यूपी बजट: ऊर्जा क्षेत्र को खास तव्वजो मिलने की उम्मीद

national-upbudget2013-power-sector-expects-a-lot-from-up-budget 2013-2-19

लखनऊ। सूबे को बिजली संकट से उबारने के लिए अखिलेश सरकार के दूसरे बजट में ऊर्जा क्षेत्र को खास तवज्जो मिलने की उम्मीद है। बजट में न केवल बिजली उत्पादन बढ़ाने पर बल्कि वितरण व पारेषण के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर काम के लिए अधिक धनराशि रखी जा रही है।

दरअसल, सूबे में बिजली का भयंकर संकट है। मांग-आपूर्ति के बीच तीन हजार मेगावाट से ज्यादा का अंतर होने से प्रदेशवासियों को भीषण गर्मी में अधाधुंध बिजली कटौती से जूझना पड़ता है। ऐसे में मुख्यमंत्री के साथ ही ऊर्जामंत्री का दायित्व संभाले अखिलेश यादव कहते रहे हैं कि उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में किसानों के बाद ऊर्जा क्षेत्र ही है। सरकार की प्राथमिकताओं में ऊर्जा क्षेत्र के रहने से बजट में राज्य के बिजली उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही विद्युत वितरण, पारेषण, ग्रामीण विद्युतीकरण व गांवों को रियायती दरों पर बिजली देने के लिए इस बार पहले से कहीं ज्यादा धनराशि रखे जाने की उ6मीद है। राज्य के बिजली घरों से उत्पादन बढ़ाने के लिए उत्पादन निगम का बजट प्रावधान डेढ़ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है।

निगम के पारेषण नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए बजट में 1300 करोड़ रुपये रखे जा सकते हैं। हरदुआगंज, पारीछा विस्तार व अनपरा डी बिजली घरों से प्रदेश को इस साल डेढ़ हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। सूबे के पारेषण नेटवर्क को बढ़ाने के लिए बजट में पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के कार्य प्रस्तावित किए जा सकते हैं। विद्युत वितरण संबंधी कार्यो के लिए 1400करोड़, कृषि क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति के स्वतंत्र फीडर के लिए 1500 करोड़ रुपये, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के लिए 117 करोड़ रुपये तथा राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के तहत विद्युतीकरण के लिए 371 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में रखी जा सकती हैं।

ग्रामीणों को घरेलू के साथ ही कृषि कार्य के लिए सस्ती बिजली देने के एवज में सरकार इस बार 4800 करोड़ रुपये ऊर्जा निगम को बतौर क्षतिपूर्ति देने के लिए बजट में रख सकती है ताकि ग्रामीणों को सस्ती बिजली मिलती रहे।

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