मोदी की हुंकार, कांग्रेस ने किया देश का बुरा हाल

modiनई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रविवार का दिन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम रहा। उन्होंने अपने भाषण में केंद्र सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि साठ वर्षो में कांग्रेस ने देश का खून चूस कर इसको कंगाल कर दिया है। ऐसी सरकार को अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। देश में अटल बिहारी वाजपेयी ने जहां परमाणु परीक्षण कर देश को समृद्धि की ओर चलाया, वहीं लाल बहादुर शास्त्री की एक आवाज पर देश के किसानों ने अनाज भंडारों को लबालब भर दिया। उन्होंने कांग्रेस को दीमक और भाजपा को इसको मारने की दवाई बताया।

अपने भाषण में उन्होंने जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की तारीफ की वहीं उन्होंने कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों की नीतियों को जमकर कोसा। मोदी ने कहा कि गुजरात में पार्टी के जीत सिर्फ अकेली की नहीं बल्कि पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं की जीत है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस मनमोहन सिंह की जगह प्रणब मुखर्जी को पीएम बनाती तो देश की हालत इतनी बुरी नहीं होती, क्योंकि प्रणब दा जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। उन्होंने कांग्रेस रूपी दीमक से देश को केवल भाजपा ही बचा सकती है।

मोदी ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार को गरीबों और आम आदमी की कोई चिंता नहीं है। ऐसे में भाजपा के रहते यह शर्म की बात है कि ऐसी सरकार केंद्र में है। उन्होंने कहा कि देश को विकास के पथ पर ले जाना कांग्रेस के खून में ही नहीं है। कांग्रेस ने तीन दशक तक देश का खून चूसा है। लेकिन इन दशकों में चीन इजराइल जैसे देश हमसे आगे निकल गए, लेकिन भारत नीचे ही गिरता गया। उन्होंने कहा कि राजनीति में आज भारत कहीं नहीं है। उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी की तुलना एक नाइट वाचमैन से की।

उन्होंने कहा कि सीताराम केसरी को उठाकर बाहर फेंक दिया गया और मौका मिलते की कांग्रेस की कमान एक बार इन्हीं हाथों में चली गई, जिनके पास वो पहले थे। मोदी ने कहा कि कांग्रेस को जिससे खतरा होता है वह उसका राजनीतिक करियर खत्म कर देती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से मुक्त होने के लिए देश आगे चल पड़ चुका है। देश की जनता ने कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कोशिश होगी की देश की कमान एक योग्य हाथों में हो।

शनिवार को जिस तर्ज पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की वाहवाही हुई, उससे अब उनकी पीएम पद की दावेदारी को पक्का माना जा रहा है। माना जा रहा है कि आज ही उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी देने का ऐलान किया जा सकता है।

शनिवार को राष्ट्रीय परिषद ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को टीम के साथ-साथ संसदीय बोर्ड के गठन की जिम्मेदारी दे दी है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह नई टीम और बोर्ड की घोषणा हो सकती है। हालांकि फिलहाल इसके विस्तार के लिए कोई संशोधन नहीं हुआ है लेकिन बाल आप्टे के निधन की वजह से एक सीट पहले से रिक्त है। पार्टी अध्यक्ष ने कल दिल्ली के खचाखच भरे तालकटोरा स्टेडियम में मोदी का यह कहते हुए स्वागत किया कि भारतीय जनता पार्टी ने कभी एक व्यक्ति के नेतृत्व में तीन बार चुनाव नहीं जीता है। उन्होंने गुजरात चुनाव में मोदी और भाजपा की जीत को अतुलनीय बताते हुए मोदी का जहां फूल माला से स्वागत किया वहीं उन्होंने कहा कि वह देश के सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री हैं।

शनिवार को भाजपा राष्ट्रीय परिषद की पूरी बैठक नरेंद्र मोदी के नाम हो गई। शनिवार को शुरू हुई दो दिवसीय बैठक का पहला दिन पूरी तरह मोदी मय रहा, जिसमें लगभग साढ़े चार हजार पदाधिकारियों से लेकर केंद्रीय नेता तक मोदी के साथ खड़े दिखे। उनकी तीसरी जीत के अभिनंदन में दिल्ली का पूरा तालकटोरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा और हर किसी की जुबां पर मोदी का नाम आया। दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने तो परोक्ष रूप से मोदी को प्रधानमंत्री ही बता दिया।

शनिवार को बैठक में सबसे पहले राजनाथ सिंह के चुनाव पर परिषद ने औपचारिक मुहर लगाई। बाद में राजनाथ अपना अध्यक्षीय भाषण देने खड़े हुए तो कुछ मिनटों में ही पूरा माहौल मोदी मय हो गया। गुजरात में लगातार तीसरी जीत की बधाई देते-देते राजनाथ ने सभी सदस्यों को खड़े होकर मोदी का अभिनंदन करने को कहा। इस पर नीचे बैठे नेताओं के साथ-साथ मंच पर सभी वरिष्ठ नेताओं ने भी खड़े होकर ताली बजाई। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी नेता मौजूद थे। यह क्रम लगभग एक मिनट तक चला और उस दौरान राजनाथ और मोदी पूरी अंतरंगता से एक-दूसरे के गले मिले। हालांकि संतुलन बनाने के लिहाज से राजनाथ ने बाद में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी नाम लिया। लेकिन मोदी पूरे नेतृत्व में सबसे आगे खड़े दिखे। पूरे दिन चली बैठक में आर्थिक प्रस्ताव के दौरान चर्चा के वक्त भी दो-तीन बार गुजरात के विकास और मोदी के नाम का उल्लेख किया गया तो नेताओं ने जमकर ताली बजाई।

सूरजकुंड में हुई परिषद की पिछली बैठक के मुकाबले इस बार मोदी भी ज्यादा उत्साहित थे। बैठक के दौरान वह पूरे समय तक अपनी सीट पर डटे रहे।

 

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