शाहरूख ने तोड़ी चुप्पी, पाक को दिया करारा जवाब

पाकिस्तान की नापाक नसीहत से उपजे विवाद के बाद बॉलीवुड सुपर स्टार शाहरुख खान ने मंगलवार देर शाम चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा, मुस्लिम होने केबावजूद भारत में मुझे पूरा प्यार और सम्मान मिला है, जिसके लिए मैं तहे दिल से लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं अपने बच्चों तक को यही समझाता हूं कि तुम पहले भारतीय हो, उसके बाद तुम्हारा धर्म इंसानियत है। बाहरी लोगों को सलाह देने से बाज आना चाहिए।

शाहरुख खान ने कहा, मेरे लेख को लेकर बिना वजह विवाद पैदा किया गया है। मुझे लगता है कि लेख के बारे में विवादित बयान वही लोग जारी कर रहे हैं, जिन्होंने मेरा लेख नहीं पढ़ा है। मैं अपने लेख के माध्यम से यह कहना चाहता था कि ऐसा चंद मौकों पर हुआ है, जबकि एक फिल्म अभिनेता के मुस्लिम होने के नाते उसकी जाति के नाम पर उसके बयानों का दुरुपयोग किया गया, बेवजह की बातें बनाई गईं। मेरे लेख में कहीं से यह जाहिर नहीं होता कि मैंने 20 साल के फिल्मी कैरियर में देश के लोगों से मिले प्यार की बेअदबी की हो।

उल्टे लेख यह बताता है कि समय-समय पर मुझे विवादों में घसीटा गया, लेकिन छोटी मानसिकता वाले लोगों का मकसद पूरा नहीं हुआ। मैं खान हूं, लेकिन यह मेरी रूढि़वादी छवि को नहीं दर्शाता है। शाहरुख ने कहा, मुझे जिस तरह की जिंदगी मिली है, उसने करोड़ों भारतीयों से मिलने और जुड़ने में मदद की है। इस प्रकरण से मैं निराश नहीं हूं, जो प्यार और सम्मान भारत और दुनिया भर के लोगों ने मुझे दिया है, उसके सामने मैं किसी भी मुसीबत का सामना करने को तैयार हूं।

इससे पहले फिल्म अभिनेता को सुरक्षा मुहैया कराने के पाकिस्तानी गृहमंत्री रहमान मलिक के बयान पर भारत सरकार और राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। केंद्रीय गृह सचिव के अलावा सभी प्रमुख दलों ने भारत केअपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में सक्षम होने का दावा करते हुए मलिक को अपने मुल्क में अल्पसंख्यकों की चिंता करने का नसीहत दी। भाजपा ने ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को शरण देने वाले एक विफल राष्ट्र के गृहमंत्री के अनुचित बयान को हास्यास्पद करार दिया है। इस बीच, मुंबई पुलिस ने बताया कि शाहरुख की सुरक्षा रविवार को ही बहाल कर दी गई है। एक महीने पहले उनकी सुरक्षा वापस ली गई थी।

पाकिस्तानी गृहमंत्री के सुझाव को खारिज करते हुए केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने कहा कि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में सक्षम हैं। सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भारत सरकार में सभी नागरिकों की एक समान देखभाल का तर्क देते हुए कहा कि मलिक को अपने देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी रहमान मलिक के बयान को गैरजरूरी और अस्वीकार्य करार दिया है।

भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को शरण देने वाले एक विफल राष्ट्र के गृहमंत्री के ऐसे बयान पर केवल हंसा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान केच्च्च्चायुक्त को बुलाकर इस बयान पर सख्त विरोध दर्ज कराना चाहिए। भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी साफ कर दिया कि अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत किसी दूसरे देश के प्रति जवाबदेह नहीं है। जबकि कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि मलिक को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।

सोमवार को रहमान मलिक ने भारत को शाहरुख खान को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने का सुझाव देकर नया विवाद खड़ा कर दिया था। भारत में मुसलमानों की स्थिति पर शाहरुख के साक्षात्कार का हवाला देते हुए मलिक ने कहा था कि सरकार को फिल्म अभिनेता को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए। इससे पहले मुंबई हमले के आरोपी व लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद ने सुरक्षा के लिए शाहरुख खान को पाकिस्तान में आकर बसने का सुझाव दिया था।

