जयपुर: गैंगरेप की शिकार किशोरी लड़ रही है जिंदगी की जंग

एक ओर जहां दिल्ली गैंगरेप की शिकार युवती जिंदगी की जंग हार गई वहीं एक और किशोरी राजस्थान में आज भी यह जंग लड़ रही है। इसके शरीर पर भी वहशी दरिंदों ने कई जख्म दिए हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि आज जिस अपराध के खिलाफ पूरा भारत गुस्सा में है वहीं राजस्थान की इस बच्ची की हमें खबर तक नहीं है। इस मासूम की हालत का जायजा लेने शनिवार को राज्य की राज्यपाल मार्गेट अल्वा भी अस्पताल गई थीं।

यह कहानी जयपुर की मासूम की है जिसे 20 अगस्त को तीन दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया। उसकी मां उस दिन को नहीं भूलती है जब वह सीकर से अपनी दूसरी बहनों के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी।

दरिंदगी की शिकार इस मासूम का जयपुर के जेके लोन अस्पताल में पिछले 131 दिन से इलाज चल रहा है। इस मासूम को दरिदों को ऐसे जख्म दिए हैं कि डॉक्टरों को उसके 12 ऑपरेशन करने पड़े। इस मासूम की हालत का जायजा लेने शनिवार को राज्य की राज्यपाल मार्गेट अल्वा भी अस्पताल गई थीं। उन्होंने पीड़ित के माता-पिता को उसके इलाज के लिए 51 हजार रुपये का चैक भी दिया।

परिवार वाले उस मनहूस दिन को कोस रहे हैं जिस दिन यह मासूम अपनी बहनों के साथ सीकर में फिल्म देखने गई थी। 20 अगस्त, 2012 को किशोरी सीकर में अपनी बहनों के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी, तभी रास्ते बीच में से दो लोगों ने उसको अगवाकर लिया और उसके साथ गैंगरेप किया। बाद में उसे लहूलुहान हालात में सड़क पर फेंक दिया।

उसके शरीर में आंत से लेकर अन्य कई अंगों में संक्रमण बुरी तरह से फैल चुका था। इस संक्रमण की वजह से 11 वर्ष की यह मासूम अभी तक 12 ऑपरेशन का दर्द झेल चुकी है। इसके बावजूद वह आज भी बिस्तर से नहीं उठ पाती है। जीने की चाह से भरी यह मासूम हर वक्त भयंकर पीड़ा को सहन करती है। हालांकि उसमें अब मामूली सुधार जरूर दिखाई देता है।

मासूम का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि 11 साल की ये बेटी अपने हौसले से जिंदगी की जंग लड़ रही है। लंबे इलाज के बाद अब कुछ सुधार नजर आ रहा है। लेकिन इस घटना से मासूम का परिवार सदमें में है। तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी मासूम को हर दिन मौत से जूझना पड़ रहा है। पुलिस ने गैंगरेप के छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

error: Content is protected !!