मोदी की क्षमता को लेकर पार्टी में कोई शक नहीं: वैंकेया नायडू

भाजपा और एनडीए में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर जारी खींचतान के बीच गुरुवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वैंकेया नायडू ने कहा है कि मोदी की क्षमता पर पार्टी के किसी भी नेता को कोई शक नहीं है। लेकिन पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए अभी तक किसी का नाम तय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी घोषणा सही समय आने पर की जाएगी। नायडू ने कहा है कि इससे पहले सभी नेताओं की रजामंदी भी ली जाएगी।

इससे पूर्व बुधवार को पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी। वह मसले को सुलझाने के लिए वह आज संघ के नेताओं से भी मुलाकात करने वाले हैं।

एनडीए की घटक शिवसेना जहां पहले सुषमा स्वराज के नाम की रट लगाए हुए थी, वहीं उसने अपनी यह मांग छोड़ दी है। शिवसेना का कहना है कि सुषमा स्वराज दिवंगत नेता बाल ठाकरे की पसंदीदा उम्मीद्वार थीं। लेकिन अब उन्हें पीएम पद के लिए दूसरे नामों पर भी विचार करने से कोई परहेज नहीं है।

वहीं, जदयू गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर नाक-भौं सिकोड़ रही है। गठबंधन में आपसी विवाद के बीच अब भाजपा में भी मोदी बनाम सुषमा की लड़ाई तेज हो गई है। पार्टी अध्यक्ष के लिए समस्या यह है कि दोनों में से किसे आगे किया जाए। पार्टी में एक धरा जहां मोदी के नाम पर फायदे की बात कह रहा है वहीं, एनडीए के घटक दल अलग-अलग राग छेड़ रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो भाजपा में मोदी और सुषमा को लेकर खेमेबाजी तेज हो गई है। मोदी को अरुण जेटली, वेंकैया नायडू, यशवंत सिन्हा, नितिन गडकरी का समर्थन हासिल है वहीं, सुषमा को लालकृष्ण आडवाणी, जसवंत सिंह, मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं का साथ मिल रहा है। इस गुटबाजी को हवा देने में कुछ स्वयंभू प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भी लगे हुए हैं। उन्हें लग रहा है कि दो की लड़ाई में तीसरे को फायदा मिल सकता है।

इस समस्या को लेकर पार्टी अध्यक्ष के साथ-साथ संघ की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उसकी स्थिति आगे कुंआ और पीछे खाई जैसी है। गुजरात में संघ की छाया से बाहर निकल चुके मोदी को वह स्वीकार करने के मूड में नहीं है, जबकि सुषमा उनकी विचारधारा में फिट नहीं बैठती हैं। इसलिए संघ कोई तीसरा रास्ता निकालने की कोशिश करे तो कोई अचरज नहीं होना चाहिए। इसमें फिर से आडवाणी या जोशी उसकी पसंद हो सकते हैं और इस पर एनडीए के घटक दलों को भी मनाया जा सकता है।

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