राष्ट्रपति चुनाव में शिकस्त खाए पीए संगमा और समाजसेवी अन्ना हजारे ने भारत के प्रथम नागरिक के रूप में प्रणब मुखर्जी के शपथ ग्रहण का जायका बिगाड़ने की तैयारी पूरी कर ली है। संगमा ने फैसला किया है कि वह प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन का विवाद सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे। उधर, प्रणब मुखर्जी पर खुले तौर पर हमले करती रही टीम अन्ना भी बुधवार से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने की शुरुआत कर रही है।
संगमा की चुनाव प्रचार समिति की मंगलवार को अंतिम बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार इस मौके पर संगमा ने राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन के दौरान प्रणब मुखर्जी के लाभ के पद पर होने के मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का फैसला किया है। अगले एक हफ्ते के दौरान इस मामले में विधिवत ऐलान हो जाएगा। विदेश दौरे पर गये जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी का इंतजार हो रहा है। बैठक में संगमा के अलावा भाजपा नेता सुषमा स्वराज, एसएस अहलूवालिया, अनंत कुमार और सत्यपाल जैन भी मौजूद थे।
बैठक के बाद जैन ने कहा कि स्वामी के विदेश से लौटने के बाद संगमा के अदालत जाने की रणनीति का ऐलान कर दिया जाएगा। संगमा अदालत के जरिए प्रणब मुखर्जी से इस सवाल का जवाब चाहते हैं कि वह 2 जुलाई को भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) के चेयरमैन की हैसियत से लाभ के पद पर थे या नहीं।
दूसरी ओर प्रणब मुखर्जी का लगातार विरोध करती रही टीम अन्ना भी अब उन पर निशाना साध कर लोकपाल पर आक्रामक रुख करने जा रही है। टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के दिन उनके खिलाफ खुलेआम बयान देकर इसकी बानगी भी दे दी है।