डेडलाइन से परेशान हैं तो अपनाएं ये उपाय

चाहे ऑफिस का काम हो या घर का, उसे सही समय पर निपटाना और समय का सही प्रबंधन हर कामकाजी व्यक्ति के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। इस चुनौती का सामना करने में कई बार तनाव इतना अधिक हो जाता है कि उसका प्रभाव हमारी सेहत पर भी नजर आने लगता है।

ऐसे में डेडलाइन को कैसे हैंडल करें, जिससे काम भी समय पर हो जाए और अधिक तनाव भी ना हो आगे हम ऐसे कुछ उपायों की चर्चा करने जा रहे हैं जो आपके लिए मददगार हो सकते हैं।

व्यावहारिक रणनीति बनाएं
डेडलाइन्स को समय से निपटाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप रणनीति तय करें। इसमें सबसे पहले आप अपने काम और परिवार के लिए समय निर्धारित कर दें। इसके बाद किन कार्यों के लिए आपको बाहर जाना होगा और कौन से काम आप  आसानी से आफिस मे ही कर सकते हैं, इसके लिए समय निर्धारित करें।

किसी भी काम को करने में आपको किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं और उनके समाधान में कितना समय लगेगा, अनुमान के आधार पर पहले से इसकी योजना जरूर बनाएं। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि आप काम में इतना न खो जाएं कि बाकी चीजों के लिए आपके पास समय न हो। इस तरह अपने काम करने की रणनीति को लंबे समय तक चलाएं और समय-समय इसकी कमियों को दूर करें।

रणनीति पर डटकर अमल करें
रणनाति बनाना जितना जरूरी है उतनी ही जरूरी उसे अपने रुटीन में ढालना है। जो भी काम करने हैं उनकी एक सूची बनाएं और उन्हें उनके महत्व के हिसाब से बांट लें और उन्हें पूरा करने की कोशिश करते रहें। आपकी रणनीति तभी सफल होगी जब आप पूरे अनुशासन के साथ उसपर अमल करेंगे।

कितने सफल हुए, इसकी जानकारी रखें
योजना बनाने और उसपर अमल करने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आपको अपने काम में कितनी सफलता मिल रही है। इससे आपको अंतिम समय में किसी भी तरह के फेरबदल से घबराहट नहीं होगी।

इसके अलावा, यह भी समझ में आएगा कि आपकी दिशा कितनी सही है। जिन कार्यों को आप अपनी रणनीति के अनुसार नहीं निपटा पा रहे हैं, उनकी वजहें भी आपको पता चलेंगी।

प्रतिबद्ध रहें लेकिन एक सीमा तक
काम के प्रति प्रतिबद्ध होने का मतलब यह नहीं कि आप सब कुछ भूलकर उसी में लगे रहें। काम के अलावा, ऑफिस में आपकी दूसरी गतिविधियां क्या हैं, अपने सहयोगियों के साथ आपका व्यवहार कैसा है, ये सब भी मायने रखता है।

इसका मतलब यह नहीं कि आप अपना काम छोड़कर सारा वक्त दूसरों की मदद बिताएँ। इससे भले ही आपको लगे कि आपकी लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है पर असलियत में सिर्फ आपका काम ही प्रभावित होगा।

खुद से रहें ईमानदार
आपको पता है कि जिन जिम्मेदारियों को पूरा करना आपके बस में नहीं है, खुद को बेहतर साबित करने की होड़ में उनको अपने सिर न लें। आपसे बेहतर आपकी कमियों और परिस्थिति को को नहीं समझता इसलिए आप जहां असमर्थ हैं उसे स्वीकार करना सीखें। अगर आप ऐसी किसी परिस्थिति में हैं जहां आप मना करने की स्थिति में नहीं हैं, वहां आप अपने सहयोगियों से मदद या डेडलाइन बढ़ाने के निवेदन से न चूकें।

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