नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2022: माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत के विज़न के अनुरूप, स्किल इंडिया झारखंड राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने जा रहा है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान “राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड)”औरझारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे), रांची के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ है ताकि भारत में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में उद्यमिता और आपसी सहयोग के अवसर को बढ़ावा दिया जा सके।इस समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य उद्यमिता कौशल, उद्यमिता शिक्षा और सुविधाजनक प्रशिक्षण के सतत विकास की दिशा में निस्बड और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे), रांची की ताकत को एकजुट करना है। संपूर्ण सहयोग का उद्देश्य पारस्परिक रूप से सहमत, सहयोगी और वैल्यू एडेड कार्यक्रमों, नीतियों और पाठ्यक्रम की एक सीरीज़ के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना है।
साझेदारी के तहत, निस्बड और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय दोनों झारखंड के उद्यमिता ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसे प्रौद्योगिकी, ज्ञान, प्रबंधन और संसाधनों के मामले में उनकी संबंधित संस्थागत एक्सपर्टाइज़ का विस्तार करके हासिल किया जाएगा। इसके अलावा, संस्थान उद्यमिता कौशल और शिक्षा के क्षेत्रों में एक ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन करेंगे। इसके अलावा, एक साथ काम करके, दोनों संस्थान इंडियन टेक्निकल एंड इकोनोमिक कोऑपरेशन (आईटीईसी) देशों के लिए प्रपोज़ल्स और ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का सह-निर्माण करेंगे। इसके अलावा, वे छात्रों को उद्यमिता की पेचीदगियों को समझने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सामान्य हित के क्षेत्र में सेमिनार्स /वर्कशॉप्स/आउटरीच प्रोग्राम जैसे ज्वॉइन्ट इवेंट्स भी आयोजित करेंगे।
यह साझेदारी उद्यमिता में नए कार्यक्रमों और नीतियों के बेहतर डिजाइन के लिए संस्थागत क्षमता के भीतर बेस्ट प्रैक्टिसिज़ का आदान-प्रदान और रिसोर्सेज़ और नॉलेज रिपोसट्रीज़ तक पहुंच प्रदान करेगी।
समझौता ज्ञापन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, “झारखंड पिछले एक दशक में स्टार्ट-अप का केंद्र बन गया है। यहाँ उभरते उद्यमों की संख्या बढ़ी है और इस राज्य ने धीरे-धीरे कई मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस ओरिएन्टेज कंपनियों के लिए जगह बनाई है। इसने राज्य की अर्थव्यवस्था के फलने-फूलने में उल्लेखनीय योगदान दिया है और व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित की है। उद्यमी देश की अर्थव्यवस्था के चालक हैं; वे विकास और रोजगार को प्रोत्साहित करते हैं। कल के बडिंग इनोवेटर्स में उद्यमशीलता कौशल और भावना पैदा करना भारत को इनोवेशन का केंद्र बनाने की दिशा में देश के प्रयास का एक हिस्सा है।”
“यह साझेदारी उभरते उद्यमियों के लिए एक अनुकूल ईकोसिस्टम बनाने का वादा करती है, जो देश के अनुसंधान और औद्योगिक विकास को भी बढ़ाएगी। इस तरह की पहल के साथ, मंत्रालय भारत में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ रहा है और नई नीतियों और करिकुलम प्रोग्राम्स को सक्रिय रूप से साथ में डिजाइन कर रहा है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री राजेश अग्रवाल की उपस्थिति में राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) की निदेशक डॉ पूनम सिन्हा एवं वाइस चांसलर प्रोफेसर क्षिति भूषण दास, और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के ऊर्जा इंजीनियरिंग विभाग के हेड डॉ देवदास लाता के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
समझौता ज्ञापन पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा। उचित योजना, समीक्षा और कार्यान्वयन का सहयोग करने के लिए दोनों संस्थान आवश्यकतानुसार और समझौता ज्ञापन की अपेक्षाओं के अनुसार उपयुक्त प्रतिनिधियों की नियुक्ति करेंगे।