छह महीने के इंतजार के बाद रोडवेज कर्मचारियों को दो साल की नौकरी का तोहफा मिल गया। मंगलवार की दोपहर में शासन से इसकी जानकारी मिलने के बाद रोडवेज कर्मचारी झूम उठे। साथ ही एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी मनाई। शासन के इस फैसले से इलाहाबाद के 73 कर्मचारियों को तत्काल लाभ मिलने जा रहा है। इन सभी की जुलाई और अगस्त में सेवानिवृत्ति होनी थी।
रोडवेज के कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के लिए पिछले सालभर से निगम मुख्यालय और शासन के बीच फाइल टहल रही थी। जनवरी में आदेश जारी होने की संभावना बनी तो विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई। सो, आदर्श आचार संहिता में दो साल की नौकरी अटक गई। इस दौरान जनवरी से जून के बीच इलाहाबाद क्षेत्र से करीब 225 कर्मचारी रिटायर हो गए।
परिवहन निगम कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रमाकांत त्रिपाठी ने कहा, मंगलवार की सुबह मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए। लखनऊ से इसकी सूचना मिली तो कर्मचारी झूम उठे। छह दिन बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे 28 कर्मचारियों को मानों नई जिंदगी मिल गई। मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री शकील अहमद का कहना है कि शासन की सुस्ती के कारण सवा दो सौ कर्मचारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जनवरी में आदेश जारी हो जाता तो बड़ी संख्या में कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता।