बीन्स से कहीं बढ़कर: वे तीन तरीके जिनसे कोस्टा कॉफी बदलाव ला रहा है

नई दिल्ली, अगस्त 2023: ताजा बनी कॉफी की तेज सुगंध एक स्थायी और जिम्मेदार स्रोत से आती है और इसका स्वाद लेना एक ऐसी खुशी है, जिसे कोस्टा कॉफी ने भारत में अपने ग्राहकों के लिए संभव बनाया है। यह न सिर्फ आपको एकदम परफेक्‍ट कॉफी कप उपलब्‍ध कराता है, बल्कि कोस्टा कॉफ़ी को धरती को सकारात्‍मक रूप से प्रभावित करने एवं इस विविधतापूर्ण व सांस्‍कृतिक रूप से जीवंत देश को निरंतर सेवायें देने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता पर भी गर्व है। कॉफी की गहरी समझ के साथ, कोस्टा कॉफ़ी का यह भी मानना है कि इसका सिर्फ गुणवत्तापूर्ण फलियों (बीन्‍स) तक ही सीमित नहीं है। यह पर्यावरण के पोषण और कॉफी उत्पादकों को सशक्त बनाने का काम पूरे मन से करता है। श्री विनय नायर, जनरल मैनेजर, भारत और उभरते बाजार, का कहना है कि रेनफॉरेस्ट अलायंस के साथ सहयोग करने से लेकर एथिकल सोर्सिंग और पर्यावरण प्रबंधन को बढ़ावा देने तक, कॉफी की यह दिग्गज कंपनी उत्तरदायित्वपूर्ण पहलों को करने में अग्रणी रही है। कैसे, जानते हैं :
एक बेहतर दुनिया का निर्माण: जागरूकता के साथ उठाएं कोस्टा कॉफी की कॉफी का आनंद-ऐसे देश में जहां चाय हमेशा से ही लोगों का पारंपरिक और मनपसंद पेय रहा है, वहां कॉफी अब उनके दिल में अपनी जगह बना चुका है, जो साझा जुनून और यादगार पलों के वैश्विक परंपरा के रूप में विकसित हो रहा है। कोस्टा कॉफी भारत में कॉफी के प्रति बढ़ते प्रेम को पर्यावरण संरक्षण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ दिल से स्वीकार करता है। कॉफी का प्रत्येक कप एक सकारात्मक छाप छोड़ता है और इसे देखते हुए कोस्ट कॉफी अपनी कॉफी बीन्स को जिम्मेदारी से प्राप्‍त करता है। टिकाऊ कॉफी आपूर्ति के महत्व को पहचानते हुए कॉपी की दिग्गज कंपनी ने रेनफॉरेस्ट एलायंस के साथ सहयोग किया है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है और यह एक ऐसे भविष्य के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है, जहां लोग और प्रकृति सद्भाव के साथ एक साथ रह सकें। 2008 से, कोस्टा कॉफी और रेनफॉरेस्ट एलायंस महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान करने और भारत में कॉफी के उत्पादन, स्रोत और खपत के तरीके को बदलने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। कॉफी की खेती के स्‍थायित्‍वपूर्ण तरीकों का समर्थन करके, कोस्टा कॉफी भारत की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने और कॉफी उगाने वाले समुदायों के लिए उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने में योगदान दे रहा है।
सपनों को पूरा करना: शैक्षिक पहल के माध्यम से कोस्टा फाउंडेशन का प्रभाव- कारोबार में कॉफी उत्पादक किसानों की अहम भूमिका को पहचानते हुए, कोस्टा कॉफी ने कोस्टा फाउंडेशन की स्थापना करके इन समुदायों का समर्थन करने की जिम्मेदारी उठाई है। दुनिया के कुछ सबसे गरीब देशों के दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने के अभियान के साथ, कोस्टा फाउंडेशन स्कूलों और परियोजनाओं को फंड मुहैया कराता है, जो नई शैक्षणिक सुविधाओं का निर्माण करते हैं, मौजूदा सुविधाओं का विस्तार करते हैं, जल आपूर्ति और बिजली में निवेश करते हैं और कक्षाओं को आवश्यक तकनीकी से सुसज्जित करते हुए शौचालय और शिक्षक आवास का निर्माण, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और व्यावहारिक शिक्षा की जमीन तैयार करते हैं। कंपनी का व्यापक दृष्टिकोण दुनिया के दस अलग-अलग देशों में समुदायों के उत्थान और शिक्षा के माध्यम से भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने, हजारों बच्चों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डालने तक फैला हुआ है।
स्वस्थ आहार : ग्राहक कल्याण के प्रति कोस्टा कॉफी की प्रतिबद्धता-भारत में, जब कॉफी के शौकीन लोग कोस्टा कॉफी की बेहतरीन कॉफी पेशकश का आनंद लेते हैं तो वे इस जानकारी से और अधिक उत्साहित हो सकते हैं कि वास्तव में वे एक उपयुक्‍त विकल्प को चुन रहे हैं। देश में कोस्टा कॉफी की क्लासिक कॉफी रेंज बिना किसी अतिरिक्त चीनी के तैयार की जाती है। कोस्टा कॉफी एक सही संतुलन बनाती है, जिससे भारतीय कॉफी प्रेमियों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए स्वादिष्ट पेय पदार्थों का स्वाद लेने में मदद मिलती है। कॉफी के शौकीनों के पास सोया दूध और जई के दूध जैसे आहार संबंधी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए दूध के विभिन्न विकल्पों में से चयन करने का विकल्प होता है। स्वाद और पोषण के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से, कोस्टा कॉफी नए मानक को स्थापित करती है, जो पूरे भारत में पौष्टिक कॉफी अनुभवों की दुनिया को प्रेरित करती है।
कोस्टा कॉफी के प्रत्येक कप का स्वाद लेने के साथ ही आप एक बड़ी कहानी का हिस्सा बन जाते हैं, जिसमें कॉफी के प्रति प्रेम, सोच समझ कर अपनाया गया विकल्प और एक हरित और बेहतर कल का दृष्टिकोण शामिल है।

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