रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया [आरबीआई] ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति की आखिरी तिमाही समीक्षा पेश करने के साथ ही ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर कर उपभोक्ताओं को राहत दी है। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिसपर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इसके अलावा आरबीआई ने सीआरआर में भी 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया है। पिछले वर्ष अप्रैल के बाद यह पहला मौका है जब आरबीआई ने ब्याज दरों में कमी की है।
रेपो रेट के कम करने के बाद अब बैंकों के पास कर्ज देने के लिए ज्यादा पैसा होगा, जिसके बाद बैंकों को ब्याज दर कम करने में आसानी होगी। साथ ही अब होम और ऑटो लोन की ब्याज दरों में कमी होने की भी उम्मीद है। सीआरआर [कैश रिजर्व रेशो] में में 0.25 फीसदी की कटौती भी की गई है।
सोमवार की शाम अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय बैंक ने चालू खाते में घाटे की खतरनाक स्थिति को लेकर चेताया था। वहीं, महंगाई के पूरी तरह से काबू में नहीं आने पर अपनी चिंता भी जताई थी। हालांकि आरबीआई ने कल ब्याज दरों में कटौती की संभावना से पूरी तरह से इन्कार भी नहीं किया था।
सरकार के नुमाइंदों से लेकर उद्योग जगत के दिग्गज तक आरबीआई गवर्नर डी सुब्बाराव से सार्वजनिक तौर पर आग्रह कर चुके थे कि इस बार ब्याज दरों में कटौती की जाए। तभी अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ती रफ्तार को तेज किया जा सकेगा। देश के सभी प्रमुख उद्योग चैंबरों व बैंकरों ने आरबीआई से कहा है कि वह रेपो रेट (वह ब्याज दर जिस पर आरबीआइ बैंकों को कम अवधि के कर्ज देता है) में कम से कम 0.25 फीसद की कटौती अवश्य करे। इससे होम और ऑटो लोन वगैरह की दरों में कटौती होगी।