शाहरुख के लेख और हाफिज सईद की टिप्पणी के बाद मुंबई पुलिस ने उनकी सुरक्षा की समीक्षा की। इसके बाद रविवार को शाहरुख की सुरक्षा बहाल कर दी गई। मुंबई पुलिस ने बताया कि एक पुलिस कांस्टेबल दिन में जबकि दूसरा रात में किंग खान की सुरक्षा में तैनात रहेगा।

::टर्निग प्वाइंट्स ::

21 जनवरी : न्यूयार्क टाइम्स के सहयोग से प्रकाशित पत्रिका आउटलुक टर्निग प्वाइंट्स का अंक बाजार में आया। इसमें प्रकाशित अपने लेख में शाहरुख खान ने 9-11 के बाद भारत में मुस्लिम होने के अपने अनुभव बताए। उनके मुताबिक कई बार उन पर पड़ोसी देश के प्रति निष्ठा रखने के आरोप लगे, जबकि वह भारतीय हैं और उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे।

25 जनवरी : मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद ने शाहरुख खान की आपबीती का हवाला देते हुए उन्हें पाकिस्तान में बसने का न्योता दिया और पूरी सुरक्षा और सम्मान देने का भरोसा दिलाया।

28 जनवरी : इस्लामाबाद में भारतीय च्च्चायोग में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में पाकिस्तानी गृहमंत्री रहमान मलिक ने कहा, मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि कृपया वह शाहरुख को सुरक्षा प्रदान करें। उन्होंने शाहरुख को कथित तौर पर धमकी देने वालों से अपनी धमकी वापस लेने की भी हिदायत दी।

हिंदुस्तान में मुसलमान ज्यादा महफूज

बरेली। बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के लेख तथा इस पर पाकिस्तान की विचित्र प्रतिक्रिया को लेकर छिड़े विवाद पर बरेली के मुस्लिम विद्वानों ने पाक की यह कहते हुए आलोचना की है कि हिंदुस्तान में मुसलमान ज्यादा महफूज हैं। बेहतर यही है कि पाक के सियासतदां बेवजह की बातें बनाने के बजाय अपने यहां के हालात सुधारने पर ध्यान दें।

नबीरे आला हजरत मौलाना मन्नान रजा खां मन्नानी मियां ने कहा, ‘पाक की बनिस्बत हिंदुस्तान में कानून व्यवस्था बेहतर है। ऐसे में शाहरुख खान को पाक आने की दावत देना गैर मुनासिब है। लग यह रहा है कि बेवजह का विवाद खड़ा किया गया है, जो ठीक नहीं है। इस मसले पर शाहरुख को आगे आकर स्थिति साफ करनी चाहिए।”

खानकाह नियाजिया के प्रबंधक शब्बू मियां नियाजी ने कहा, ‘हिंदुस्तान के मुसलमान पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा महफूज हैं। जो खुद महफूज नहीं हैं, उन्हें बचकानी बातें बनाने का हक नहीं है। बहुत से लोगों को आदत होती है, बेसिर पैर की बातें करने की। पाक सियासतदां भी यही काम कर रहे हैं, उन्हें शाहरुख खान जैसे फनकार को विवाद में नहीं घसीटना चाहिए।’

जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि पाक को हिंदुस्तान के मामलात में दखलंदाजी का हक नहीं है। रहा यहां के मुसलमानों का सवाल, तो उन्हें हर तरह से धार्मिक आजादी का हक हासिल है। शाहरुख खान को असुरक्षित बताने जैसे बयान देने से पाक हुक्मरानों को बचना चाहिए।

शाहरुख ने समझाया मुस्लिम होने का मतलब

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। शाहरुख खान के जिस लेख का हवाला देकर पहले पाकिस्तान के आतंकी सरगना हाफिज सईद और फिर वहां के बड़बोले गृहमंत्री रहमान मलिक ने भारत पर तंज कसे उसमें ऐसा कुछ नहीं है कि यह बॅालीवुड स्टार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है, लेकिन इस लेख में उन्होंने अपनी कुछ परेशानियों का जिक्र अवश्य किया है। उन्होंने एक पत्रिका में भारत में मुस्लिम होने के नाते अपने अनुभव कुछ इस तरह लिखे हैं:

