कैंसर के सहयोगात्मक अनुसंधान में तेजी के लिए लॉन्च किया गया भारत का पहला ऑन्कोलॉजी इमेज बैंक – छवि

कोलकाता, सितम्बर 2022 : कोलकाता के टाटा मेडिकल सेंटर और भारतीय प्रौधोगिक संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर ने भारत की प्रथम पूर्ण रूप से वर्णित, संबंधपरक, अनिर्धारित (डी-आइडेंटिफाईड) कैंसर इमेज बैंक – छवि को लॉच किया। कोलकाता में भारत के दो प्रमुख संस्थानों के बीच अनुसंधान के लिए अपनी तरह की अभूतपूर्व साझेदारी का शुभारम्भ किया गया। छवि – कॉम्प्रेहेंसिव आर्काइव ऑफ़ इमेजिंग (इमेजिंग का व्यापक संग्रह) का शुभारंभ भारत में कैंसर अनुसंधान के लिए एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। यह पूरे विश्व के वैज्ञानिकों को डी-आइडेंटिफाईड (अनिर्धारित) रोगी की इमेज और आवश्यक नैदानिक जानकारी की निःशुल्क सुलभता प्रदान करेगा जिसका उपयोग अनुसंधान के उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
उद्घाटन में विशेषज्ञों की अध्यक्षता में सारगर्भित चर्चा भी हुई, जिसमें टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता के डायरेक्टर डॉ अरुण पी; टाटा मेडिकल सेंटर के पूर्व निदेशक डॉ मैमन चंडी; आईआईटी खड़गपुर के एआई और कंप्यूटर विज्ञान के पूर्व निदेशक एवं प्रोफेसर, पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती; आईआईटी खड़गपुर के डीन आउटरीच प्रोफेसर जयंत मुखर्जी के साथ-साथ एसीटीआरईसी मुंबई, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर के विभागाध्यक्षों (हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट्स) और कैंसर तथा चिकित्सा में आर्तिफ़िकिअल इंटेलिजेंस के अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। लॉन्च के अवसर पर टाटा मेडिकल सेण्टर के डॉ. संजय चटर्जी, डॉ. इन्द्रनील मल्लिक, और डॉ. संतम चक्रबर्ती भी उपस्थित थे।
छवि पहला इमेजिंग बायोबैंक है जो विशेष रूप से भारत से ऑन्कोलॉजिकल कल्पना के लिए समर्पित है। टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता और आईआईटी खड़गपुर के बीच एक शोध सहयोग के रूप में इस परियोजना को डिजाइन किया गया है, और इसे भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएलआई) के एक हिस्से के रूप में विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य एक इमेज बायोबैंक विकसित करना है जो देश भर में उपलब्ध हो और प्रमुख भारतीय कैंसर संस्थानों के बीच भविष्य के सहयोगात्मक अनुसंधान प्रयासों की नींव को प्रोत्साहन देना है। यह परियोजना शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों को छवि में उपलब्ध इमेजिंग डेटा के भण्डार का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
टाटा मेडिकल सेंटर कोलकाता के निदेशक, डॉ.पी अरुण ने कहा कि, “डिजिटल इमेजिंग के डेटा रोगी की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण हैं, और आज की टेक्नोलॉजी की बदौलत, यह रोगियों में परिणामों को बेहतर बनाने के भावी अनुसंधान के लिए एक आधार भी तैयार करता है। यह वर्तमान उपचार प्रोटोकॉल की प्रभावकारिता के मूल्यांकन की भी अनुमति देता है। टाटा मेडिकल सेंटर और आईआईटी खड़गपुर के सहकर्मियों के सहयोग से विकसित, छवि हमें स्वतंत्र रूप से उपलब्ध वर्णित डिजिटल ऑन्कोलॉजिकल इमेजिंग का उपयोग करके एआई-रेडियोमिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए प्लैटफॉर्म मुहैया करता है।
