दिल्ली गैंगरेप हादसे ने सिर्फ दिल्ली की ही नहीं बल्कि पूरे देश की महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस, प्रशासन, सरकार हर कोई महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम नजर आ रही है। शायद इसी लिए महिलाओं ने अपनी हिफाजत करने का बीड़ा खुद ही उठाने की सोची है और इसके लिए उन्होंने बंदूक के लाइसेंस की अर्जियां दी हैं। 16 दिसंबर को हुई उस दर्दनाक हादसे की खबर 17 दिसंबर को आने के बाद से महिलाओं की तरफ से गन लाइसेंस के लिए होने वाले आवेदन ने एकाएक रफ्तार पकड़ी है। 18 दिसंबर से अब तक दिल्ली पुलिस के लाइंसेंसिंग डिपार्टमेंट के पास महिलाओं की तरफ से 274 अर्जियां आ चुकी हैं। वहीं, 2011 में डिपार्टमेंट को 500 आवेदन मिले थे।
दिल्ली पुलिस के अफसर ने बताया कि उस हादसे के बाद से 1,200 से ज्यादा कॉल आ चुकी हैं। ये कॉल्स न सिर्फ जॉब करने वाली महिलाओं की तरफ से आईं, बल्कि इनमें लंबी दूरी तय करके पढ़ने जाने वाली स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स के फोन भी शामिल हैं।
अब तक दिल्ली की महिलाएं इस बात को लेकर सतर्क थी लेकिन हाल ही में दिल्ली में हुए गैंगरेप की वारदात ने उन्हें और चौकन्ना कर दिया है। सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि स्कूल कॉलेज की लड़कियां, युवतियां सभी अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं। इस अफसर ने बताया कि लाइसेंस के आवेदन और बढ़ते ही जा रहे हैं।
महिलाओं को कहना है कि उन्हें अपने ही शहर में अब सरेआम घूमने में डर लगने लगा है। अपना शहर ही अंजाना और पराया सा हो गया है। इसलिए वह अपनी हिफाजत खुद करना चाहती हैं। उनका मानना है कि अब वक्त आ गया है जब ऐसा कोई कदम उठाना आवश्यक हो चला है। वह और जोखिम नहीं उठाना चाहती हैं। हालांकि जेएनयू की छात्राओं ने प्रदर्शन के दौरान खुद की हिफाजत के लिए रिवाल्वर रखने की बात कही थी।