संसद के सेंट्रल हॉल में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सरोश होमी कपाड़िया ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद महामहिम को 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद निवर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के साथ महामहिम ने कुर्सी बदली और वे सेंट्रल हॉल के मंच पर बीच की कुर्सी पर बैठ गए। इसके साथ ही प्रणब मुखर्जी महामहिम बन गए और प्रतिभा पाटिल पूर्व राष्ट्रपति।
मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति बने हैं। राष्ट्रपति के तौर पर अपना पहला अभिभाषण देते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मैं हर तरह से संविधान की रक्षा करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं पूरी कोशिश करूंगा कि गरीबों तक संपन्नता पहुंचे। महामहिम ने कहा कि भूख से बड़ा कोई अपमान नहीं इसलिए हमें भूख और गरीबी को मिटाना है।
इस मौके पर ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, विदेशी राजनयिक, संसद सदस्य और प्रशासन तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
शपथ लेने से पहले प्रणब मुखर्जी ने महात्मा गांधी और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं की समाधि पर जा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मर्सिडीज बेंज एस-600 में सवार प्रणब सबसे पहले राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने वीर भूमि पर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी।