तनाव कम करने के लिए भारत-पाक डीजीएमओ में बातचीत

पाकिस्तान अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ पीएम मनमोहन सिंह से लेकर भारतीय सेनाध्यक्ष तक ने कड़ा रुख अख्तियार किया तो दूसरी तरफ पाकिस्तान हर आरोप को सिरे से खारिज करते हुए लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। हद तो अब हो गई है पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों पर पाक सैनिक के कत्ल का आरोप लगाया। पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा है कि इस मामले को लेकर भारत से वह कड़ा विरोध जताएगा। दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई है।

पाकिस्तान फ्लैग मीटिंग के बाद महज एक दिन के अंदर पांच बार संघर्ष विराम का उल्लंघन पाक ने किया है। जहां प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बर्बर घटना के बाद पाकिस्तान से रिश्ते पहले जैसे नहीं रह सकते। पीएम के संदेश से पहले ही बुजुर्गो के वीजा पर रोक लगा कर भारत ने कड़ा संदेश दे दिया। वहीं, भाजपा इस भावनात्मक मुद्दे को भुनाने की कोशिश में लगी रही। भाजपा नेताओं ने पीएम के सख्त संदेश को अपनी सफलता बताया। उधर सेनाध्यक्ष ने कहा कि अब पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।

पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत के दो जवानों की बर्बर हत्या के बाद जारी तनाव को कम करने के लिए सोमवार को हुई फ्लैग मीटिंग के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। मीटिंग के बाद मंगलवार रात तक वह पांच बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है। पाकिस्तान ने मंगलवार शाम पुंछ सीमा पर फिर घुसपैठ का प्रयास करते हुए भारी गोलीबारी की। देर रात कृष्णा घाटी सेक्टर में भी पाकिस्तान ने फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना के जवानों ने मेंढर के सीमावर्ती क्षेत्र बेरी टप्सी व फुगबाड़ी गली में करीब 12 आतंकियों को घुसपैठ करते देखा। जवानों द्वारा आतंकियों को ललकारने पर पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कवर फायर दिया और सीमा पर दोनों तरफ से भारी गोलीबारी शुरू हो गई। इसके बाद आतंकी वापस भाग गए। इस गोलीबारी में कोई नुकसान नहीं हुआ। सोमवार को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग के बावजूद पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है।

पाकिस्तान की बर्बरता ने बिगाड़ दिए रिश्ते

नियंत्रण रेखा पर दो भारतीय सैनिकों की बर्बरता से हत्या से आहत, आक्रोशित और साथ ही खुद को अपमानित महसूस कर रहे देशवासियों को दिलासा देने के लिए आखिरकार प्रधानमंत्री आगे आए, लेकिन पूरे एक हफ्ते बाद। हालांकि उन्होंने अपेक्षाकृत कठोरता का परिचय दिया और इसके संकेत पाकिस्तानी बुजुर्गो को वीजा अॅान अराइवल सुविधा देने के फैसले को टालने और पाकिस्तान के नौ हॉकी खिलाड़ियों को वापस भेजने से मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बर्बर घटना के बाद पाकिस्तान से रिश्ते पहले जैसे नहीं रह सकते। मनमोहन सिंह का बयान ऐसे समय आया जब वायु सेनाध्यक्ष के साथ-साथ थल सेनाध्यक्ष पाकिस्तान के खिलाफ तीखे तेवर में अपनी बात कह चुके थे।

लांस नायक हेमराज व सुधाकर सिंह की बर्बर हत्या के बाद जन आक्रोश को देखते हुए कांग्रेस पार्टी और सरकार के सहयोगी दलों की ओर से भी यही सुर आए थे कि पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया जाना चाहिए। विपक्ष की ओर से इस भावनात्मक मुद्दे को उठाने के प्रयासों ने भी प्रधानमंत्री को खामोशी तोड़ने को मजबूर कर दिया। घटना के सात दिन बाद मौन तोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मामले पर सरकार का नजरिया विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह स्पष्ट कर चुके हैं।

मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें सीमा पर हालात की जानकारी दी।

इससे पहले सेना दिवस के मौके पर सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह के घर दावत में पहुंचे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ 15 जनवरी से लागू होने वाली वरिष्ठ नागरिकों के लिए वीजा ऑन अराइवल [आगमन पर वीजा] की व्यवस्था को टालने के फैसले को जायज ठहराया। पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार के लिए अगुआई करते रहे प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पाक को यह यह समझना होगा कि इस घटना के दोषियों को सजा दिया जाना जरूरी है।

हालांकि पाक के खिलाफ विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती। माना जा रहा है कि रियायती वीजा समझौते का क्रियान्वयन रोककर भारत पाक को शांति पक्रिया से हाथ खींचने के संकेत दे रहा है।

अभी तक शांति कायम रखने पर जोर देते आ रहे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी कहा कि पाकिस्तान यह न समझे कि मेंढर की घटना पर भारत की शिकायतों की अनसुनी व सीनाजोरी के बावजूद रिश्ते सामान्य गति से आगे बढ़ते रह सकते हैं। कूटनीतिक गलियारों में इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता प्रक्रिया की बैठकों का सिलसिला भी लड़खड़ा सकता है।

पीएम के कड़े तेवर का भाजपा ने लूटा श्रेय

लंबी चुप्पी के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी क्या दी, भाजपा ने इसका श्रेय लेने में देर नहीं की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री के बयान पर संतोष जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [एनएसए] शिवशंकर मेनन के साथ भाजपा नेताओं की बातचीत का असर हुआ। सरकार ने देश का मूड समझा तो सही। मनमोहन ने मंगलवार को कहा कि पाक के बर्बर व्यवहार के बाद संबंध सामान्य नहीं रह सकते हैं।

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