उप्र में प्रशिक्षु अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पर रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में प्रशिक्षु अध्यापक पद की भर्ती प्रक्रिया पर सोमवार को रोक लगा दी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अग्रिम आदेश तक चयन प्रक्रिया निलंबित रहेगी। कोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य विपक्षीगण को जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुशील हरकौली व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने नवीन कुमार श्रीवास्तव व अन्य की ओर से दाखिल स्पेशल अपील पर दिया है। स्पेशल अपील में वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे व शशि नंदन राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सीबी यादव व एनसीटीई के अधिवक्ता रिजवान अली अख्तर ने अपना तर्क रखा।

प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में प्रशिक्षु अध्यापक के 72,825 पदों के लिए काउंसिलिंग सोमवार से शुरू होनी थी। स्पेशल अपील में एकल न्यायाधीश के गत 16 जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कोर्ट ने शासन द्वारा 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन को रद कर गत सात दिसबंर को जारी विज्ञापन को सही माना था।

अपील में कहा गया कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में किया गया संशोधन एनसीटीई में उल्लिखित प्रावधानों के विपरीत है। यह भी कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन को रद कर जारी नए विज्ञापन में चयन का मानक व प्रारूप बदल दिया गया, जिससे पूर्व के विज्ञापन में जो अभ्यर्थी अर्ह नहीं थे, वे भी सात दिसंबर के विज्ञापन में अर्ह हो गए हैं, जो याचीगण के साथ प्रतिस्पद्र्धा में शामिल हो गए हैं।

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