पहले एम्स ट्रामा सेंटर क्यों आई थी पुलिस?

दिल्ली गैंगरेप मामले में दिल्ली पुलिस भले ही यह मानने को तैयार न हो कि युवती को सफदरजंग अस्पताल लाने के पीछे इलाके का चक्कर नहीं था। लेकिन दिल्ली पुलिस की यह दलील कानून के जानकार मानने को तैयार नहीं हैं। अगर इलाके का चक्कर नहीं था तो युवती को एम्स ट्रॉमा सेंटर में ही भर्ती क्यों नहीं कराया गया? वह भी जब 16 दिसंबर को घटना वाली रात दिल्ली पुलिस की पीसीआर युवती को लेकर पहले एम्स ट्रॉमा सेंटर ही पहुंची थी। ट्रॉमा सेंटर के बाहर जब पीसीआर को युवती को सफदरजंग ले जाने का निर्देश मिला तब वह उसे लेकर सफदरजंग आ गई थी। पुलिस सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।

बेहद लापरवाही भरे इस मामले में छीछालेदर न हो इसलिए पुलिस ने इसे अत्यंत गोपनीय रखा है। इसे रिकार्ड पर नहीं लाया गया है। इसी वजह से पुलिस अधिकारी इलाका विवाद की किसी दलील को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। शनिवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में संयुक्त पुलिस आयुक्त विवेक गोगिया से भी जब इलाका विवाद के बारे में सवाल किए गए तो वह भी यह मानने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने यह तर्क तो दे दिया कि पीसीआर वैन का कोई इलाका नहीं होता है। पीसीआर वैन जिले से नहीं बल्कि कंट्रोल रूम से जुड़ी होती है। उसे इलाके से कोई लेना-देना नहीं होता है।

लोगों को यह अच्छी तरह पता है कि पुलिस में इलाके का चक्कर होता है। इससे कई बार दो या तीन थानों के बीच घंटों तूतू-मैंमैं होती है। दिल्ली की बात करें तो अलग-अलग जिलों में इलाके के हिसाब से प्वाइंट निर्धारित होता है, जहां पीसीआर वैन खड़ी रहती है। जिलेवार परमानेंट ड्यूटी होने से उन्हें इलाके के बारे में अच्छी तरह जानकारी होती है। जिससे कॉल मिलने पर नजदीकी पीसीआर वैन मौके पर पहुंच कर पीड़ित को संबंधित नोटिफाइड (अधिकृत) अस्पताल में ले जाकर भर्ती करा देती है।

महिपालपुर होटल एरिया के सामने सड़क की दूसरी तरफ जहां युवक-युवती को वारदात के बाद फेंका गया था। वह इलाका दिल्ली कैंट में लगता है, जबकि होटल वाला एरिया दक्षिण जिला के वसंतकुंज साउथ व वसंतकुंज नार्थ थानाक्षेत्र में लगता है। इन दोनों थाना क्षेत्रों के एमएलसी केस एम्स ट्रॉमा सेंटर लाए जाते हैं। जबकि दक्षिण-पश्चिम जिला के दिल्ली कैंट व नारायणा थानाक्षेत्र के एमएलसी केस सफदरजंग अस्पताल लाए जाते हैं।

घटना वाली रात मौके पर हुई पूछताछ से पीसीआर को लगा था कि यह मामला वसंतकुंज नार्थ या साउथ का लग सकता है। जिससे पीसीआर पहले दोनों को लेकर एम्स ट्रामा सेंटर आ गई थी। अस्पताल में दोनों को भर्ती कराने से पूर्व जब उन्हें दिल्ली कैंट का इलाका लगने की बात कही गई तब उन्हें सफदरजंग में भर्ती कराया गया। यह अस्पताल दक्षिण जिला में जरूर पड़ता है। लेकिन जब भी इस जिले में कोई वारदात होती है तो पीड़ितों को या तो एम्स या फिर एम्स ट्रॉमा सेंटर ही ले जाया जाता है। पुलिस इसलिए भी सवाल के घेरे में है, जब युवती की हालत ज्यादा गंभीर थी तो उसे सफदरजंग क्यों लाया गया?

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