डेढ़ करोड़ का दिया चंदा और मिल गई लालबत्ती

उत्तर प्रदेश में फरार अभियुक्त को लालबत्ती देने के मामले में अखिलेश सरकार सफाई भी नहीं पेश कर पाई थी कि एक और लालबत्ती विवादों में घिर गई। सरकार ने उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद पर गुपचुप तरीके से कोलकाता में कल्चरल इंस्टीटयूट चलाने वाले व्यवसायी सुदीप सेन को मनोनीत कर दिया, जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी को डेढ़ करोड़ रुपये चंदा दिया था। पिछले महीने हुए इस मनोनयन का अब पता चलने पर विपक्ष ने सरकार पर पद बेचने का आरोप लगाते हुए उसे कटघरे में खड़ा किया है।

प्रदेश में पर्यटन के विकास का जिम्मा संभालने वाले सुदीप सेन पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। सेन ने उप्र विधानसभा चुनाव के दौरान फरवरी 2012 में सपा को डेढ़ करोड़ रूपया चंदे में दिया था। तीन किश्तों में दिए गए इस चंदे की जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इससे पहले सेन की पत्नी अदिति ने भी दिसंबर 2011 में सपा को छह लाख रुपये का चंदा दिया था। सुदीप सेन के मनोनयन पर विपक्ष ने उंगलियां उठानी शुरू कर दी हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी का आरोप रहा कि इससे साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार लालबत्ती का सौदा कर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उसका दावा सिर्फ दिखावा है। भाजपा नेता हृदय नारायण दीक्षित ने कहा है कि इससे सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। विरोधी ही नहीं प्रदेश के सपा नेता भी इस मनोनयन को पचा नहीं पा रहे हैं। अनौपचारिक बातचीत में वह स्वीकारते हैं कि जुझारू व सक्रिय कार्यकर्ताओं के बजाए बाहरी लोगों को चंदे के आधार पर लालबत्ती मुहैया कराने से सरकार की छवि ही खराब होगी। वैसे सपा ने सुदीप सेन की तैनाती को सही ठहराया है।

पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सरकार की छवि खराब करने के लिए विपक्ष इस तरह के मुद्दे उछाल रही है। गौरतलब है कि केसी पांडेय को लालबत्ती देने का मामला अभी भी सरकार के गले की हड्डी बना हुआ है।

ये हैं सुदीप सेन

जागरण ब्यूरो, कोलकाता। चंडीगढ़ के प्राचीन कला केंद्र से अनुमोदित गीत, संगीत व नृत्य का इंस्टीट्यूट – बसंती विद्या बिथि चलाने वाले सुदीप सेन नजरुल गीत गायक के रूप में जाने जाते हैं। बंगाल में बसंती विद्या बिथि की 13 शाखाएं हैं। बिथि में मुख्य रूप से लड़कियों को रवींद्र संगीत, कथक, ओडिसी नृत्य, ठुमरी, शास्त्रीय संगीत, नजरूल गीत, गजल, भजन और संगीत सिखाया जाता है।

सेन इसके अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी अदिति सचिव। यह संस्था उनके दादा मनोरंजन सेन ने 1928 में स्थापित की थी। इस इंस्टीट्यूट का एक ट्रस्ट भी है, जिसका नाम मनोरंजन सेन स्मृति संसद ट्रस्ट है। सेन का मुख्य व्यवसाय बिथि ही है। सेन बंगाल की वाममोर्चा सरकार में मंत्री रहे व वर्तमान में सपा महासचिव व राज्यसभा सांसद किरणमय नंदा के काफी करीबी हैं। वह खुद भी कहते रहे हैं कि जब नंदा सोशलिस्ट पार्टी में थे तब से उनके उनके साथ हैं। सेन की सपा में पैठ के बारे में कहा जाता है कि नंदा ही इसके माध्यम रहे हैं क्योंकि, नंदा मुलायम के काफी करीबी हैं और बंगाल में राजनीति करते रहे हैं।

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