आईआईटी खड़गपुर के पूर्व निदेशक, आईआईटी खड़गपुर में कंप्यूटर साइंसेज विभाग के प्रोफेसर, प्रोफेसर पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने कहा कि, “हमने छवि को कैंसर इमेज के एक अद्वितीय व्यापक डिजिटल संग्रह के रूप में देखा, जो रोगी के परिणामों में सुधार में सहायता के लिए पूरक जानकारी की प्रदान करता है। टाटा मेडिकल सेंटर और आईआईटी खड़गपुर के बीच हमारे द्वारा किए गए आरम्भ किये गए सहयोगात्मक कार्य अब एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुँच गया है – भण्डार ने काम करना आरम्भ कर दिया है। इससे अब दुनिया भर के संस्थानों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग की की क्षमता मिलनी चाहिए। भारत का पहला ऐसा फ्री एक्सेस डेटाबैंक : छवि, इस क्षेत्र के डेटा के उपयोग की अनुमति देगा जो पहले अनुपलब्ध थे। साथ ही यह रेडियोमिक अनुसंधान में प्रासंगिक जातीय विविधता बढ़ाएगा और रोगी की देखभाल में सुधार के लिए उपलब्ध ओएमआईसीएस डेटा को परिपूर्ण बनाएगा।
प्रोफेसर जयंत मुखर्जी, आईआईटी खड़गपुर के डीन आउटरीच और कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्राध्यापक ने कहा कि, “यह देखकर बहुत संतोष होता है कि रेडियोलॉजिकल इमेज डेटाबैंक ‘कैंसर इमेजिंग का व्यापक डिजिटल भण्डार’ यानी कॉम्प्रेहेंसिवे डिजिटल आर्काइव ऑफ़ कैंसर इमेजिंग (सीएचएवीआई), जिसे आईआईटी खड़गपुर और टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता के बीच एक शोध सहयोग के तहत विकसित किया गया है, इमेजिंग और ऑन्कोलॉजी परिचालन और चिकित्सा के कार्यक्षेत्र में शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। एआई और मशीन लर्निंग के इस युग में ज्ञान के अनुसरण के लिए डेटा एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, और छवि शोधकर्ताओं को इस प्रमुख घटक के साथ सुविधा प्रदान करेगा और उनके बीच सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान परिषद् (एसईआरबी) के सचिव, डॉ संदीप वर्मा ने बताया कि, ”मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि टाटा मेडिकल सेंटर और आईआईटी खड़गपुर द्वारा भारत का प्रथम पूर्ण विवरण युक्त कैंसर इमेज बैंक – छवि विकसित किया गया है। इस प्रकार की प्रगति के विषय में जानना सच में बहुत गर्व की बात है। इस अनुसंधान कार्य में डॉ संजय चटर्जी, प्रोफेसर पी.पी. चक्रवर्ती और उनकी टीम के प्रयास सराहनीय हैं।”
जो चीज छवि को अद्वितीय बनाती है, वह है सभी रोगियों के लिए अचिन्हित किये गए जनसांख्यिकीय, नैदानिक, रोगविज्ञानी, आणविक जैविक, उपचार और परिणाम डेटा के एकीकृत, संबंधपरक, विशाल डेटाबेस। यह डेटाबेस विभिन्न कैंसर साइटों पर छवि समूह की खोज के लिए एक शक्तिशाली साधन है। यह सुविधा एक इच्छुक शोधकर्ता को कैंसर साइट एग्नोस्टिक तरीके से रेडियोलॉजिकल इमेज की भरपूर छानबीन करनेके अनुमति देती है। ऑन्कोलॉजी एक ऐसा विषय है जो न केवल निदान के लिए बल्कि थेरेपी और पोस्ट-थेरेपी फॉलो-अप के लिए भी कल्पना पर बहुत अधिक निर्भर है। छवि के माध्यम से, दुनिया भर के केंद्र रेडियोमिक अनुसंधान को बढ़ाने और सहयोगी अनुसंधान कार्य में सुधार करने के लिए छवियों को मुफ्त में अपलोड कर सकते हैं, जो कैंसर की देखभाल में मदद करेगा और कैंसर को नियंत्रित करने के लिए बेहतर रणनीति बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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