‘जब भी इस्लाम के नाम पर कोई घटना होती है, मुझे उस पर अपने विचार देने के लिए पकड़ लिया जाता है। जब कभी भारत में नेताओं को मुस्लिम समुदाय का कोई काम गलत या राष्ट्र के खिलाफ लगता है, मैं बेवजह उनका निशाना बन जाता हूं। वे मुझे उस सब का प्रतीक बना लेते हैं। कई बार मुझ पर अपने देश से ज्यादा पड़ोसी मुल्क के प्रति लगाव रखने का आरोप लगता है। वह भी तब जब मेरे पिता ने देश को गुलामी से मुक्त कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था।

कई बार मेरे खिलाफ प्रदर्शन किए गए, जिसमें शामिल नेताओं ने मुझे अपना घर छोड़कर वहां लौट जाने को कहा, जिसे वे मेरा वास्तविक देश बताते हैं। हर बार मैं पूरी शालीनता के साथ उनकी बातों को खारिज कर देता हूं।’

किंग खान ने यह भी लिखा है, ‘मैंने अपने बच्चों के नाम आर्यन और सुहाना रखे हैं। खान उन्हें विरासत में मिला है। जब मुस्लिम उनसे उनके बच्चों के नाम पूछते हैं तो वह बड़ी कठिनाई से बता पाते हैं कि उनके नाम आर्यन खान और सुहाना खान हैं। नाम के आगे कोई सरनेम न जुड़ा होने से मेरे बच्चे पूरी तरह चक्कर में पड़ जाते हैं। कई बार वे मुझसे अपने धर्म के बारे में पूछते हैं। तब मैं एक अच्छे फिल्मी हीरो की तरह उन्हें बताता हूं कि तुम पहले भारतीय हो और उसके बाद तुम्हारा धर्म मानवता है। या फिर एक हिंदी गीत गा देता हूं कि तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा।’

शाहरुख के अनुसार, इत्तिफाक से कई आतंकियों के नाम के आगे वही खान जुड़ा है, जो मेरे नाम के साथ है। मैं इस वजह से कई बार परेशान हो चुका हूं। मैंने अपनी बात रखने के लिए ‘माई नेम इज खान’ फिल्म बनाई। मेरे नाम के साथ खान जुड़ा होने के कारण ही अमेरिका के एक हवाई अड्डे पर हिरासत में लेकर घंटों पूछताछ की गई। मुझे आश्चर्य हुआ जब मैं दूसरी बार अमेरिका गया तो मेरे साथ फिर वैसा ही व्यवहार किया गया।

शाहरुख ने लिखा है, ‘वह किसी की संवेदनाओं को चोट नहीं पहुंचाना चाहते, बल्कि सच्चाई बताना चाहते हैं कि उग्रपंथी या लोगों की हत्या करने वाले सिर्फ अपने दिमाग से चलते हैं। उनका उनके नाम, स्थान या धर्म से कोई लेना-देना नहीं होता। उनका मस्जिद या गिरजाघर में सदियों से बताए जा रहे धर्म से भी कोई वास्ता नहीं होता। उनकी आत्मा पर अजान या पोप के शब्दों का भी कोई असर नहीं होता। उनकी आत्मा पर शैतान का कब्जा होता है। मैं इन जैसे लोगों की बातों से वास्ता नहीं रखता।’

बकौल शाहरुख, ‘मैं न तो छह फिट लंबा हूं, न बहुत सुंदर और न ही मैं उन मुसलमानों में हूं जो दूसरे धर्मो को नीचा मानते हैं। मुझे मेरे धर्म के बारे में पेशावर में रहने वाले मेरे छह फुट लंबे और बेहद सुंदर पठान ‘पापा’ ने शिक्षा दी थी। उनका परिवार आज भी वहीं रहता है। वह खुदाई खिदमतगार आंदोलन के सदस्य थे और गांधीजी व खान अब्दुल गफ्फार खान के अनुयायी थे।

इस्लाम के बारे में मुझे सबसे पहली बात बताई गई कि महिलाओं व बच्चों की इज्जत करना और हर मानव के सम्मान को सबसे ऊपर रखना। मैंने सीखा कि किसी की संपत्ति, विचार, भावनाएं, सिद्धांत और धर्म का उतना ही सम्मान करो, जितना आप अपना करते हो। इसलिए मैं खान हूं। मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं। मेरी इस्लामी विचारधारा मेरी हिंदू पत्नी से कभी नहीं टकराती।’

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