगुना करने के लिये अगले 3-4 वर्षों में 4 बिलियन निवेश करने के लिये प्रतिबद्ध है और ईएसजी के लिये नवघोषित रूपरेखा से कंपनी स्‍थायी आधार पर इस सपने को पूरा करने में समर्थ होगी।

इस घोषणा पर वेदांता के फाउंडर और चेयरमैन, श्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि, “वेदांता समूह उन संवहनीय पद्धतियों में आगे रहा है, जो सकारात्‍मक आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ नेट-ज़ीरो के लिये प्रधानमंत्री के लक्ष्‍य हासिल करने के अनुसार हैं। आज हमारा तेल एवं गैस व्‍यवसाय भारत की ऊर्जा से जुड़ी जरूरतों और वृद्धि की आकांक्षाओं को पूरा करने की स्थिति में है। ‘शून्‍य हानि, शून्‍य अपशिष्‍ट, शून्‍य विसर्जन’ के दर्शन पर हमने अपने परिचालन के लिये ईएसजी के मजबूत लक्ष्‍य बनाये हैं, जो ज्‍यादा क्षमतावान बनने में भारत के ऊर्जा क्षेत्र की सहायता करेंगे और आत्‍मनिर्भरता की दिशा में देश के अभियान में सहायक होंगे।”

इस घोषणा पर बात करते हुए केयर्न ऑइल एंड गैस के डिप्‍यूटी सीईओ, प्रचुर साह ने कहा कि, “ईएसजी हमेशा से केयर्न ऑइल एंड गैस के लिये शीर्ष प्राथमिकता रहे हैं। स्‍थायित्‍व के लिये अपनी यात्रा को जारी रखते हुए हम भारत के लिये ऊर्जा में आत्‍मनिर्भरता सुनिश्चित करने के अपने लक्ष्‍य को हासिल करने के साथ-साथ समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के अपने सपने के लिये प्रतिबद्ध हैं। यह घोषणा जिम्‍मेदारी और स्‍थायित्‍व के साथ वृद्धि करने के लिये हमारी प्रतिबद्धता को दोहराती है। साल 2070 के आते-आते प्रधानमंत्री के शून्‍य कार्बन उत्‍सर्जन के सपने के अनुसार केयर्न हमारे देश की ऊर्जा सम्‍बंधी आकांक्षाओं के साथ मजबूती से खड़ा है।

ईएसजी के उद्देश्य सामान्यतः परिचालन क्षेत्र में लोगों के जीवन के उन्नयन पर केन्द्रित होगा। इन उद्देश्यों को 10 लाख लोगों के लिए संवहनीय आजीविका के अवसरों, वर्ष 2030 के आते-आते डिजिटल शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से लगभग 90 लाख स्टूडेंट्स को शिक्षित करने के साथ-साथ शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य की देखभाल और कल्याण के माध्यम से 2 करोड़ स्त्रियों और बच्चों के उन्नयन के द्वारा हासिल करने की योजना है। कंपनी शुद्ध जल से सकारात्‍मक प्रभाव, नवीकरण योग्‍य ऊर्जा के उपयोग, साल 2030 के आते-आते 2 मिलियन पेड़ लगाने और परियोजना के जीवनचक्र में जैव-विविधता की सुरक्षा और विस्‍तार को बनाये रखकर हमारे ग्रह को ज्‍यादा स्‍वस्‍थ बनाने के लिये नवाचार कर रही है। इसके अलावा, कंपनी लैंगिक समानता, विविधता और समावेश को बढ़ावा देकर एक बेहतरीन कार्यस्‍थल का संचालन कर रही है और कॉर्पोरेट अभिशासन के वैश्विक व्‍यवसाय मानकों का पालन कर रही है तथा इसके कार्यकलाप कर्मचारियों और व्‍यवसाय भागीदारों के स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा पर केन्द्रित हैं।

स्‍थायित्‍व के लिये केयर्न के ऊर्जस्‍वी अभिगम को उसके परिचालन और सीएसआर की पहलों में देखा जा सकता है। राजस्‍थान और रव्‍वा में उसकी शुद्ध जल की पूरी आवश्‍यकता खारे जलभृतों से पूरी हो रही है, जबकि उत्‍पादित जल का 96% से ज्‍यादा पुन:भराई के माध्‍यम से पुन:चक्रित हो रहा है। कंपनी बिजली और ऊष्‍मा की अपनी जरूरतें पूरी करने के लिये संबद्ध प्राकृतिक गैस का अच्‍छी तरह इस्‍तेमाल कर रही है। केयर्न ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के तटों पर 279 एकड़ मैनग्रोव्‍स भी लगाये हैं। राजस्‍थान के निर्जल थार में 100 से ज्‍यादा देशज प्रजातियों वाला एक वनस्‍पति जैवविविधता उद्यान अब बाड़मेर, राजस्‍थान में मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल का परिदृश्‍य है। केयर्न के परिचालन क्षेत्रों में कुल मिलाकर 1644 एकड़ क्षेत्र को हरितपट्टी के रूप में विकसित किया गया है। इसी प्रकार, केयर्न ने वर्षाजल को एकत्र और संचित करने के लिये पारंपरिक संरचनाओं को नया जीवन देने का काम किया है और थार रेगिस्‍तान के निर्जल ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक नदियों की गाद निकाली है। कंपनी अपने परिचालन के आस-पास के लोगों को लगातार सहयोग दे रही है, जिससे प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष तौर पर 6 करोड़ से ज्‍यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं।

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